चीन-पाक मोर्चे पर सेना की जबरदस्त तैयारी! रुद्र, भैरव से दिव्यास्त्र तक – 5 प्वाइंट में समझिए पूरा गेम प्लान
देखिए, बात सीधी है – भारतीय सेना ने चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर अपनी पकड़ और मॉनिटरिंग को लेकर बड़े कदम उठाए हैं। और ये कोई रूटीन अपग्रेड नहीं है। आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने तो करगिल विजय दिवस पर ही साफ कर दिया – नई ब्रिगेड्स, बटालियन्स और हथियारों के ज़रिए हमारी फौज अपने गेम को नए लेवल पर ले जा रही है। असल में, ये तैयारी एक मैसेज है – वो भी ऐसा जो बिना शब्दों के बोलता हो। समझ गए न?
पहले ये समझें: आखिर ये तैयारी इतनी ज़रूरी क्यों?
अब सवाल यह है कि इतनी भाग-दौड़ की क्या वजह है? तो सुनिए, पिछले कुछ सालों से LAC पर चीन और LoC पर पाकिस्तान – दोनों ही फ्रंट्स पर हालात बहुत रोमांचक (और तनावपूर्ण) रहे हैं। 2020 की गलवान घटना के बाद तो सेना ने चीन बॉर्डर को लेकर अपनी पूरी स्ट्रैटजी ही बदल डाली। वहीं पाकिस्तान? उनका तो पुराना रिकॉर्ड है – घुसपैठ और सीजफायर उल्लंघन की घटनाएं जैसे उनकी ‘राष्ट्रीय खेल’ बन चुकी हो। इन्हीं हालात को देखते हुए सेना ने ये मास्टर प्लान तैयार किया है। और भई, ये सिर्फ जवानों की संख्या बढ़ाने तक सीमित नहीं है।
5 बड़े बदलाव जो गेम चेंजर साबित होंगे
तो अब बात करते हैं उन पांच मुख्य पहलुओं की जो सेना की इस नई रणनीति का बैकबोन हैं:
1. सबसे पहले तो – बॉर्डर पर नई ब्रिगेड्स और बटालियन्स की तैनाती। ये कोई छोटी बात नहीं, यह उतना ही ज़रूरी है जितना कि क्रिकेट मैच में एक्स्ट्रा फील्डर्स रखना!
2. दूसरा – हाई-ऑल्टीट्यूड वॉरफेयर के लिए रुद्र और भैरव हेलिकॉप्टर्स। ये बदले हुए मौसम और दुर्गम इलाकों में भी धांसू परफॉर्मेंस देते हैं। एकदम ज़बरदस्त। सच में।
3. तीसरा – स्वदेशी मिसाइल सिस्टम्स जैसे दिव्यास्त्र और ड्रोन टेक्नोलॉजी। अब दुश्मन की हर हरकत पर नज़र रखना पहले से कहीं आसान होगा।
4. चौथा – बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर। सड़कें, पुल, एयरस्ट्रिप्स – ये सब बनाने की रफ्तार अब पहले से कहीं तेज है। क्योंकि जितनी जल्दी हमारे जवान और उपकरण मूव कर सकें, उतना बेहतर।
5. और आखिरी पर सबसे ज़रूरी – साइबर और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर। आजकल की लड़ाई सिर्फ बंदूकों तक सीमित नहीं रही, है न?
क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स?
आर्मी चीफ जनरल पांडे तो कह ही चुके हैं – “हम पूरी तरह तैयार हैं।” पर मैंने कुछ डिफेंस एक्सपर्ट्स से भी बात की तो उनका कहना है कि ये स्टेप्स भारत की बॉर्डर सिक्योरिटी को नए लेवल पर ले जाएंगे। राजनेताओं ने भी इस पहल की तारीफ की है, हालांकि कुछ का कहना है कि इसे और तेज किया जा सकता था। पर ये तो हर चीज़ के साथ होता है, है न?
अब आगे क्या? सेना का अगला मूव
अगले छह महीनों में ये तैयारियां और तेज होंगी। साथ ही चीन और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पर भी पैनी नज़र रहेगी। और हाँ – टेक्नोलॉजिकल सर्विलांस और मिलिट्री एक्सरसाइजेज़ को भी प्राथमिकता दी जाएगी। क्योंकि इस समय सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है।
तो समझ लीजिए – ये सिर्फ सैन्य तैयारियां नहीं हैं, बल्कि एक स्पष्ट संदेश है। वो भी ऐसा जो बिना शोर मचाए बहुत कुछ कह जाता है। और संदेश साफ है – भारत अब किसी भी चुनौती के लिए पहले से कहीं ज्यादा तैयार है। बस!
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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com