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26,000 सैनिकों ने तोड़ा रिकॉर्ड! एक दिन में लिया अंगदान का ऐतिहासिक संकल्प

26,000 सैनिकों ने किया कमाल! एक दिन में ही ले लिया अंगदान का संकल्प

अरे वाह! भारतीय सेना ने तो आज फिर से साबित कर दिया कि वो सिर्फ सीमाओं की रक्षा ही नहीं, बल्कि जिंदगियां बचाने में भी आगे रहती है। सोचिए, देशभर के 26,000 से ज्यादा जवानों ने एक ही दिन में अंगदान का संकल्प ले लिया! ये कोई छोटी बात नहीं है भाई। असल में देखा जाए तो ये सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं, बल्कि समाज के लिए एक जबरदस्त मिसाल है।

और सच कहूं तो, ये आंकड़ा सुनकर मेरी आंखें नम हो गईं। क्योंकि ये संकल्प किसी एक दिन की बात नहीं, बल्कि आने वाले समय में हजारों लोगों की जिंदगियां बचाने वाला है। सेना ने तो सच में ये बता दिया कि असली वीर वही होता है जो दूसरों के लिए जीता है।

पर ये पहल इतनी जरूरी क्यों?

देखिए, हमारे देश में अंगदान को लेकर अभी भी बहुत सी भ्रांतियां हैं। WHO के आंकड़े बताते हैं कि भारत में हर साल हजारों मरीज सिर्फ इसलिए मर जाते हैं क्योंकि उन्हें समय पर organ नहीं मिल पाता। ऐसे में सेना का ये कदम… सच में सराहनीय है।

मतलब सोचिए न, ये वही जवान हैं जो disaster relief operations में सबसे आगे रहते हैं। चाहे बाढ़ हो या earthquake, इन्हें देखते ही लोगों को राहत मिलती है। और अब ये अंगदान की मुहिम? एक तरफ तो ये सेना के “सेवा परमो धर्म” वाले सिद्धांत को दिखाता है, दूसरी तरफ ये समाज के लिए एक बड़ा संदेश भी है।

सेना दिवस पर हुआ ये अनोखा कार्यक्रम

जानते हैं सबसे मजेदार बात क्या है? ये पूरा कार्यक्रम सेना दिवस के मौके पर हुआ। Army, Navy, Air Force – तीनों के जवानों ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। और तो और, रक्षा मंत्रालय के मुताबिक ये आंकड़ा अभी और बढ़ने वाला है – 26,000 तो बस शुरुआत है!

सेना प्रमुख ने साफ कहा – ये कोई एक दिन का शो नहीं है। ये तो एक movement है जो लगातार चलेगा। और मुझे यकीन है कि जल्द ही हम और बड़े आंकड़े सुनने वाले हैं। क्योंकि जब सेना कुछ करती है, तो पूरे जोश के साथ करती है।

देश ने क्या कहा इस पर?

सोशल मीडिया से लेकर news channels तक – हर जगह इसी की चर्चा है। रक्षा मंत्री जी ने तो कहा ही कि “सेना ने फिर साबित कर दिया कि…”। लेकिन असल में बात ये है कि health experts भी हैरान हैं। उनका कहना है कि ये पहल medical sector के लिए वरदान साबित होगी।

और सच तो ये है कि सेना का ये कदम सिर्फ अंगदान तक ही सीमित नहीं। ये एक सोच बदलने वाली मुहिम है। क्योंकि जब जवान आगे आते हैं, तो आम लोगों में भी हिम्मत आती है। मैंने खुद कई लोगों को कहते सुना – “अगर फौजी भाई कर सकते हैं, तो हम क्यों नहीं?”

