ईरान के खामेनेई ने डोनाल्ड ट्रंप को दिया करारा जवाब – “हमारी डिक्शनरी में आत्मसमर्पण शब्द नहीं!”

ईरान के खामेनेई ने ट्रंप को जड़ दिया – “हम कभी सरेंडर नहीं करेंगे!”

क्या हुआ?

ईरान और इजरायल की लड़ाई तो पुरानी है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में मामला गरमा गया है। दोनों देशों के बीच जो हालिया मिलिट्री एक्शन हुआ, उसने पूरे मिडिल ईस्ट को हिलाकर रख दिया। इसी बीच, ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामेनेई ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर बयान दिया। उन्होंने दावा किया कि ईरान ने इजरायल पर जीत हासिल की है। साथ ही, जब डोनाल्ड ट्रंप ने सरेंडर करने को कहा, तो खामेनेई का जवाब साफ था – “हमारी डिक्शनरी में ‘सरेंडर’ जैसा कोई शब्द ही नहीं!” ये बयान सिर्फ ईरान के लोगों के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक मैसेज है।

खामेनेई ने क्या कहा?

“हमने जीत लिया”

खामेनेई ने इजरायल पर हमले को ईरान की सैन्य ताकत का नतीजा बताया। उन्होंने इसे “सफल ऑपरेशन” कहा और दावा किया कि इजरायल को भारी नुकसान हुआ है। Experts की मानें तो ये बयान दो काम करने वाला है – ईरानी जनता का मनोबल बढ़ाना और दुनिया को अपनी ताकत दिखाना।

ट्रंप को सीधा जवाब

जब ट्रंप ने कहा कि ईरान को सरेंडर करना चाहिए, तो खामेनेई ने जोरदार अंदाज में कहा, “हम दबाव में नहीं झुकते।” ये बयान साफ बता रहा है कि ईरान अपनी पॉलिसी से पीछे नहीं हटेगा।

दुनिया ने क्या कहा?

अमेरिका और यूरोप की राय

अमेरिका ने खामेनेई के बयान को ‘बिल्कुल नामंजूर’ बताया है। उनका कहना है कि ईरान को अपना रवैया बदलना चाहिए। यूरोप के देश भी इससे चिंतित हैं। International Media में इस मुद्दे पर खूब बहस हो रही है।

मिडिल ईस्ट क्या सोचता है?

इजरायल ने तो इसे ‘झूठा प्रोपेगैंडा’ कहा है। सऊदी अरब और दूसरे गल्छ देशों ने भी ईरान की आलोचना की है। Experts का कहना है कि इससे इलाके में टेंशन और बढ़ सकती है।

आगे क्या होगा?

ईरान की मिलिट्री पावर

ईरान ने पिछले कुछ सालों में अपनी सेना को मजबूत किया है। अब उनके पास Advanced Missiles और Drones जैसे हथियार हैं। साथ ही, हिजबुल्लाह जैसे ग्रुप्स के साथ उनके अच्छे रिश्ते हैं। ये सब मिलकर ईरान को मिडिल ईस्ट की बड़ी ताकत बनाते हैं।

इकोनॉमी और पॉलिटिक्स

सैंक्शन्स के बावजूद ईरान ने अपनी इकोनॉमी को संभाला है। चीन और रूस जैसे देश उनका साथ दे रहे हैं, जिससे अमेरिकी दबाव का असर कम हो रहा है।

आखिरी बात

खामेनेई का ये बयान साफ कहता है कि ईरान झुकने वाला नहीं। लेकिन इससे इलाके में टेंशन बढ़ने का डर भी है। अब देखना ये है कि इंटरनेशनल कम्युनिटी इस मामले को शांति से सुलझा पाती है या नहीं।

आपकी बारी

आपको क्या लगता है? क्या ईरान का ये रुख सही है? क्या अमेरिका और इजरायल को उनसे बातचीत बढ़ानी चाहिए? अपनी राय Comments में जरूर बताएं।

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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