भारत का मेगा प्लान: चीन की नींद उड़ाने वाली ये रणनीति काम करेगी?
अरे भाई, भारत ने तो हाल ही में अपनी “Neighborhood First” नीति को लेकर एक बड़ा चाल चला है! मालदीव और श्रीलंका के साथ तो कामयाबी मिल ही गई, अब नेपाल पर पूरा फोकस है। सुना है नेपाल के PM ओली जल्द ही दिल्ली आने वाले हैं, और मोदी जी भी उधर का रुख कर सकते हैं। सीधा-सीधा कहें तो, ये चीन को बेचैन करने वाली चाल है।
असल में बात ये है कि भारत और नेपाल का रिश्ता तो बहुत पुराना है, पर पिछले कुछ सालों में चीन ने बीच में घुसकर माहौल खराब कर दिया था। 2020 वाला नक्शा विवाद तो आपको याद ही होगा। लेकिन देखिए न, भारत ने मालदीव और श्रीलंका में चीन को पीछे धकेल दिया – अब बारी नेपाल की है।
तो क्या हो रहा है अभी? पूरी खबर ये है कि:
– ओली का भारत दौरा तय हो रहा है, जहां trade, energy और security पर बड़े deals हो सकते हैं
– मोदी जी की नेपाल यात्रा भी इसी साल हो सकती है
– भारत ने पहले ही vaccines और आर्थिक मदद देकर अपनी नीयत साफ कर दी है
अब सवाल ये है कि लोग क्या कह रहे हैं? भारत का विदेश मंत्रालय तो दोस्ती की बात कर रहा है। नेपाल के experts मानते हैं कि ये रिश्ते सुधारने का सही मौका है। और चीन? उनका media तो भारत को ही दोष दे रहा है – जो साफ दिखाता है कि उन्हें ये सब पसंद नहीं आ रहा!
अब आगे क्या? अगर भारत-नेपाल के रिश्ते मजबूत हुए तो:
✓ चीन का प्रभाव कम होगा
✓ व्यापार बढ़ेगा
✓ पूरे region की economy को फायदा होगा
लेकिन याद रखिए, चीन बैठा नहीं रहेगा। वो भी अपनी चालें चलेगा।
सच कहूं तो, ये सिर्फ नेपाल के साथ रिश्ते सुधारने की बात नहीं है। ये चीन को एक साफ संदेश है – कि इस region में भारत से आंख मिलाकर चलना होगा। और हां, अगर ये सिलसिला ऐसे ही चलता रहा, तो पूरे एशिया का नक्शा बदल सकता है। क्या आपको नहीं लगता?
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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com