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“ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने पाकिस्तान को दिया मुंहतोड़ जवाब, NSA डोभाल के बयान से हड़कंप!”

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समाचार रिपोर्ट: “ऑपरेशन सिंदूर – जब भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाया, NSA डोभाल के बयान से हड़कंप!”

दोस्तों, भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर फिर से वही पुरानी कहानी दोहराई जा रही है। पर इस बार कहानी में एक नया मोड़ आया है – और वो है हमारे NSA अजित डोभाल का वो ज़ोरदार बयान! उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में सेना के काम की तारीफ करते हुए ऐसी बात कही कि पाकिस्तानी मीडिया और सरकार दोनों की नींद उड़ गई। सच कहूं तो, ये बयान उतना ही असरदार था जितना कि खुद ऑपरेशन। और अब? अब तो पूरा पाकिस्तानी प्रतिष्ठान भारत के जवाबी हमले से परेशान है।

पूरी कहानी समझिए

असल में ऑपरेशन सिंदूर कोई आम मिलिट्री ऑपरेशन नहीं था। ये कश्मीर घाटी में चलाया गया एक सर्जिकल स्ट्राइक था – बिल्कुल वैसा ही जैसे डॉक्टर कैंसर की गांठ को निकाल देता है। हमारे जवानों ने आतंकियों को उनके ही घर में घुसकर ठिकाने लगाया। लेकिन सवाल ये है कि क्या पाकिस्तान इतनी आसानी से मान जाएगा? बिल्कुल नहीं! उनकी तो आदत ही है भारत पर ‘अनावश्यक बल प्रयोग’ का झूठा आरोप लगाने की। पर हमारी सेना का जवाब साफ था – “zero tolerance” पॉलिसी। मतलब साफ – घुस आया तो गर्दन तोड़ देंगे!

डोभाल साहब ने तोड़ा बाजीगर!

पूरे मामले में सबसे मजेदार मोड़ तब आया जब हमारे NSA साहब ने माइक संभाला। उन्होंने साफ-साफ कह दिया कि ये ऑपरेशन सिर्फ एक एक्शन नहीं, बल्कि एक मैसेज था। और मैसेज क्या था? “अब बहुत हो चुका!” पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय तो जैसे फौरन उछल पड़ा। उनका कहना है कि ये बयान “भड़काऊ” है। अरे भई, सच तो हमेशा कड़वा होता है न? वहीं भारतीय सेना ने भी अपना स्टैंड क्लियर कर दिया – LoC पर कोई शरारत बर्दाश्त नहीं!

किसने क्या कहा?

दिलचस्प बात ये है कि इस बार भारत के सभी नेताओं ने एक सुर में बोला। केंद्रीय मंत्रियों से लेकर विपक्ष तक सबका एक ही नारा – “अब बस!” पाकिस्तान की “proxy war” का जवाब अब सीधे और सख्त तरीके से दिया जाएगा। वहीं पाकिस्तानी मीडिया… अरे उनकी तो हमेशा से एक ही रट लगी है – “भारत आक्रामक!” अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ देशों ने “शांति-शांति” रटना शुरू कर दिया है, लेकिन असल में? कोई भी दखल देने को तैयार नहीं।

अब आगे क्या?

अब सवाल ये उठता है कि ये सब कहां जाकर रुकेगा? एक्सपर्ट्स की मानें तो LoC पर अगले कुछ दिनों में और झड़पें हो सकती हैं। भारत United Nations जैसे प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर सकता है। पर सच तो ये है कि सेना पहले से ही अलर्ट मोड में है। ऐसे में क्या पता हमें जल्द ही कोई और “ऑपरेशन” देखने को मिल जाए? एक बात तो तय है – अब भारत पीछे हटने वाला नहीं!

आखिरी बात: डोभाल साहब के बयान ने जैसे पूरे खेल का पासा ही पलट दिया है। अब देखना ये है कि पाकिस्तान इस चुनौती को कैसे लेता है। क्या वो अपनी पुरानी आदतों से बाज आएगा? या फिर हमें और सख्त जवाब देना पड़ेगा? अगले कुछ दिन… वाकई दिलचस्प होने वाले हैं।

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ऑपरेशन सिंदूर… याद है वो दिन? जब भारत ने पाकिस्तान को साफ-साफ बता दिया कि अब बस हो चुका। आतंकवाद के खिलाफ हमारी ‘zero tolerance policy’ कोई मजाक नहीं है। और सच कहूं तो, पाकिस्तान की वो बौखलाहट देखने लायक थी – जैसे कोई बिल्ली गरम तवे पर कूद पड़ी हो!

अब सवाल यह है कि इतनी बड़ी सफलता का राज क्या था? एक तो हमारे जवानों का हौसला… जो शायद ही किसी शब्द में बयां किया जा सके। और दूसरा, NSA अजित डोभाल जैसे लोगों की सूझबूझ। उनके बयान ने तो जैसे पूरे मामले को और गंभीर बना दिया।

पर असल बात यह है कि यह सिर्फ एक military operation नहीं था। यह हर उस भारतीय की जीत थी जो रातों को चैन से सोना चाहता है। और हां, अगर आपको लगता है कि यह सब बस इतिहास की एक घटना है… तो फिर से सोचिए। क्योंकि जो आग उस दिन हमारे दिलों में जली थी, वो आज भी धधक रही है। एकदम सच।

‘Operation सिंदूर’ से जुड़े वो सारे सवाल जिनके जवाब आप जानना चाहते हैं

Operation सिंदूर आखिर था क्या, और कब हुआ ये सब?

देखिए, 2016 की बात है। उरी हमले के बाद जब पूरा देश गुस्से में था, भारतीय सेना ने एक सर्जिकल स्ट्राइक की – जिसे हम Operation सिंदूर के नाम से जानते हैं। असल में ये पाकिस्तान को साफ़ संदेश देने वाली एक सटीक कार्रवाई थी। सोचिए, जैसे कोई दर्दनाक चोट लगने पर डॉक्टर सर्जरी करे, वैसा ही कुछ!

NSA अजीत डोभाल ने इस बारे में क्या बताया?

अरे, डोभाल साहब तो बिल्कुल साफ़गोई से बात करते हैं न! उन्होंने इसे एक बेहद सटीक और कामयाब मिशन बताया। और सच कहूँ तो, उनके बयान के बाद पाकिस्तान की हालत ठीक वैसी ही हो गई थी जैसे किसी को अचानक झटका लगे। हड़कंप तो मचना ही था!

ये ऑपरेशन भारत-पाक रिश्तों पर कैसा असर डाला?

तो… एक तरफ़ तो तनाव बढ़ा, ये तो स्पष्ट है। लेकिन दूसरी तरफ़, ये ऑपरेशन भारत के लिए एक तरह का गेम-चेंजर साबित हुआ। मतलब, अब हम साफ़ दिखा दिया कि हम भी बिना डरे सीधा जवाब दे सकते हैं। पर सच पूछो तो, रिश्ते और भी जटिल हो गए। जैसे किसी पुराने घाव पर नमक छिड़क दिया हो!

क्या इस ऑपरेशन का कोई ठोस सबूत है?

सरकार की तरफ़ से तो काफ़ी कुछ सामने आया – सैटेलाइट तस्वीरें, इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स… पूरा पैकेज। लेकिन यार, पाकिस्तान वाले तो मानने को तैयार ही नहीं! उनका तो यही राग अलापना है कि “कुछ हुआ ही नहीं”। ऐसा लगता है जैसे कोई साफ़ दिख रही चीज़ को मानने से इनकार कर दे। है न मज़ेदार बात?

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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