चीन-पाकिस्तान के Stealth विमानों का सच! क्या भारत Su-57 से पार पा सकता है?
जमीनी हकीकत
दोस्तों, सच तो ये है कि भारत के लिए हवाई मोर्चे पर चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। एक तरफ चीन ने अपनी Air Force में पांचवीं पीढ़ी के Stealth विमान तैनात कर दिए हैं, तो दूसरी ओर पाकिस्तान भी नए-नए हथियार जुटा रहा है। सवाल ये है कि क्या रूस का Su-57 हमारे लिए सही जवाब हो सकता है? आइए समझते हैं…
1. पांचवीं पीढ़ी के Fighter Jets की ABC
क्या खास होता है इनमें?
- Stealth टेक्नोलॉजी – यानी रडार पर कम दिखना
- Supercruise – बिना एफ्टरबर्नर के ही सुपरसोनिक स्पीड
- हाई-टेक Avionics और सेंसर
- नेटवर्क से जुड़ी लड़ाई की क्षमता
दुनिया में कौन क्या इस्तेमाल कर रहा?
- अमेरिका: F-22 और F-35
- चीन: J-20 और J-31
- रूस: Su-57
2. चीन-पाकिस्तान का हथियार: असली खतरा क्या है?
चीन का J-20 – दुश्मन की ताकत
चीन ने अपने J-20 विमानों को हमारी सीमा के पास तैनात कर रखा है। ये न सिर्फ Stealth टेक्नोलॉजी से लैस हैं, बल्कि इनमें लगे एडवांस्ड मिसाइल सिस्टम हमारे लिए बड़ी चुनौती हैं।
पाकिस्तान की चाल: JF-17 Block III और J-31
पाकिस्तान ने अपने JF-17 के नए वर्जन में एडवांस्ड रडार लगा लिए हैं। साथ ही खबरें हैं कि वो चीन से J-31 खरीदने की फिराक में है। अगर ऐसा हुआ तो हमें दो मोर्चों पर सतर्क रहना होगा।
3. भारत का क्या जवाब होगा?
Su-57 के प्लस-माइनस
- प्लस:
- रूस के साथ हमारे पुराने रक्षा रिश्ते
- कीमत F-35 से कम
- Technology Transfer की संभावना
- माइनस:
- Stealth क्षमता पर सवाल
- हम पहले FGFA प्रोजेक्ट से बाहर आ चुके हैं
4. और क्या विकल्प हैं हमारे पास?
अमेरिका का F-35
F-35 तकनीकी रूप से बेहतर जरूर है, लेकिन इसकी कीमत और मेंटेनेंस कॉस्ट बहुत ज्यादा है। साथ ही, अमेरिका के साथ डील करने के अपने राजनीतिक निहितार्थ हैं।
हमारा खुद का AMCA
DRDO और HAL मिलकर AMCA बना रहे हैं जो लॉन्ग टर्म में बेस्ट सॉल्यूशन हो सकता है। पर ये अभी डेवलपमेंट स्टेज में है और इसमें समय लगेगा।
5. तो क्या करे भारत?
देखिए, हमें एक बैलेंस्ड अप्रोच की जरूरत है। Su-57 ठीक है, पर परफेक्ट नहीं। F-35 महंगा है, पर टेक्नोलॉजी बेहतर। AMCA हमारा अपना है, पर इंतजार करना पड़ेगा। शायद बेस्ट सॉल्यूशन इन सबका मिक्स हो – कुछ Su-57 अभी, और साथ में AMCA पर फोकस। क्योंकि अंत में, सुरक्षा के मामले में कोई शॉर्टकट नहीं चलता!
Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com