Site icon surkhiya.com

निवेश बैंकरों की बंपर कमाई! डीलों के सुनहरे साल ने लगाए मुनाफे के पैसे

investment bankers record profit deals bonanza 20250625022724483007

निवेश बैंकरों की धमाकेदार कमाई! डीलों के इस सुनहरे दौर ने उड़ाए मुनाफे के परचम

शुरुआत

अगर आपको लगता है कि सिर्फ टेक सेक्टर में ही मोटी सैलरी और बोनस मिलते हैं, तो ये खबर आपकी सोच बदल देगी। निवेश बैंकिंग की दुनिया में इन दिनों पैसों की बारिश हो रही है। कोटक महिंद्रा कैपिटल, एक्सिस कैपिटल जैसे बड़े नामों ने अपने टॉप अधिकारियों को ₹8-9 करोड़ तक के बोनस दिए हैं। असल में, ये साल इनके लिए सचमुच ‘हैप्पी न्यू इयर’ साबित हुआ है। चलिए जानते हैं कि आखिर ये मुनाफा तूफान कैसे आया?

निवेश बैंकिंग का धमाल साल

डीलों की बरसात

2023-24 वित्तीय वर्ष ने तो जैसे रिकॉर्ड ही तोड़ दिए। M&A, IPO और प्राइवेट इक्विटी डीलों का ऐसा सैलाब आया कि बैंकर्स के हाथ-पैर फूल गए। देखा जाए तो ये वो साल रहा जब कंपनियों ने ‘ग्रो ऑर पेरिश’ का मंत्र अपनाया और निवेश बैंकर्स उनके मसीहा बनकर उभरे।

कौन कहाँ मार रहा है?

बोनस का जश्न

खुशहाल बैंकर्स

इस साल तो निवेश बैंकर्स के घर दिवाली बिना दीपावली के ही हो गई! सीनियर मैनेजमेंट को ₹8-9 करोड़ तक के बोनस मिले हैं। पिछले सालों के मुकाबले ये आंकड़ा कम से कम 30-40% ज्यादा है। कहने का मतलब, इनके बच्चों के इंटरनेशनल स्कूल की फीस अगले 2-3 साल की पहले ही सेट हो गई!

पैसे कैसे बंटे?

निवेश बैंकिंग में पैसा दो तरह से मिलता है – एक तो फिक्स्ड सैलरी जो सभी को मिलती है, और दूसरा बोनस जो परफॉरमेंस पर निर्भर करता है। इस साल तो बोनस पूल इतना भर गया कि बैंकर्स के चेहरे पर मुस्कान छा गई। कई कंपनियों ने अपने स्टार एम्प्लॉइज को रोकने के लिए ये स्ट्रैटजी अपनाई है।

ये उछाल क्यों?

मार्केट का मिजाज

इक्विटी मार्केट ने इस साल जबरदस्त परफॉरमेंस दिखाई। नतीजा? कंपनियों को लगा कि अब पैसा उठाने का सही वक्त है। वहीं दूसरी ओर स्टार्टअप्स की फंडिंग राउंड्स ने भी निवेश बैंकर्स के हाथों में काम बढ़ा दिया।

सरकारी सपोर्ट

FDI नियमों में ढील और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस ने इस सेक्टर को विंग्स दी हैं। विदेशी निवेशकों का भारत पर भरोसा बढ़ा है, और यही कॉन्फिडेंस डील्स में दिख रहा है।

आगे क्या?

भविष्य के अनुमान

Experts की मानें तो 2024-25 में और बड़ी डील्स आने वाली हैं। हालांकि, ग्लोबल इकोनॉमी की हालत और जियोपॉलिटिकल टेंशन इस पर असर डाल सकते हैं।

चुनौतियाँ भी हैं

मार्केट की अनिश्चितता और नए प्लेयर्स का प्रवेश इस सेक्टर के लिए टेस्टिंग टाइम ला सकता है। फीस में कटौती का दबाव भी एक बड़ी चिंता है।

आखिरी बात

2023-24 निवेश बैंकर्स के लिए सपनों जैसा साल रहा। भारी-भरकम बोनस ने टैलेंट को बनाए रखने में मदद की है। लेकिन अगले साल के लिए इन्हें इनोवेशन और मार्केट के उतार-चढ़ाव के साथ तालमेल बिठाना होगा। अगर ग्लोबल हालात सही रहे, तो ये पार्टी जारी रह सकती है। फिलहाल तो ये कहा जा सकता है – “ऐसे दिन फिर कब आएंगे!”

Source: Livemint – Companies | Secondary News Source: Pulsivic.com

Exit mobile version