Site icon surkhiya.com

ऑपरेशन सिंदूर के बाद बड़ी बैठक! भारतीय सेना और सरकार का ज्वाइंट ऑपरेशन पर फोकस

ऑपरेशन सिंदूर के बाद क्या हुआ? सेना और सरकार की बड़ी चर्चा!

दिल्ली में आज कुछ ऐसा हुआ जिस पर पूरे देश की नज़रें टिकी थीं। भारतीय सेना के टॉप कमांडरों की एक बैठक चल रही थी – और यह कोई आम बैठक नहीं थी। असल में, यह ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार था जब सभी बड़े अफसर एक साथ बैठे। और सिर्फ यही नहीं, पाकिस्तान बॉर्डर के पास चल रहे military exercises को लेकर भी कुछ बड़े फैसले हुए। मज़ा आ गया न?

ऑपरेशन सिंदूर: क्यों है इतना खास?

अब थोड़ा पीछे चलते हैं। ऑपरेशन सिंदूर वाली बात समझनी है न? देखिए, ये कोई आम military operation नहीं था। एक तरह से भारतीय सेना का वो गुप्त अभियान जिसने सीमा पार से होने वाली terrorist activities की कमर तोड़ दी। सच कहूं तो, इसकी सफलता के बाद सेना की पूरी रणनीति ही बदल गई है। और हां, पिछले कुछ महीनों से LOC पर जो तनाव है, उसने तो सेना को और अलर्ट कर दिया है। इसीलिए ये बैठक इतनी ज़रूरी थी – आगे का रोडमैप तय करने के लिए।

बैठक में क्या-क्या हुआ?

अब सुनिए इस high-level meeting की खास बातें। सेना प्रमुख से लेकर सभी बड़े अफसरों ने ऑपरेशन सिंदूर की हर डिटेल पर चर्चा की। पर सबसे बड़ी बात? Joint operations को और मज़बूत करने पर ज़ोर! यानी army, air force और navy – तीनों की बेहतर टीमवर्क। और हां, पाकिस्तान बॉर्डर पर military exercises को और तेज़ करने का फैसला भी हुआ। वैसे, एक अच्छी खबर ये भी है कि रक्षा मंत्रालय ने नए resources और टेक्नोलॉजी अपग्रेड्स का इशारा दिया है। अच्छी बात है न?

क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स और नेता?

बैठक के बाद तो हर तरफ चर्चा शुरू हो गई। रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल (रिटायर्ड) एके शुक्ला ने कहा कि, “ऑपरेशन सिंदूर ने दिखा दिया कि हमारी सेना cross-border threats को ठिकाने लगाने में माहिर है।” वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने Twitter पर लिखा, “सेना के जज्बे को सलाम! Military modernization हमारी प्राथमिकता है।” लेकिन opposition leaders ने सवाल उठाया – क्या defense budget बढ़ाने पर भी बात हुई? राजनीति तो चलेगी ही न!

आगे की राह क्या है?

अब क्या? इस बैठक के बाद तो सेना और जोश में आ गई है। ऑपरेशन सिंदूर जैसे missions के लिए तैयारियां और तेज़ होंगी। भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर surveillance बढ़ेगी, military exercises और इंटेंस होंगे। और सुनिए, सूत्रों की मानें तो रक्षा मंत्रालय जल्द ही नए सैन्य उपकरणों और advanced technologies की खरीद को हरी झंडी दे सकता है। defense analysts कह रहे हैं – ये बैठक regional security के गेम को ही बदल देगी। देखते हैं आगे क्या होता है!

यह भी पढ़ें:

ऑपरेशन सिंदूर और ज्वाइंट ऑपरेशन – सारे जवाब, बिना लाग-लपेट के!

ऑपरेशन सिंदूर: ये है क्या बला, और इतनी हाय-तौबा क्यों?

देखिए, ऑपरेशन सिंदूर कोई आम military exercise नहीं है। असल में, ये भारतीय सेना का वो strategic move है जिसमें national security के सारे पेंच एक साथ कसने की कोशिश हुई है। सीधे शब्दों में कहें तो – ये उतना ही ज़रूरी है जितना कि आपके घर का मेन गेट लॉक करना! Border management से लेकर दुश्मनों की हरकतों पर नज़र, सब कुछ इसी operation के दायरे में आता है।

सरकार और सेना की ये जोड़ी किस चीज़ पर लगी है?

अब यहाँ थोड़ा गंभीर होना पड़ेगा। इस joint operation का मकसद साफ है – cross-border terrorism की आग में घी डालने वालों को रोकना। पर सिर्फ इतना ही नहीं… illegal activities, smuggling, और वो सारे national security threats जिनके बारे में अखबारों में पढ़ते हैं। है ना मुश्किल काम? लेकिन सेना और सरकार मिलकर एक ऐसी strategy बना रही हैं जिससे हमारी सुरक्षा और मज़बूत हो। एक तरह से देखें तो ये चेस का वो मोहरा है जो पूरे गेम को बदल सकता है!

ऑपरेशन के बाद अब आगे क्या?

यहाँ से कहानी और दिलचस्प होती है। Operation तो बस एक शुरुआत है – असली मैच तो अब शुरू हो रहा है! Technology upgrade से लेकर intelligence sharing तक, हर चीज़ पर काम चल रहा है। और हाँ, international cooperation भी बहुत ज़रूरी है। क्योंकि आजकल की security challenges तो सीमाओं में बंधकर नहीं रहतीं, है ना?

आम जनता पर क्या असर पड़ेगा? सच-सच बताइये!

ईमानदारी से कहूँ तो – border areas के लोगों के लिए तो ये directly महत्वपूर्ण है। पर हम सबके लिए? देखिए, जब देश की सुरक्षा मज़बूत होगी तो हमारी नींद भी तो पक्की होगी! बस सरकार की guidelines follow करनी होंगी, थोड़ा सा सहयोग देना होगा। वैसे भी, security के मामले में थोड़ी सी परेशानी, बहुत सारी सुरक्षा के लिए तो ठीक है न?

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

Exit mobile version