आगे की राह

अब सवाल ये उठता है कि आगे क्या? तो खबर ये है कि सरकार और सेना मिलकर इस मुहिम को और बड़ा बनाने की योजना बना रही हैं। CRPF, BSF जैसी paramilitary forces भी जल्द ही इसमें शामिल हो सकती हैं।

मेरा मानना है कि ये सिर्फ शुरुआत है। जिस तरह सेना अपने aircraft और resources का इस्तेमाल disaster relief में करती है, उसी तरह अब ये अंगदान की नई परंपरा शुरू कर रही है। और यकीन मानिए, ये वो record है जिस पर हर भारतीय को गर्व होना चाहिए। क्योंकि ये नंबर्स की नहीं, इंसानियत की जीत है।

भारतीय सेना के 26,000 जवानों ने आज जो किया, वो सच में काबिले-तारीफ है। एक दिन में इतने सारे जवानों का अंगदान का संकल्प लेना? ये कोई मामूली बात नहीं है, दोस्तों। असल में देखा जाए तो ये सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि इंसानियत की जीती-जागती मिसाल है।

और सोचिए, ये सिर्फ एक शुरुआत है। सेना के इस कदम से समाज में क्या असर पड़ेगा? मेरा मानना है कि ये पहल उस बर्फ़ की तरह है जो पहाड़ से फिसलकर हिमस्खलन बन जाती है। एक छोटी सी शुरुआत, लेकिन असर बहुत बड़ा।

वैसे भी, हमारी सेना का काम सिर्फ बॉर्डर पर लड़ना नहीं है। ये घटना साबित करती है कि ये लोग देश की सेवा के हर रूप में आगे रहते हैं – चाहे वो राइफल थामकर हो या फिर इस तरह की मानवीय पहल। सच कहूं तो, ऐसी ख़बरें दिल को छू जाती हैं। बिल्कुल।

अब देखना ये है कि ये मुहिम कितनी आगे जाती है। क्या हम आम नागरिक भी इससे प्रेरणा लेंगे? क्योंकि अंत में तो… ज़िंदगी बचाने से बड़ा कोई धर्म नहीं होता। है न?

26,000 सैनिकों ने अंगदान का संकल्प लिया – पर क्या आप जानते हैं ये पूरी कहानी?

सच कहूं तो, जब मैंने यह खबर पढ़ी तो गर्व से सीना फूल गया। हमारे जवानों ने न सिर्फ देश की रक्षा की, बल्कि अब जान बचाने का भी बीड़ा उठाया है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर यह सब हुआ कैसे?

1. यह रिकॉर्ड टूटा कैसे? (और किसने?)

देखिए, एक दिन में 26,000 सैनिकों का अंगदान के लिए आगे आना… ये कोई छोटी बात नहीं है। Armed Forces की यह पहल organ donation awareness को लेकर थी – और सच कहूं तो, उन्होंने इसे सिर्फ एक campaign नहीं, बल्कि एक movement बना दिया। क्या आप जानते हैं? यह दुनिया का सबसे बड़ा सामूहिक अंगदान संकल्प है!

2. अंगदान के फायदे? सिर्फ एक जान नहीं, कई जिंदगियां बदल सकती हैं

इसे ऐसे समझिए – आपके एक फैसले से 8 लोगों को नया जीवन मिल सकता है। हां, एक donor के organs से इतनी lives save हो सकती हैं। और tissues की बात करें तो यह संख्या 50+ तक पहुंच जाती है। सोचिए, मरने के बाद भी आप कितनों के लिए मसीहा बन सकते हैं!

3. “क्या मैं भी कर सकता हूँ?” – जवाब है हाँ, और ये रहा तरीका

अरे भाई, कोई भी healthy व्यक्ति (18-60 साल के बीच) यह पुण्य कार्य कर सकता है। आसान तरीका? या तो अपने nearest hospital में पूछिए, या फिर online ‘notto.gov.in’ पर 5 मिनट में register कर लीजिए। मजे की बात? आपको कोई पैसा नहीं देना पड़ेगा – बस थोड़ी सी दिल की बड़ाई चाहिए!

4. Armed Forces का ‘Pledge for Life’ – सिर्फ एक campaign नहीं, एक क्रांति

हमारे soldiers की बात ही कुछ और है। उन्होंने ‘Pledge for Life’ नाम से जो campaign चलाया, वो सच में काबिले-तारीफ है। सिर्फ जवान ही नहीं, बल्कि उनके परिवार वाले भी इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। और नतीजा? 26,000 संकल्प! एकदम जबरदस्त।

तो क्या सोच रहे हैं? कब बारी आपकी है… क्योंकि जिंदगी देने से बड़ा दान कोई हो ही नहीं सकता। है न?

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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