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भारत-पाकिस्तान व्यापार रुकावट: किसे हो रहा ज्यादा नुकसान? पूरी जानकारी

भारत-पाकिस्तान व्यापार बंद: असली कीमत कौन चुका रहा है?

2 मई 2023 को भारत ने पाकिस्तान के साथ सारा व्यापार बंद कर दिया। सीधे शब्दों में कहें तो – पूरा का पूरा! अब सवाल यह है कि इसका असर किस पर ज्यादा पड़ रहा है? आपको जानकर हैरानी होगी कि पाकिस्तानी व्यापारी अभी भी चोरी-छिपे तीसरे देशों के रास्ते भारत में सामान पहुंचा रहे हैं। मजे की बात ये कि रिपोर्ट्स तो यही कह रही हैं कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इससे ज्यादा प्रभावित हुई है, जबकि भारत के लिए ये कोई बहुत बड़ा झटका नहीं है।

तनातनी का इतिहास: कहानी पुरानी, नया अध्याय

देखिए, भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार कभी भी सिर्फ व्यापार नहीं रहा। राजनीति हमेशा इसमें दखल देती रही है। 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से आयात पर 200% extra custom duty लगा दी थी। और अब? पूर्ण प्रतिबंध! हालांकि सच तो ये है कि पाकिस्तान ने भी पहले से ही भारत से आने वाली कई चीजों पर बैन लगा रखा था। तो असल में व्यापार पहले से ही लिमिटेड था।

पाकिस्तान की मुश्किलें: कहानी सिर्फ नंबर्स की नहीं

अब बात करते हैं असर की। पाकिस्तान के उद्योगों को सबसे ज्यादा झटका लगा है। भारत से आने वाली कपास, केमिकल्स और दवाओं की कमी ने उन्हें बुरी तरह जकड़ लिया है। क्या करें ये लोग? मजबूरी में UAE जैसे देशों के रास्ते सामान भेज रहे हैं। लेकिन इसका मतलब? लागत बढ़ना, मुनाफा घटना। वहीं भारत की बात करें तो हां, पाकिस्तान को निर्यात में गिरावट आई है, पर भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका कोई बड़ा असर नहीं। क्यों? क्योंकि हमने दूसरे बाजारों में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है।

डब्ल्यूटीएफ मामला: बैन के बावजूद चल रहा है धंधा!

यहां सबसे मजेदार बात ये है कि पाकिस्तानी व्यापारी अभी भी भारत में अपना सामान पहुंचा ही रहे हैं। कैसे? UAE और अन्य मध्य पूर्वी देशों के रास्ते। पर इसका खामियाजा? logistics cost आसमान छू रही है! ये तरीका न सिर्फ महंगा है, बल्कि टाइम-कंज्यूमिंग भी। तो सवाल ये उठता है कि क्या ये प्रतिबंध वाकई में काम कर रहा है?

एक्सपर्ट्स की राय: किसकी चली, किसकी जले?

भारतीय अर्थशास्त्रियों का कहना है – “पाकिस्तान पहले से ही IMF के bailout package पर जी रहा है, ये प्रतिबंध उनकी मुश्किलें और बढ़ा रहा है।” वहीं पाकिस्तानी उद्योगपतियों का गुस्सा साफ दिख रहा है। एक textile मालिक की बात सुनिए: “हमारा बिजनेस डूब रहा है। सरकार को भारत से रिश्ते सुधारने चाहिए।” अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि अगर व्यापार फिर से शुरू होता है तो पाकिस्तान को ज्यादा फायदा होगा। कारण? उनका उद्योग भारतीय कच्चे माल पर निर्भर है।

आगे की राह: क्या संभावनाएं हैं?

फिलहाल तो पाकिस्तान को ज्यादा नुकसान हो रहा है। लेकिन अगर भविष्य में रिश्ते सुधरे तो? दोनों देशों को फायदा हो सकता है। खासकर पाकिस्तान को जिसकी industry भारतीय कच्चे माल के बिना लड़खड़ा रही है। भारत के लिए ये कोई बड़ा आर्थिक मसला नहीं है, लेकिन अगर व्यापार बढ़े तो regional stability में सुधार हो सकता है। अंतरराष्ट्रीय community के दबाव में शायद दोबारा बातचीत शुरू हो।

तो हालात ये हैं कि पाकिस्तान इस प्रतिबंध की मार झेल रहा है, जबकि भारत ने दूसरे बाजारों में अपनी जगह बना ली है। राजनीतिक रिश्ते सुधरें तो दोनों को फायदा हो सकता है। पर फिलहाल? पाकिस्तान की टेंशन बढ़ी हुई है। सच कहूं तो – जिसकी लाठी, उसकी भैंस!

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किन industries को सबसे ज्यादा झटका लगा है?

असल में, यह पूरा मामला थोड़ा complex है। एक तरफ तो textiles और pharmaceuticals जैसे बड़े सेक्टर्स बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, लेकिन सबसे ज्यादा मार small traders और किसानों ने खाई है। सोचिए, जिन किसानों की पूरी फसल पाकिस्तान export के लिए तैयार थी, उनका क्या हाल हुआ होगा? और हाँ, कपास का तो जैसे पूरा बाजार ही ठप पड़ गया।

क्या सच में पूरी तरह बंद हो गया है व्यापार?

देखिए, technically तो नहीं। पर यह ‘नहीं’ भी कुछ ऐसा है जैसे आपके घर का नल बंद है, लेकिन पाइप से टप-टप पानी गिर रहा हो। Official trade तो 99% खत्म हुआ, लेकिन UAE जैसे देशों के रास्ते कुछ चीजें अब भी आ-जा रही हैं। मजे की बात यह कि अब वही सामान तीन गुना महंगा होकर पहुँचता है!

पाकिस्तान की economy पर क्या असर पड़ा?

ईमानदारी से कहूँ तो उन्हें सबसे ज्यादा दिक्कत essential medicines और कपास की कमी से हुई। स्थिति यह है कि जो दवाई भारत में 10 रुपये में मिलती थी, वह अब उन्हें यूरोप से 100 रुपये में मंगानी पड़ रही है। और inflation? सोचिए ही मत! पर एक सच यह भी कि हमारे कुछ exporters को भी इससे नुकसान हुआ है।

क्या भविष्य में फिर से शुरू हो सकता है व्यापार?

अभी तो हालात बिल्कुल सही नहीं हैं, यह तो आप भी जानते हैं। लेकिन एक दिलचस्प बात – दोनों तरफ के business communities लगातार दबाव बना रहे हैं। Experts की राय? “अगर राजनीति ने साथ दिया तो…” वाली कहावत यहाँ पूरी तरह फिट बैठती है। हालांकि, अभी तुरंत कुछ होने वाला नहीं लगता। पर कौन जाने? Politics में तो कभी कुछ पल भर में ही बदल जाता है!

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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