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भारत-UK FTA डील: कपड़े, जूते और खाने की चीजें होंगी सस्ती, जानें कैसे मिलेगा फायदा

भारत-UK FTA डील: कपड़े, जूते और खाने की चीजें सस्ती होंगी… पर क्या यह इतना आसान है?

अरे भाई, अगर आपको लगता है कि ये FTA डील सिर्फ कपड़े-जूते सस्ते करने वाली है, तो थोड़ा रुकिए! असल में तो ये पूरा गेम ही बदल देने वाली चीज है। भारत और UK के बीच हुआ ये मुक्त व्यापार समझौता… देखा जाए तो ये दोनों देशों के लिए विन-विन सिचुएशन है। पर सच कहूं? हम जैसे आम लोगों के लिए इसका मतलब है – अब UK से आने वाले प्रोडक्ट्स की कीमतों में गिरावट। वो भी खासकर रोजमर्रा की चीजों पर, जैसे कपड़े, फुटवियर और खाने-पीने का सामान। लेकिन यहां एक सवाल उठता है – क्या ये सस्ते दाम सच में हम तक पहुंच पाएंगे? क्योंकि जानते ही हैं न, हमारे यहां तो बीच में कितने ही ‘कमीशन एजेंट’ बैठे होते हैं!

पीछे की कहानी: चाय-पकौड़े वाली बातचीत नहीं थी ये!

यार, ये FTA कोई रातों-रात तो हुआ नहीं! इसके लिए तो सालों की मेहनत लगी है। सच बताऊं? मैं तो यही सोच रहा था कि ये डील कभी होगी भी या नहीं… क्योंकि बीच में कितनी बार बातचीत अटकी, फिर चली। UK वाले तो हमारे textiles और IT services के दीवाने हैं, पर टैरिफ की वजह से कीमतें आसमान छू रही थीं। अब जाकर ये रास्ता साफ हुआ है। एक तरफ तो हमारे exporters को फायदा मिलेगा, दूसरी तरफ UK की companies यहां invest करेंगी। मतलब? जॉब्स बढ़ेंगे भाई!

डील की खास बातें: सिर्फ सस्ते दाम नहीं, बहुत कुछ है

असल में इस डील में सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात ये है कि अब हमारे garments और agricultural products पर UK का टैरिफ कम होगा। मतलब? हमारे exporters को competitive edge मिलेगा। पर यहीं नहीं रुकता मामला! एक बड़ी बात ये है कि export की प्रक्रिया अब आसान होगी – जो कि हमारे छोटे व्यापारियों के लिए वरदान साबित हो सकता है। और हां, IT और healthcare जैसे sectors को तो इससे खास फायदा मिलने वाला है। पर सच कहूं? मुझे लगता है education sector भी पीछे नहीं रहेगा। UK की universities अब भारत में और invest कर सकती हैं। क्या पता, अगले कुछ सालों में हमारे बच्चों को विदेश जाने की जरूरत ही न पड़े!

लोग क्या कह रहे हैं? मिली-जुली प्रतिक्रियाएं

देखिए, जब तक कोई चीज 100% सबको पसंद आने लगे, तो समझ लीजिए कुछ गड़बड़ है! FICCI और CII जैसी बड़ी संस्थाएं तो इस डील पर झूम रही हैं। पीयूष गोयल जी ने तो इसे ‘ऐतिहासिक’ तक बता दिया। पर कुछ experts की चिंता भी जायज है – क्या हमारे MSMEs इस competition को handle कर पाएंगे? UK के PM ने तो सीधे कह दिया – “win-win situation” है ये। पर मेरा सवाल ये है कि क्या हमारे छोटे दुकानदार भी इस ‘win’ में शामिल होंगे? या फिर ये सिर्फ बड़े players का गेम होकर रह जाएगा?

आगे क्या? सपने और चुनौतियां दोनों

अब सोचिए… अगर ये डील सही तरीके से implement होती है, तो क्या-क्या हो सकता है! UK से आने वाले products सस्ते होंगे, नए industries खुलेंगे, jobs बढ़ेंगे। पर यहां एक बड़ी चुनौती है quality की। हमें अपने products के standards international level पर लाने होंगे। वरना UK के market में टिक पाना मुश्किल होगा। और हां… अगर ये डील सफल रही, तो EU के साथ भी deal करने का रास्ता साफ होगा। सच कहूं? मुझे लगता है इससे हमारी economy को नई wings मिल सकती हैं। बस… सरकार और industry मिलकर काम करें, तो!

एक बात और – अगर आप सोच रहे हैं कि कल से ही सब कुछ सस्ता हो जाएगा, तो निराश होने की तैयारी रखिए। ये सब धीरे-धीरे ही होगा। पर शुरुआत तो अच्छी हुई है, है न?

भारत-UK FTA डील: जानिए वो सब कुछ जो आपके लिए मायने रखता है

FTA डील आखिर है क्या बला? और काम कैसे करेगी?

देखिए, FTA यानि Free Trade Agreement… नाम से ही साफ है न? मतलब दोनों देश आपस में खुलकर व्यापार करेंगे। टैरिफ यानि import duty कम होगी या शायद खत्म भी। सीधा फायदा? भारत से UK जाने वाले कपड़े, जूते या मसाले जैसी चीजें सस्ती होंगी। वहीं UK से आने वाली चीजें भी हमारे यहाँ कुछ सस्ती दिख सकती हैं। पर सवाल ये है कि कितनी सस्ती? वो तो डील के details पर निर्भर करेगा।

किसका होगा ज्यादा फायदा? जानिए भारत के top winners

असल में अगर देखा जाए तो हमारे textile वालों का तो जैसे जश्न ही छूट जाएगा! क्योंकि UK में आजकल Indian कपड़ों पर import duty बहुत ज्यादा है। जूता (footwear) और processed food वालों के भी चेहरे खिले हुए हैं। एक तरफ तो बड़ा मार्केट मिलेगा, दूसरी तरफ competition भी बढ़ेगा। पर यहाँ एक बात… सिर्फ export बढ़ने से काम नहीं चलेगा, quality पर भी ध्यान देना होगा।

आम आदमी को क्या मिलेगा? जानिए आपके लिए क्या है डील में

ईमानदारी से कहूं तो हर कोई तुरंत फायदा नहीं देख पाएगा। लेकिन… UK से आने वाली luxury चीजें, wines, और कुछ electronic items थोड़े सस्ते हो सकते हैं। पर ये भी समझ लीजिए – जैसे ही export बढ़ेगा, नौकरियां भी बढ़ेंगी। तो long term में फायदा तो है ही। एकदम ज़बरदस्त। सच में।

आखिर रुकावट कहाँ है? जानिए डील delay का सच

देखिए, ये कोई सामान्य shopping deal तो है नहीं! दोनों देश अपने-अपने हित साधने की कोशिश में हैं। मुख्य मुद्दे? Intellectual property rights को लेकर खींचतान चल रही है। Data protection को लेकर भी कुछ concerns हैं। और सबसे बड़ी बात – UK में हमारे professionals के लिए visa rules को लेकर अभी consensus नहीं बना। पर अच्छी बात ये है कि दोनों तरफ से जल्दी डील पक्की करने की कोशिश जारी है।

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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