india resumes tourist visa for chinese citizens after 5 year 20250723130554837275

भारत ने 5 साल बाद चीनी पर्यटकों को वीजा देना शुरू किया, चीन ने कहा- “सराहनीय कदम”

भारत ने चीनी पर्यटकों को वीजा देना शुरू किया – क्या यह ‘आइस-ब्रेकर’ साबित होगा?

अरे वाह! पांच साल लंबे इंतज़ार के बाद आखिरकार भारत ने चीनी पर्यटकों के लिए वीजा की बंदिशें हटा दी हैं। और सच कहूं तो, ये खबर सुनकर चीन की प्रतिक्रिया भी काफी दिलचस्प रही – उन्होंने इसे “सराहनीय कदम” बताया है। 24 जुलाई से लागू हो रहे इस फैसले को लेकर दोनों तरफ काफी उम्मीदें जगी हैं। पर सवाल यह है कि क्या यह वाकई में भारत-चीन रिश्तों की बर्फ़ पिघला पाएगा?

याद कीजिए 2019 का वक्त… कोविड का बहाना बनाकर हमने चीनी पर्यटकों पर रोक लगा दी थी। हालांकि हम सब जानते हैं कि असली वजह गालवान जैसी घटनाओं से बिगड़े रिश्ते थे। 2020 में तो हालात इतने खराब हो गए थे कि लगने लगा था शायद यह रिश्ता कभी सुधरेगा ही नहीं। लेकिन देखिए, वक्त के साथ स्थितियां बदलती हैं। पिछले दो साल से trade और diplomacy के स्तर पर जो बातचीत चल रही थी, उसका ये एक सकारात्मक नतीजा है।

अब बात करें ताज़ा अपडेट की तो – 24 जुलाई से चीनी पर्यटक फिर से भारत आ सकेंगे। चीन का विदेश मंत्रालय तो खुश है ही, हमारे tourism industry वालों की तो मानो दिवाली आ गई! क्यों न हो… international tourists, foreign revenue… ये सब तो hotel, travel और retail sector के लिए जैसे oxygen का काम करेगा। एक तरह से देखें तो ये win-win situation है।

अब सुनिए दिलचस्प बात… इस फैसले पर अलग-अलग लोगों की क्या प्रतिक्रिया आई है। चीन तो पहले ही अपनी खुशी जता चुका है। हमारे tourism ministry वालों ने ‘अतिथि देवो भव’ वाली बात तो दोहराई ही, साथ ही ये भी कहा कि “चीनी पर्यटकों का स्वागत है”। बिजनेस वालों की बात करें तो उनके चेहरे पर मुस्कान साफ देखी जा सकती है। आखिरकार, more tourists = more business… ये तो simple maths है न?

अगर future की बात करें तो… देखिए, ये छोटा सा कदम बड़े बदलाव की शुरुआत हो सकता है। Experts की मानें तो इससे सिर्फ tourism ही नहीं, diplomacy के रास्ते भी खुलेंगे। और अगर सब कुछ ठीक रहा तो आगे चलकर trade, investment और cultural exchange के नए दरवाज़े भी खुल सकते हैं। पर याद रखिए, ये सब तभी possible है जब ground level पर implementation सही हो।

तो समझिए कि ये कोई छोटा-मोटा फैसला नहीं है। एक तरह से देखें तो ये strategic और economic, दोनों ही तरह से important move है। अब बस देखना ये है कि ये policy कितनी effective साबित होती है। क्या यह वाकई में भारत-चीन के बीच नए युग की शुरुआत कर पाएगी? वक्त ही बताएगा… फिलहाल तो हमें positive रहना चाहिए। आखिरकार, शुरुआत तो हो गई न?

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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