भारत ने दिखा दिया कि अब बात पुरानी नहीं रही! ट्रंप के सामने ‘ना’ कहने का जज्बा
क्या आपने कभी सोचा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो अपने ‘अमेरिका फर्स्ट’ वाले रवैये के लिए मशहूर हैं, भारत के सामने अपना टोन डाउन करेंगे? लेकिन हुआ यही! भारतीय सामानों पर 25% टैरिफ लगाने की धमकी देने के बाद अचानक उनका स्वर बदल गया। अब वो बातचीत की बात कर रहे हैं। और ये बदलाव तब आया जब भारत सरकार ने साफ कर दिया कि हम अपने हितों से समझौता नहीं करेंगे। ट्रंप का ये बयान तो सुनिए: “हम भारत के साथ बैठकर समाधान निकालना चाहते हैं”। ये कोई छोटी बात नहीं है दोस्तों – ये भारत की बढ़ती ताकत का साफ संकेत है।
पूरा माजरा क्या है? टैरिफ वॉर की असली कहानी
असल में बात शुरू हुई थी अमेरिका के उस फैसले से, जब उन्होंने भारतीय स्टील और एल्युमिनियम पर टैरिफ बढ़ा दिया। उनका तर्क था ‘अमेरिकन इंडस्ट्री को बचाना’। लेकिन भारत ने ऐसा जवाब दिया कि सब हैरान रह गए! हमने भी अमेरिकी सामानों पर टैरिफ लगाने की धमकी दे डाली – खासकर सेब, बादाम जैसी चीजों पर। सच कहूं तो, ये trade deficit और नौकरियों को लेकर ट्रंप की चिंता का नतीजा था। पर भारत ने दिखा दिया कि अब हम भी खेल बदल सकते हैं!
भारत का स्टैंड: ‘हम नहीं झुकेंगे’
यहां सबसे दिलचस्प बात ये रही कि भारत सरकार एक इंच भी पीछे नहीं हटी। वाणिज्य मंत्रालय ने साफ-साफ कह दिया – “हम अनुचित नीतियों के आगे नहीं झुकेंगे।” और ये सिर्फ बयानबाजी नहीं थी। हमने असल में counter measures तैयार करना शुरू कर दिए। शायद यही वो पल था जब ट्रंप को समझ आया कि भारत के साथ बुली की तरह पेश आने से काम नहीं चलेगा। अब तो बातचीत का रास्ता साफ हो गया है। क्या आपको नहीं लगता कि ये एक बड़ी जीत है?
किसने क्या कहा? प्रतिक्रियाओं का दिलचस्प सर्वे
भारतीय उद्योग जगत तो मानो खुशी से झूम उठा! FICCI और CII जैसे बड़े संगठनों ने इसे ‘देश के हितों की मजबूत रक्षा’ बताया। एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि ये भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत का नतीजा है। वहीं अमेरिकी मीडिया… अरे भई, उनका तो बुरा हाल है! The New York Times जैसे अखबार लिख रहे हैं कि ट्रंप को इस बार पीछे हटना पड़ा। सच तो ये है कि अब वो पुराने तरीके काम नहीं करते जब अमेरिका जो चाहे थोप दे।
अब आगे क्या? ये हैं अगले संभावित कदम
अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि आगे क्या होगा। sources के मुताबिक, जल्द ही commerce ministry के अधिकारी और अमेरिकी प्रतिनिधि बातचीत करेंगे। अगर समझौता हो जाता है, तो खासकर स्टील और engineering goods सेक्टर को बड़ी राहत मिलेगी। पर सबसे बड़ी बात ये है कि भारत ने ये साबित कर दिया है कि हम किसी के दबाव में नहीं झुकते। अब देखना ये है कि क्या ये नया समीकरण भारत-अमेरिका trade relations को हमेशा के लिए बदल देगा? क्या सच में नए दौर की शुरुआत हो गई है? आपकी क्या राय है?
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com