भारत vs पाकिस्तान: क्या सच में ‘All Out War’ की तैयारी चल रही है?
अभी कुछ दिन पहले ही विदेश मंत्री एस जयशंकर का एक बयान सुर्खियों में था – और सच कहूं तो, उन्होंने बिल्कुल सही बात कही। आतंकवाद पर उनका ‘Zero Tolerance’ वाला स्टैंड साफ-साफ दिखाता है कि भारत अब पुराने ढर्रे पर नहीं चलने वाला। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह सख्त रुख हमें एक बड़े युद्ध की ओर धकेल रहा है? दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच तनाव तो आसमान छू रहा है, और अंतरराष्ट्रीय मीडिया भी इस बात से डरा हुआ है कि दोनों परमाणु शक्ति वाले देशों की यह टकराहट कहीं पूरी दुनिया के लिए मुसीबत न बन जाए।
पुरानी राग-दराग, नई चिंगारी
देखिए, भारत-पाक की कहानी तो 1947 से ही ‘टू नेशन थ्योरी’ के नाम पर चली आ रही है। कश्मीर का मुद्दा हो या आतंकवाद – हर बार यही झमेला। 2019 का पुलवामा हमला याद है न? उसके बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक ने तो जैसे सारे समीकरण ही बदल दिए। और अब तो सीमा पर हर दूसरे दिन कोई न कोई घटना होती रहती है। भारत का आरोप साफ है – पाकिस्तान आतंकवाद को पाल रहा है। पाकिस्तान का जवाब भी उतना ही पुराना – “ये सब बेबुनियाद आरोप हैं”। पर इस बार लग रहा है जैसे दोनों तरफ से बातचीत के बजाय बंदूकों की आवाज़ ज़्यादा सुनाई दे रही है।
अभी ताज़ा क्या चल रहा है?
जयशंकर ने United Nations में जो बोला, वो तो जैसे सीधा संदेश था – “अब बहाने नहीं चलेंगे”। और सचमुच, भारतीय सेना भी सीमा पर पाकिस्तानी घुसपैठ की हर कोशिश को नाकाम कर रही है। America और European Union जैसे देश तो बीच-बचाव करने में लगे हैं, पर क्या वाकई उनकी बात सुनी जाएगी? पाकिस्तान की तरफ से अभी तक कोई ठोस जवाब नहीं आया, पर उनके विदेश मंत्रालय का यह कहना कि भारत “युद्ध की धमकी” दे रहा है… स्थिति की गंभीरता बताने के लिए काफी है।
कौन क्या बोल रहा है?
दिलचस्प बात यह है कि भारत में तो विपक्षी दल भी सरकार के पीछे खड़े दिख रहे हैं – हालांकि वे diplomatic solution की बात ज़रूर कर रहे हैं। पाकिस्तानी मीडिया? उनका तो पुराना राग है – “भारत ज़्यादती कर रहा है!” पर international experts की चिंता समझ आती है। South Asia में अगर यह आग भड़की, तो पूरी दुनिया को इसकी चपेट में आने में देर नहीं लगेगी। कई analysts तो यहां तक कह रहे हैं कि अब तुरंत backchannel diplomacy शुरू होनी चाहिए।
आगे का गेम प्लान क्या है?
मौजूदा हालात देखकर तो लगता नहीं कि जल्दी कोई शांति वार्ता होने वाली है। पर United Nations या कोई बड़ी शक्ति अगर बीच में आए, तो शायद कुछ हो। फिलहाल तो दोनों तरफ से सैन्य तैयारियां जारी हैं – और यह देखकर border areas के लोगों की चिंता बढ़ना लाज़मी है। economy पर भी इसका असर पड़ेगा, यह तो तय है। अगले कुछ दिन… बेहद अहम होने वाले हैं।
हम नज़र रखे हुए हैं – कोई नया अपडेट आया तो आप तक पहुंचा देंगे। फिलहाल तो बस इतना ही… और हां, शांति बनाए रखिएगा!
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भारत vs पाकिस्तान: जब ‘ऑल आउट वॉर’ की बात आती है तो दिमाग में क्या-क्या सवाल आते हैं?
1. भारत और पाकिस्तान के बीच पूरी तरह युद्ध छिड़ने की क्या वजह हो सकती है?
देखिए, असल में तो यह मामला कश्मीर से शुरू होता है – वही पुराना झगड़ा। लेकिन अब स्थिति और भी गंभीर हो चुकी है। सीमा पर घुसपैठ, आतंकवादी हमले… और सबसे बड़ी बात? दोनों के पास nuclear weapons हैं। यानी आग में घी डालने जैसा। थोड़ा डरावना लगता है न?
2. अगर युद्ध होता है तो क्या बाकी दुनिया चुपचाप देखती रहेगी?
बिल्कुल नहीं! अमेरिका, चीन जैसे बड़े खिलाड़ी तो मौका नहीं छोड़ेंगे। खासकर अगर बात nuclear war तक पहुँच जाए। UN वाले भी बीच-बचाव करने दौड़ पड़ेंगे। पर सच कहूँ? ऐसी स्थिति में किसका कितना फायदा होगा, यह कोई नहीं बता सकता।
3. युद्ध की स्थिति में आम आदमी का क्या होगा? सच-सच बताइए
सरकारें कहेंगी कि उनके पास emergency plans हैं – bunkers, evacuation routes वगैरह। लेकिन भाई, nuclear war के आगे ये सब कितने काम के होंगे? एक बार सोचिए… दिल्ली, लाहौर जैसे बड़े शहरों का क्या हाल होगा? डर लगता है सोचकर ही।
4. क्या इन दोनों देशों के बीच शांति की कोई उम्मीद बाकी है?
उम्मीद तो हमेशा रहती है भाई! Diplomatic talks, CBMs… ये सब चलते रहते हैं। पर असल मुद्दा है trust का। जब तक आतंकवाद पर पूरी तरह कंट्रोल नहीं होगा, तब तक? हालात वैसे के वैसे ही रहेंगे। सच कड़वा है, लेकिन सच है।
Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com