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20 सालों से कानून की दुनिया में क्रांति: जानिए इनोवेटिव वकीलों की अनकही कहानी

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20 सालों में कानून की दुनिया का पूरा नक्शा बदल गया: जानिए कैसे

शुरुआत

दोस्तों, अगर आपको लगता है कि वकील सिर्फ कोर्टरूम में बहस करते हैं तो आप बिल्कुल पीछे छूट गए हैं! पिछले 20 सालों में तो ये profession ही बदल गया है। Technology की मार और globalization के चलते आज के lawyers policy बनाने से लेकर startups चलाने तक सब कर रहे हैं। आज हम आपको बताएंगे कैसे कुछ चुनिंदा वकीलों और law firms ने इस पूरे खेल को ही बदल डाला।

अनुकूलन या डूबो: कानून की नई रियलिटी

पुराने दिन याद करें तो…

2000 के आसपास की बात करें तो सब कुछ manual हुआ करता था – files, hearings, research सब। लेकिन अब तो digital transformation ने सबकी छुट्टी कर दी है। E-filing से लेकर virtual hearings तक, और तो और AI-based tools ने legal research को ही आसान बना दिया है। आज तो बड़ी law firms अपने clients को tech-driven solutions देकर पैसे और समय दोनों बचा रही हैं।

मुश्किलें भी हैं, मौके भी

Globalization के इस दौर में cross-border issues ने वकीलों के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। International arbitration और data privacy जैसे fields में specialists की मांग आसमान छू रही है। सच तो ये है कि आज के law students को सिर्फ कानून ही नहीं, coding और data analysis जैसे technical skills भी सीखने पड़ रहे हैं।

जिन्होंने गेम बदल दिया

ये हैं टॉप 5 गेम-चेंजर फर्म्स

1. AZB & Partners: Corporate law में इनका कोई सानी नहीं
2. Shardul Amarchand Mangaldas: M&A deals में इनका जवाब नहीं
3. Trilegal: Technology law की ये बादशाह हैं
4. Khaitan & Co: 100 साल पुरानी पर digital दुनिया में भी धूम
5. Cyril Amarchand Mangaldas: Legal tech startups की ये मसीहा हैं

छोटे पर जानदार

अब बड़ी-बड़ी firms का रोब नहीं चलता। छोटी फर्म्स भी niche areas में specialize करके धमाल मचा रही हैं। कई young lawyers तो social media की ताकत का इस्तेमाल करके अपनी own practice खड़ी कर रहे हैं। Instagram और LinkedIn पर इनका जलवा देखते ही बनता है!

पैसा, पावर और प्रैक्टिस

हॉट केक हैं ये फील्ड्स

आज corporate law, intellectual property और cyber law सबसे ज्यादा चलन में हैं। पर environment law और human rights litigation में भी नए मौके पैदा हो रहे हैं। Data protection laws के आने से तो जैसे नया गोल्ड रश शुरू हो गया है!

पैकेज देखकर रह जाएंगे दंग

2000 में एक fresh graduate को 5-7 लाख मिलते थे, आज 15-20 लाख तो बेसिक है! International firms में तो 30-40 लाख तक की बात होती है। Specialization कर लो तो आसमान ही सीमा है।

औरतें ले रही हैं बाजी

अब महिलाएं सिर्फ courts तक ही सीमित नहीं। Top firms की leadership में 30% से ज्यादा महिलाएं हैं, जबकि 20 साल पहले ये आंकड़ा महज 10% था। Young lawyers को mentorship programs के जरिए आगे बढ़ाया जा रहा है।

जिन्होंने इतिहास बदल दिया

ट्रेंडसेटर्स की लिस्ट

Menaka Guruswamy: Section 377 केस में इन्होंने तो इतिहास ही लिख दिया
Harish Salve: International arbitration में भारत का परचम लहराया
Indira Jaising: Human rights के मामले में ये लीजेंड हैं

यंग ब्लड का जोश

40 साल से कम उम्र के वकील social media पर धूम मचा रहे हैं। Public interest litigation से लेकर legal awareness के YouTube channels तक – ये नया जमाना है दोस्तों!

आखिर में

साफ दिख रहा है कि पिछले 20 सालों में legal profession ने कितना बड़ा ट्रांसफॉर्मेशन देखा है। Technology और globalization ने इस फील्ड को ही नया रंग दे दिया है। आने वाले समय में legal tech और specialization की डिमांड और बढ़ेगी। Young lawyers के लिए यह सबसे बढ़िया मौका है innovation को गले लगाने का।

अब आपकी बारी – क्या आपको लगता है legal profession में और क्या बदलाव चाहिए? Comments में जरूर बताएं!

Source: Financial Times – Companies | Secondary News Source: Pulsivic.com

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