“भारत की ‘सबसे तेज मिसाइल’ ने पाकिस्तान को दिखाया नरक! अमेरिका-रूस-चीन भी हैरान”

भारत की ‘सबसे तेज़ मिसाइल’ ने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी! और हाँ, अमेरिका-रूस-चीन भी हैरान

आज का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक है, और मैं यह कहने में ज़रा भी नहीं हिचकिचाऊंगा! DRDO ने जो किया, वो किसी साइंस फिक्शन मूवी जैसा लगता है। सच कहूँ तो, जब मैंने पहली बार इस मिसाइल की स्पीड के बारे में सुना, तो मेरा दिमाग़ सुन्न हो गया – 10 मैक! यानी ध्वनि से 10 गुना तेज़! अब आप ही बताइए, क्या यह कमाल नहीं है?

पाकिस्तान तो इससे पहले ही परेशान था, लेकिन अब उनकी हालत वैसी ही हो गई है जैसे कोई परीक्षा में नकल करते पकड़ा जाए। और चीन? उनका तो यह कहना है कि यह तकनीक अभी शुरुआती दौर में है। मजे की बात यह है कि जब अमेरिका और रूस जैसे देश भारत की तारीफ करने लगें, तो समझ लीजिए कि कुछ तो खास हुआ है!

पीछे की कहानी: कैसे पहुँचे हम यहाँ तक?

देखिए, यह सफलता रातोंरात नहीं मिली। मैं अपने बचपन से ही अग्नि और ब्रह्मोस मिसाइलों के बारे में सुनता आया हूँ। लेकिन यह… यह तो कुछ और ही लेवल है। असल में, पिछले 20 सालों में हमारे वैज्ञानिकों ने जो मेहनत की है, उसका यह नतीजा है।

एक तरफ तो हमारे पड़ोसी देश हमेशा से ही परेशान करते रहे हैं, दूसरी तरफ हमारे वैज्ञानिक चुपचाप अपना काम करते रहे। और आज? आज स्थिति यह है कि अब हम उन देशों के क्लब में शामिल हो गए हैं जिनके पास हाइपरसोनिक तकनीक है। बस सोचिए, कितना गर्व होता होगा हमारे वैज्ञानिकों को!

खास बातें: क्यों है यह मिसाइल इतनी खास?

अब सीधे मुद्दे पर आते हैं। इस मिसाइल की तीन बातें मुझे सबसे ज़्यादा हैरान करती हैं:

1. स्पीड – 10 मैक! यानी दिल्ली से मुंबई का सफर महज़ कुछ मिनटों में!
2. रेंज – 2000 किमी से ज़्यादा। मतलब आप समझ ही गए होंगे।
3. सटीकता – जैसे आपके मोबाइल में GPS होता है, वैसे ही लेकिन कई गुना बेहतर।

और हाँ, यह सब हमारे अपने वैज्ञानिकों ने बनाया है। कोई विदेशी टेक्नोलॉजी नहीं। क्या बात है न?

दुनिया क्या कह रही है? मज़ेदार प्रतिक्रियाएँ!

अब यहाँ मजा आता है। पाकिस्तान तो रोना शुरू कर चुका है – “यह हथियारों की दौड़ को बढ़ावा देगा”। भई, जब आप खुद हर साल नई मिसाइलें बनाते रहते हो, तो यह बात कहने का हक़ कैसे हो सकता है?

चीन वालों का तर्क और भी मज़ेदार है – “यह तकनीक अभी शुरुआती चरण में है”। अरे भाई, जब आपने ऐसी तकनीक बनाई थी, तब भी यही कहा था क्या?

और अमेरिका? वे तो मानने लगे हैं कि भारत अब वैश्विक सैन्य शक्ति बन चुका है। सच कहूँ तो, यह स्वीकारोक्ति ही हमारी सबसे बड़ी जीत है।

आगे क्या? कुछ अंदाज़ा लगा सकते हैं?

अब तो यह मिसाइल हमारी सेना का हिस्सा बनेगी। और मुझे लगता है कि अगले कुछ सालों में:

– हमारी सीमाएँ और सुरक्षित होंगी (जो कि बहुत ज़रूरी है)
– कई देश हमसे यह तकनीक खरीदना चाहेंगे
– हमारे पड़ोसी शायद नई मिसाइलें बनाने की कोशिश करें (जैसे वे करते ही रहते हैं)

लेकिन एक बात तो तय है – अब भारत को कोई हल्के में नहीं लेगा। और यही तो हम चाहते हैं न? सच कहूँ तो, मुझे तो बस इतना कहना है – जय हिन्द, और हमारे वैज्ञानिकों को सलाम!

यह भी पढ़ें:

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

More From Author

युवक गणेश कौन था? 11 दिन बाद संस्कार और जेल में 3 महीने की कैद की पूरी कहानी

** “गली-चौराहों पर ताला-लॉकर की चाबी नकल करवाने के खतरे! सावधानी बरतें वरना…”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Comments