भारत में बनेगा रूसी टैंकों का काल? अमेरिकी Javelin मिसाइल से गेम-चेंजर मूव!
अरे भाई, भारत ने तो अब जमकर तैयारी शुरू कर दी है! हाल ही में अमेरिका को Javelin एंटी-टैंक मिसाइल्स खरीदने का फॉर्मल लेटर भेजा गया है। एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने जो बताया, उससे तो लगता है कि ये सिर्फ खरीदारी नहीं, बल्कि पूरा गेम प्लान बदलने वाला कदम है। सोचो – रूसी टैंकों के खिलाफ ये मिसाइलें क्या कमाल करेंगी! हालांकि, रूस वालों को ये खबर कैसी लगेगी, ये तो वक्त ही बताएगा।
पूरा माजरा क्या है?
देखिए न, पिछले कुछ सालों में चीन और पाकिस्तान ने अपनी सेना को कितना मॉडर्न बना लिया है। और सबसे बड़ी टेंशन की बात? उनके पास रूसी T-90 और T-72 टैंकों का जखीरा है। अब इन्हें ध्वस्त करने के लिए हमें भी कुछ जबरदस्त चाहिए। यहीं पर Javelin मिसाइल्स गेम-चेंजर साबित हो सकती हैं। सबसे मजेदार बात? ये “फायर-एंड-फॉरगेट” टेक्नोलॉजी पर काम करती हैं – मतलब एक बार फायर किया और भूल जाओ! मिसाइल खुद-ब-खुद टारगेट ढूंढ लेगी। बिल्कुल स्मार्टफोन की तरह – सेट करो और भूल जाओ!
ताजा अपडेट क्या है?
अब तो मामला गंभीर हो गया है। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका को ऑफिशियल प्रपोजल भेज दिया है। और यहां सबसे ज्यादा एक्साइटमेंट की बात? 5000+ मिसाइल्स भारत में ही असेंबल की जाएंगी! यानी दो फायदे – एक तो सेना को टॉप-नॉच वेपन्स मिलेंगे, दूसरा “मेक इन इंडिया” को भी बढ़ावा मिलेगा। पर सच कहूं तो, ये सिर्फ हथियारों की बात नहीं है। ये तो हमारी आत्मनिर्भरता की लड़ाई है।
कौन क्या बोल रहा है?
अब जाहिर है, हर कोई अपनी-अपनी राय दे रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि Javelin से हमारी स्ट्राइक पावर कई गुना बढ़ जाएगी। एक जानकार तो यहां तक कह गए – “ये मिसाइलें दुश्मन के टैंकों के लिए काल साबित होंगी।” अमेरिका वाले तो खुश हैं – उनका भारत के साथ डिफेंस कोऑपरेशन और मजबूत होगा। पर हैरानी की बात? रूस अभी तक चुप है। शायद उन्हें ये डील पसंद नहीं आई।
अब आगे क्या?
अब तो बस अमेरिका के साथ बातचीत का इंतजार है। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो जल्द ही भारत में Javelin मिसाइल्स बनने लगेंगी। सोचिए – हमारी बॉर्डर सिक्योरिटी को कितना फायदा होगा! और चीन-पाकिस्तान को भी साफ संदेश जाएगा कि अब हम पहले जैसे नहीं रहे। सच कहूं तो, ये सिर्फ हथियारों की डील नहीं, बल्कि हमारे आत्मविश्वास का प्रतीक है।
तो फाइनली… Javelin डील भारत के लिए बिल्कुल नया चैप्टर खोल सकती है। सुरक्षा हो या आत्मनिर्भरता – हर मोर्चे पर ये एक बड़ी छलांग साबित होगी। बस, अब देखना ये है कि ये प्लान कितना सफल होता है। क्योंकि जैसा कि हम जानते हैं – “देर आयद दुरुस्त आयद!”
अरे भाई, भारत अब अमेरिकी जेवलिन मिसाइल बनाने जा रहा है – और ये खबर सच में कमाल की है! सोचो जरा, ये सिर्फ एक मिसाइल नहीं है, बल्कि हमारी रक्षा ताकत को पूरी तरह बदल देने वाला गेम-चेंजर है। रूसी टैंकों के खिलाफ तो ये बिल्कुल जानलेवा साबित होगी, लेकिन असल बात ये है कि ये हमें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ी छलांग है।
मतलब समझे? जैसे आपके पास अब तक किराए का घर था और अब आप खुद का बना रहे हो। फर्क समझ आ रहा है न? #MakeInIndia की ये पहल सिर्फ एक हैशटैग नहीं, बल्कि सच्ची ताकत बनने का रास्ता है।
अब देखना ये है कि ये तकनीक हमारी सेना के हाथों में कैसा जादू करती है। एकदम ज़ोरदार! सच कहूं तो, उम्मीदें बहुत ज्यादा हैं… और क्यों न हों?
#DefenseTechnology #आत्मनिर्भरभारत
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