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अमेरिका को चुनौती! भारत-रूस S-400, R-37M, Su-30MKI डील पर बड़ा ऐलान, ट्रंप के धोखे का जवाब!

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अमेरिका को चुनौती! भारत-रूस S-400, R-37M, Su-30MKI डील पर बड़ा ऐलान

अरे भाई, भारत ने फिर एक बार अपनी ज़मीन पर खड़े होकर अमेरिकी दबाव को ठेंगा दिखा दिया है! सच कहूं तो यह कोई छोटी बात नहीं है। भारत और रूस के बीच हुआ यह डील सिर्फ कागज पर हस्ताक्षर भर नहीं है – यह तो हमारी रक्षा नीति में एक बड़ा भूचाल लाने वाला है। S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम से लेकर R-37M एयर-टू-एयर मिसाइलों तक, और Su-30MKI के अपग्रेड तक… यह सब मिलकर हमारी सुरक्षा को कितना मजबूत करेगा, इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद से चली आ रही इस सैन्य क्रांति को देखकर तो लगता है कि हम सचमुच नए भारत की तरफ बढ़ रहे हैं।

ऑपरेशन सिंदूर से मिली सीख – कड़वी, पर जरूरी

याद है 2019 का वो पुलवामा हमला? उसके जवाब में हमने जो ऑपरेशन सिंदूर किया, उसने हमें एक बड़ी सीख दी। Su-30MKI से ब्रह्मोस मिसाइल दागने का वो ऐतिहासिक पल… वाह! लेकिन उसी दिन हमें समझ आया कि अब और ज्यादा ताकतवर होना होगा। अमेरिका ने CAATSA के नाम पर धमकी दी थी न? पर हमारी सरकार ने साफ कह दिया – “हमारी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।” और सच कहूं तो यही सही फैसला था।

डील के मसालेदार पहलू

अब जरा इस डील के मसालेदार हिस्सों पर नजर डालते हैं। पहला – S-400 का पहला बैच तो आ चुका है, और बाकी का इंतजार है। दूसरा – R-37M मिसाइलें… सुनकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं! 300 किमी की रेंज वाली ये मिसाइलें हमारे वायुसेना को क्या क्षमता देंगी, यह तो आप समझ ही सकते हैं। और तीसरा – Su-30MKI का अपग्रेड? भई यह तो गेम-चेंजर साबित होगा। नया रडार, बेहतर इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और ब्रह्मोस की क्षमता… एकदम जबरदस्त कॉम्बिनेशन!

दुनिया क्या कह रही है?

इस डील पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं भी कम दिलचस्प नहीं हैं। हमारे विशेषज्ञ तो खुशी से झूम रहे हैं – “यही तो चाहिए था हमें!” वहीं अमेरिका ने ‘निराशा’ जताई है… हालांकि उनके टोन में नरमी भी है। शायद उन्हें भी समझ आ गया है कि भारत अब पहले वाला भारत नहीं रहा। और रूस? वो तो मानो खुशी से फूला नहीं समा रहा – “रणनीतिक साझेदारी का नया अध्याय” बता रहा है।

आगे का रास्ता

अब सवाल यह कि आगे क्या? CAATSA के प्रतिबंधों की बात तो चल रही है, पर क्या अमेरिका वास्तव में भारत के साथ रिश्ते खराब करना चाहेगा? मुझे तो नहीं लगता। और हमारी तरफ से? ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में यह एक और मजबूत कदम है। चीन और पाकिस्तान को भी स्पष्ट संदेश मिल गया होगा – अब हम किसी के आगे झुकने वाले नहीं।

अंत में बस इतना कि यह डील सिर्फ हथियारों की खरीद नहीं है… यह तो हमारे आत्मविश्वास का प्रतीक है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद से जिस तरह हमने अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने पर जोर दिया है, वह दिखाता है कि अब हम पूरी तरह गंभीर हैं। और सच कहूं? यही तो होना चाहिए था।

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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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