india russia fighter jet deal putin visit impact 20250708150642437450

“भारत में अत्याधुनिक फाइटर जेट निर्माण: पुतिन की यात्रा से बदलेगी रूस-भारत दोस्ती की तस्वीर?”

भारत में अत्याधुनिक फाइटर जेट निर्माण: क्या पुतिन की यात्रा रूस-भारत दोस्ती को नई रफ्तार देगी?

अरे भाई, रूसी राष्ट्रपति पुतिन की आने वाली भारत यात्रा को लेकर तो दिल्ली के रक्षा मंत्रालय से लेकर साउथ ब्लॉक तक सबकी हलचल बढ़ गई है। और सच कहूँ तो, यह सिर्फ एक औपचारिक मुलाकात से कहीं ज़्यादा है। असल में, इस बार की चर्चा का केंद्र है – सुखोई लड़ाकू विमानों (Su-30MKI और नए Su-57) का भारत में ही बनना। अब सोचिए, यह कदम सिर्फ ‘आत्मनिर्भर भारत’ को ही नहीं, बल्कि हमारे और रूस के पुराने रिश्ते को भी कितना मजबूत करेगा। पर क्या यह इतना आसान होगा? चलिए, थोड़ा गहराई से समझते हैं।

पुरानी दोस्ती, पर नए जमाने के ड्रामे

देखो, भारत और रूस का रक्षा साथ तो वैसा ही है जैसे दादा-पोते का रिश्ता – पुराना, भरोसेमंद, पर कभी-कभी थोड़ा ठंडा पड़ जाता है। सुखोई-30MKI इसका जीता-जागता उदाहरण है जो हमारी वायुसेना की शान बना हुआ है। पर एक सच यह भी है कि पिछले कुछ सालों में हमने अमेरिका, फ्रांस जैसे दोस्त भी बना लिए हैं। ऐसे में रूस को लग रहा है कि अगर उनके नए फाइटर जेट्स भारत में ही बनेंगे, तो क्या बात होगी! उनका फायदा भी और हमारी defense industry को भी बढ़ावा मिलेगा। विन-विन सिचुएशन, है न?

पुतिन के बैग में क्या है? Su-30MKI अपग्रेड या Su-57 का जादू?

अब बात करें इस यात्रा के मुख्य मुद्दों की, तो दो चीज़ें सबसे ऊपर हैं। पहला – Su-30MKI को और भी घातक बनाने का प्लान। और दूसरा? अरे भई, पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर Su-57 जो हमारे यहाँ बनेगा! सरकार का फोकस साफ है – ‘Make in India‘ पर जोर और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की गारंटी। मतलब साफ है – हमें सिर्फ विमान नहीं चाहिए, बल्कि वह ज्ञान भी चाहिए जिससे हम खुद बना सकें। और हाँ, यह सौदा हमारी वायु शक्ति को चीन-पाकिस्तान के मुकाबले में कितना आगे ले जाएगा, यह तो वक्त ही बताएगा।

कौन क्या बोला? राजनीति से लेकर राजदूत तक की राय

इस सौदे पर तो सबकी अपनी-अपनी राय है। भारतीय रक्षा मंत्रालय वालों का कहना है – “हमें रूस के साथ पुराना नाता है, पर अब टेक्नोलॉजी ट्रांसफर बिना कोई सौदा नहीं।” वहीं रूसी राजदूत जी तो भारत को ‘विश्वसनीय साझीदार’ बता रहे हैं। पर विपक्ष वालों का सवाल है – “क्या सच में भारतीय उद्योग को फायदा होगा, या सिर्फ दिखावा है?” सच तो यह है कि ऐसे बड़े सौदों में हमेशा दोनों तरफ के हित देखने पड़ते हैं।

आगे का रास्ता: मौके भी, चुनौतियाँ भी

मान लो यह सौदा हो गया, तो भारत दुनिया के उन गिने-चुने देशों में शामिल हो जाएगा जो पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट बना सकते हैं। एक तरफ तो यह हमारे और रूस के रिश्तों को नई जान देगा, वहीं दूसरी ओर अमेरिका जैसे देशों की प्रतिक्रिया भी देखने को मिल सकती है। पर एक बात तय है – अगर यह योजना सफल रही, तो भारतीय वायुसेना की ताकत वाकई नई ऊँचाइयों को छू लेगी। बस, अब देखना यह है कि यह सब कागजों से उतरकर हकीकत में कब तक बदलता है!

यह भी पढ़ें:

भारत और रूस: फाइटर जेट्स से लेकर सामरिक रिश्तों तक – जानिए सबकुछ!

1. पुतिन की भारत यात्रा – क्या डिफेंस डीलों में आएगी तेज़ी?

असल में देखा जाए तो, पुतिन का भारत दौरा हमेशा ही कुछ बड़े डिफेंस समझौतों का संकेत देता आया है। और इस बार? मामला सिर्फ खरीददारी का नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी शेयरिंग और ‘Make in India’ को रॉकेट बूस्ट देने का है। सोचिए – अगर हमें रूस से सिर्फ जेट्स नहीं, बल्कि उन्हें बनाने की तकनीक भी मिल जाए? गेम-चेंजर होगा!

2. 5th जनरेशन फाइटर जेट – क्या भारत-रूस फिर से जुड़ेंगे?

याद कीजिए Sukhoi Su-30MKI और BrahMos का कमाल! अब कल्पना कीजिए AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) प्रोजेक्ट में रूसी एक्सपर्ट्स का साथ। हालांकि, यहाँ एक पेंच है – क्या रूस वाकई अपनी टॉप-नॉच टेक्नोलॉजी शेयर करेगा? पर हमारे डिफेंस एक्सपर्ट्स तो पहले से ही इस पर काम कर रहे हैं। देखते हैं क्या होता है!

3. चीन-अमेरिका की नींद उड़ाएगी यह डील?

सच कहूँ तो, चीन को यह बिल्कुल पसंद नहीं आएगा। क्यों? क्योंकि हमारी यह पार्टनरशिप उनकी ‘एशियाई सुपरपावर’ वाली थ्योरी को चुनौती देती है। और अमेरिका? वो तो पहले से ही भारत को अपना स्ट्रैटेजिक पार्टनर मानता है, लेकिन रूस के साथ हमारी यह नज़दीकी उन्हें अंदर ही अंदर खटकती रहेगी। राजनीति, है ना?

4. क्या यह डील ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को पंख लगाएगी?

बिल्कुल! और यहाँ मैं एक दिलचस्प बात बताता हूँ – यह सिर्फ जेट्स बनाने की बात नहीं है। असल मुद्दा है ‘टेक्नोलॉजी का स्थानांतरण’। जैसे किसी को मछली देने के बजाय मछली पकड़ना सिखाओ। हमारे इंजीनियर्स को मिलेगा रूसी एक्सपर्टाइज, हमारी फैक्ट्रियों में बनेगी हाई-टेक मशीनरी…समझ गए ना असली खेल? आत्मनिर्भरता की दिशा में यह एक बड़ी छलांग होगी!

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

More From Author

save the children suspends bcg partnership gaza 20250708145349190716

गाजा में काम को लेकर सेव द चिल्ड्रन ने BCG साझेदारी निलंबित की

sonia rahul mislead court national herald case ed claim 20250708153021417103

“ED का बड़ा दावा: सोनिया-राहुल कोर्ट को गुमराह कर रहे, नेशनल हेराल्ड केस में ₹142 करोड़ का घोटाला!”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Comments