भारत-श्रीलंका डील: चीन की नींद उड़ाने वाला यह मूव क्या है?
अरे भाई, हिंद महासागर में तो इन दिनों राजनीति का तापमान बढ़ता जा रहा है! मझगांव डॉक (MDL) ने श्रीलंका के कोलंबो डॉकयार्ड में 49% हिस्सेदारी खरीदकर जो बाजी मारी है, वो सच में game-changer साबित हो सकती है। ये सिर्फ कोई business deal नहीं है दोस्तों – ये तो हमारी ‘नेबरहुड फर्स्ट’ policy का असली टेस्ट केस बन गया है। और हां, चीन वाले तो इससे बौखलाए हुए हैं, मगर सीधे कुछ बोल नहीं रहे। मजेदार है न?
असल में बात समझनी है तो पिछले 10 साल का पूरा कॉन्टेक्स्ट देखना पड़ेगा। चीन ने तो श्रीलंका को हंबनटोटा port के नाम पर ऐसा फंसाया कि अब तक निकल नहीं पा रहा। हमारी सरकार ने अब इसका जवाब दिया है – और क्या तरीके से! कोलंबो port सिर्फ व्यापारिक नहीं, सैन्य नजरिए से भी बेहद अहम है। सोचिए, अगर यहां हमारी मजबूत पकड़ बन जाए तो?
अब सवाल ये कि इस डील में ऐसा क्या खास है? देखिए न:
– हमें मिलेगी strategic depth (यानी पीछे हटने की जगह नहीं!)
– श्रीलंका को मिलेगी आर्थिक मदद और technology transfer
– चीन की ‘स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स’ strategy पर लगी ब्रेक!
एक तीर से कई निशाने, है न?
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं? बड़ी मजेदार! हमारे विदेश मंत्रालय वाले तो खुशी से झूम रहे हैं। चीन? अभी तक चुप्पी साधे है – पर अंदर से जल रहा होगा। श्रीलंका के अंदर भी दो तरह की आवाजें: कुछ कह रहे हैं development के लिए अच्छा है, तो कुछ चीन को नाराज करने से डर रहे हैं। राजनीति है भई, सबके अपने-अपने calculations!
आगे क्या? मेरा मानना है:
1. भारत-श्रीलंका defense cooperation नए लेवल पर पहुंचेगा
2. चीन जवाब में कोई बड़ा move करेगा – शायद नया investment या political pressure
3. हिंद महासागर में तनाव बढ़ेगा, मगर हमारी position मजबूत होगी
सच कहूं तो, ये डील उतनी ही अहम है जितना कि क्रिकेट मैच में last over में छक्का मारना। जीत तो निश्चित नहीं, मगर match का momentum पूरी तरह बदल देता है!
अंत में बस इतना – ये डील भारत के लिए बड़ी जीत है, पर अभी लंबा खेल बाकी है। चीन बैकफुट पर है मगर counter-attack जरूर करेगा। और हां… हिंद महासागर अब वो नहीं रहा जो पहले था। नए rules, नए players – और हम इस बार सीधे गेम में हैं!
यह भी पढ़ें:
Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com