चीन की दादागीरी का अंत? भारत अब iPhone, Smart TV और Microwave में बन रहा है ‘आत्मनिर्भर’
क्या आपने कभी सोचा था कि हमारा देश एक दिन iPhone जैसे प्रीमियम गैजेट्स बनाने लगेगा? सच कहूं तो मुझे भी नहीं लगता था। लेकिन अब हकीकत यह है कि भारत सिर्फ स्मार्टफोन ही नहीं, बल्कि smart TVs, microwaves और रोबोटिक vacuum cleaners जैसी चीजों का manufacturing हब बनता जा रहा है। ये सब ‘मेक इन इंडिया’ सिर्फ एक नारा नहीं रह गया है – ये तो हकीकत में बदल रहा है!
कहानी शुरू होती है: चीन से छुटकारा कैसे मिला?
याद कीजिए 5-6 साल पहले की बात। हमारे देश में कोई भी अच्छा इलेक्ट्रॉनिक गैजेट खरीदना होता था तो उसके पीछे ‘मेड इन चाइना’ लिखा होता था। हालत ये थी कि हर साल हम चीन को लाखों करोड़ रुपये भेज देते थे। लेकिन अब? देखिए न कैसे पलटी मारी है तस्वीर ने!
सरकार ने PLI स्कीम जैसी चीजें लाईं, जिसमें कंपनियों को यहाँ फैक्ट्री लगाने के लिए फायदे दिए गए। और क्या हुआ? Apple, Samsung जैसी दिग्गज कंपनियाँ भारत आ धमकीं। असल में, ये वो कंपनियाँ हैं जिनके पीछे पूरी दुनिया भागती है!
आज का सच: भारत में बन रहे हैं वो गैजेट्स जो पहले सिर्फ चीन में बनते थे
अब तो मजा आ गया है! iPhone 15 जो पहले सिर्फ चीन में बनता था, वो अब भारत में बन रहा है। सच बताऊँ? ये कोई छोटी बात नहीं है। ये तो ऐसा ही है जैसे कोई बच्चा पहली बार साइकिल चलाना सीखे और फिर सीधे बाइक रेस जीत ले!
और सिर्फ iPhone ही क्या, अब तो smart TVs से लेकर microwaves तक – सब कुछ यहीं बन रहा है। जानते हैं सबसे अच्छी बात क्या है? इससे दाम भी कम हुए हैं और नौकरियाँ भी बढ़ी हैं। दोनों हाथों में लड्डू!
क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स?
एक सरकारी मंत्री जी तो बड़े खुश हैं। उनका कहना है – “अब हम दुनिया को सप्लाई करने लगे हैं!” और सच भी है। Foxconn जैसी कंपनियाँ तो अब और भी ज्यादा निवेश करने वाली हैं।
अर्थशास्त्रियों की मानें तो अगले 5 साल में हम $120 बिलियन तक का इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट कर सकते हैं। ये आंकड़ा सुनकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं, है न?
आगे क्या? सेमीकंडक्टर से लेकर ग्लोबल हब तक का सफर!
अब तो semiconductor और chip manufacturing जैसे बड़े खेल में भी भारत उतरने वाला है। सोचिए, अगले 5-7 साल में शायद हम पूरी तरह आत्मनिर्भर हो जाएँ!
सच तो ये है कि अब चीन को पसीना आने लगा है। भारत न सिर्फ ‘विश्व की फैक्ट्री’ बन रहा है, बल्कि चीन के monopoly को तोड़ रहा है। और हाँ, ये सिर्फ शुरुआत है। आने वाले दिन और भी रोमांचक होंगे!
क्या आपको लगता है भारत वाकई में चीन को टक्कर दे पाएगा? कमेंट में बताइएगा जरूर!
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भारत की आत्मनिर्भरता की कहानी सिर्फ एक नारा नहीं है, दोस्तों। सच कहूं तो, यह हमारी अर्थव्यवस्था की असली तस्वीर बदल रही है। सोचिए – जब आपका पड़ोसी (यानी चीन) हर चीज़ पर अपना दबदबा बनाने की कोशिश करे, तो आप क्या करेंगे? हमने जवाब दिया है: #MakeInIndia के ज़रिए। और यह कोई खाली बात नहीं है।
अब देखिए न, आईफोन से लेकर स्मार्ट TV तक, Microwave तक – क्या आपने गौर किया कि कितनी चीज़ें अब ‘Made in India’ लेबल के साथ आ रही हैं? सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि यह हमारे लिए दोहरा फायदा लेकर आया है। पहला तो यह कि हमारी अर्थव्यवस्था को बल मिल रहा है। और दूसरा? रोज़गार के नए दरवाज़े खुल रहे हैं।
पर सवाल यह है कि क्या यह सब काफी है? मेरा मानना है कि हम अभी शुरुआत कर रहे हैं। आत्मनिर्भरता तो ठीक है, लेकिन असली मकसद तो वैश्विक मंच पर भारत को एक नया मुकाम दिलाना है। और हां, यह सपना अब हकीकत बनता दिख रहा है। क्या आपको नहीं लगता?
एक छोटी सी बात और – जब भी कोई ‘Made in India’ प्रोडक्ट खरीदें, थोड़ा गर्व ज़रूर महसूस करें। हमारी छोटी-छोटी पसंद ही बड़ा बदलाव ला सकती है। सच कहूं तो!
Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com