भारत-अमेरिका ट्रेड डील: क्या किसानों के हितों पर होगी कोई छूट?
अरे भाई, भारत और अमेरिका के बीच चल रही यह ट्रेड वार्ता तो जैसे कभी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही! खासकर कृषि मामलों पर तो बातचीत का पहिया वहीं का वहीं अटका हुआ है। सरकार ने साफ कर दिया है कि किसानों के मसले पर कोई समझौता नहीं होगा, चाहे अमेरिका जितना भी दबाव डाल ले। सच कहूं तो, यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘अमेरिकन ट्रेड इंटरेस्ट्स’ के बीच की जंग का नया राउंड लगता है।
क्या है पूरा माजरा? समझते हैं…
देखिए, यह वार्ता कोई नई नहीं है। सालों से चल रही है यह कहानी – trade deficit कम करने की बात, व्यापार बढ़ाने की बात। लेकिन असल मुद्दा तो वही है – अमेरिका चाहता है कि हम अपने कृषि बाजार खोल दें और सब्सिडी घटा दें। और हमारी सरकार? उसका जवाब साफ है – “किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं।” पिछले कुछ दौरों में तो टैरिफ और non-tariff barriers को लेकर भी खूब बहस हुई। मजे की बात यह कि दोनों तरफ से गरमा-गरम बयान आ रहे हैं, लेकिन बातचीत जारी है!
ताजा हालात: सरकार ने दिखाई स्पाइन!
अभी हाल ही में हुई बातचीत तो और भी दिलचस्प रही। हमारे अधिकारियों ने अमेरिकी प्रस्तावों को ठुकराते हुए कहा – “नहीं, यह नहीं चलेगा।” एकदम स्पष्ट। अमेरिका वालों को तो यह बात हजम ही नहीं हुई। उन्होंने तुरंत भारत पर “अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसेज” का आरोप लगा दिया। पर हमारी सरकार टस से मस नहीं हुई। अच्छी बात यह कि दोनों पक्ष अभी भी बातचीत के लिए तैयार हैं। शायद अगले कुछ हफ्तों में फिर कोई नया डेवलपमेंट आ जाए।
कौन क्या कह रहा है? सुनीए…
इस पूरे मामले पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। सरकार के एक बड़े अधिकारी ने तो बिल्कुल साफ शब्दों में कहा – “किसानों के हित सर्वोपरि।” वहीं अमेरिकी ट्रेड प्रतिनिधि का कहना है कि “भारत को और पारदर्शिता दिखानी चाहिए।”
किसान संगठन? वे तो सरकार के साथ खड़े हैं। उनका कहना है – “हमारी रोटी से खिलवाड़ नहीं होने देंगे।” एक्सपर्ट्स की राय? वे कह रहे हैं कि अगर यह मुद्दा हल नहीं हुआ तो भारत-अमेरिका रिश्तों पर बुरा असर पड़ सकता है। सच्चाई यह है कि दोनों देशों को एक दूसरे की जरूरत है।
आगे क्या? थोड़ा क्रिस्टल बॉल देख लेते हैं…
तो अब सवाल यह है कि आगे का रास्ता क्या होगा? देखिए, अगले कुछ हफ्तों में फिर वार्ता होने वाली है। अगर कोई समझौता नहीं हुआ तो…? तो शायद भारत EU और अन्य एशियाई देशों की तरफ ज्यादा ध्यान देने लगे।
एक बात तो तय है – सरकार का यह रुख दिखाता है कि वह अपने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के वादे पर अडिग है। लेकिन यह जिद्द आगे चलकर और ट्रेड वॉर को जन्म दे सकती है। आखिरकार, दोनों पक्षों को कोई मध्यमार्ग निकालना ही होगा। वर्ना गेम थोड़ा मुश्किल हो सकता है, है न?
यह भी पढ़ें:
- Trade Negotiations
- Us Iran Direct Talks Trump Announcement Deal
- Trump Announces Major Trade Deal India China Shock
Source: NDTV Khabar – Latest | Secondary News Source: Pulsivic.com