“ब्रह्मोस-राफेल नहीं! यह भारतीय हथियार एक झटके में कर देगा दुश्मन का सफाया”

ब्रह्मोस-राफेल नहीं! यह भारतीय हथियार दुश्मनों को एक झटके में ध्वस्त कर देगा

देखिए, भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। और मैं बता दूं, यह कोई छोटी-मोटी खबर नहीं है। सरकार ने ₹87,000 करोड़ की एक डिफेंस डील को हरी झंडी दिखा दी है – जो कि हमारे वर्तमान ब्रह्मोस मिसाइल और राफेल fighter jets से भी ज्यादा ताकतवर हथियार सिस्टम होगा। सच कहूं तो, यह हथियार दुश्मन को एक ही वार में खत्म करने की क्षमता रखता है। और यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब दुनिया भर में तनाव चरम पर है – रूस-यूक्रेन की लड़ाई जारी है, इजरायल-हमास का संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा, और अब थाईलैंड-कंबोडिया के बीच झड़पें शुरू हो गई हैं।

स्वदेशी तकनीक का बड़ा कदम

अब सवाल यह है कि यह क्यों खास है? दरअसल, भारत लंबे समय से ‘मेक इन इंडिया’ के तहत अपनी रक्षा प्रणालियों को विकसित करने पर जोर दे रहा है। ब्रह्मोस और राफेल ने तो हमारी सैन्य ताकत को बढ़ाया ही, लेकिन यह नया सिस्टम? यह तो गेम चेंजर साबित हो सकता है। DRDO द्वारा विकसित इस हथियार को देखकर लगता है कि हम वाकई आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं। एकदम ज़बरदस्त!

हाइपरसोनिक तकनीक – क्या यह संभव है?

सुनकर थोड़ा अविश्वसनीय लगे, लेकिन सैन्य विशेषज्ञों का दावा है कि यह हथियार हाइपरसोनिक स्पीड से काम करेगा। मतलब? दुश्मन के सबसे एडवांस्ड radar systems को भी चकमा देने की क्षमता। सटीकता और विनाशकारी ताकत का ऐसा कॉम्बिनेशन शायद ही कहीं देखने को मिले। सरकार ने इसे अगले 5 साल में पूरा करने का टारगेट रखा है। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो यह हथियार हमारी सेना का प्रमुख हिस्सा बन जाएगा।

राजनीतिक और सैन्य प्रतिक्रियाएँ – क्या कह रहे हैं लोग?

रक्षा मंत्री तो इसे “भारत की बढ़ती सैन्य क्षमता का प्रतीक” बता रहे हैं। उनका कहना है, “हमारी सेना अब किसी भी चुनौती के लिए तैयार है।” लेकिन दूसरी तरफ, विपक्ष पारदर्शिता की मांग कर रहा है। सच तो यह है कि अगर यह प्रोजेक्ट सफल रहा, तो भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा जिनके पास हाइपरसोनिक वेपन सिस्टम है। बड़ी बात है, है न?

भविष्य की रणनीति – आगे क्या?

अगर यह प्रोजेक्ट सफल रहा, तो भारत इसे अन्य देशों को निर्यात भी कर सकता है। मतलब? रक्षा निर्यात से अच्छी खासी कमाई होगी। साथ ही, वैश्विक स्तर पर हमारी सैन्य प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी। एक तरफ तो यह हमारी सुरक्षा को मजबूत करेगा, दूसरी तरफ हमारी तकनीकी क्षमता का लोहा मनवाएगा। सच कहूं तो, भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह अपनी सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं करेगा।

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ब्रह्मोस-राफेल नहीं! यह भारतीय हथियार – FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

1. यह नया भारतीय हथियार क्या है और यह कितना powerful है?

देखिए, अभी तक पूरी जानकारी तो नहीं मिली है, लेकिन sources के हिसाब से यह कोई advanced indigenous missile या फिर ड्रोन सिस्टम हो सकता है। और सुनिए – अगर reports पर यकीन करें तो यह ब्रह्मोस और राफेल को भी पीछे छोड़ देने वाला है! एक ही strike में दुश्मन की सांसें थमा देने की क्षमता। हालांकि, exact details शायद अभी classified हैं। क्योंकि भई, ऐसे हथियारों के बारे में ज्यादा बताया भी नहीं जाता, है न?

2. क्या यह हथियार पहले ही use किया जा चुका है?

असल में, इस पर बहुत चर्चा हो रही है, लेकिन operational use की कोई confirm खबर? नहीं। शायद अभी testing phase में हो, या फिर deployment का इंतज़ार चल रहा हो। Indian armed forces की तरफ से official statement न आने तक सब अटकलें ही तो हैं। पर सच कहूं तो, कभी-कभी silence भी बहुत कुछ कह जाती है!

3. इस हथियार की सबसे खास बात क्या है?

सबसे पहले तो इसकी accuracy – बिल्कुल सटीक, जैसे सर्जन का हाथ! और फिर इसका destructive power… अरे भई, कल्पना से परे। लेकिन सबसे बड़ी बात? यह पूरी तरह ‘मेड इन इंडिया’ है। जी हां! अब हमें दूसरे देशों के expensive weapons पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। थोड़ा गर्व महसूस होता है न?

4. क्या यह हथियार China-Pakistan के लिए बड़ा खतरा हो सकता है?

सीधा जवाब? हां। अगर reports सही निकलीं तो यह तो game-changer साबित होगा। इसकी long range और high speed को देखते हुए border security के लिए perfect है। लेकिन याद रखिए – हमारी policy हमेशा से defensive रही है। यह हथियार deterrent के तौर पर ही काम करेगा। मतलब, डराने के लिए नहीं, बल्कि डरने की जरूरत न हो इसलिए। समझे न?

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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