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इजरायल ने ईरान के साथ युद्धविराम पर दी सहमति, जानें पूरा मामला

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इजरायल-ईरान तनाव: युद्धविराम पर सहमति, पर क्या यह टिकेगा?

क्या हुआ असल में?

दोस्तों, मध्य पूर्व का ये पुराना ड्रामा फिर से हेडलाइंस में है। इजरायल ने आखिरकार ईरान के साथ युद्धविराम मान लिया है। लेकिन सवाल ये है कि क्या ये शांति लंबे समय तक चलेगी? अमेरिका ने बीच-बचाव करके इस डील को पक्का किया है। नेतन्याहू ने कहा कि उनके military objectives पूरे हो चुके हैं। पर Experts की राय में, ये सिर्फ एक tactical break हो सकता है।

युद्धविराम की कहानी

15 अक्टूबर को इजरायल सरकार ने ऑफिशियली युद्धविराम का ऐलान किया। नेतन्याहू ने press conference में कहा, “हमने जो चाहा वो पा लिया, अब और action unnecessary है।” देखा जाए तो ये अमेरिकी diplomacy की बड़ी जीत है। बाइडन ने चुपके से दोनों देशों को बातचीत के टेबल पर बैठा दिया।

अचानक शांति क्यों?

इजरायल की मजबूरियाँ

ईरान के पीछे हटने के कारण

अमेरिका का गेम

असल में बाइडन administration ने यहाँ masterstroke खेला है। उन्होंने इजरायल को military aid का लालच दिया तो ईरान को oil sanctions में छूट का। Washington के इस move ने उनकी global image को बढ़ावा दिया है।

आगे क्या होगा?

मध्य पूर्व पर असर

शॉर्ट टर्म में तो शांति दिखेगी, लेकिन ईरानी proxy groups अभी भी active हैं। Syria और Lebanon में tension बना रहेगा।

ग्लोबल इम्पैक्ट

Oil prices स्थिर होंगे जो हमारे जैसे देशों के लिए अच्छी खबर है। वैश्विक राजनीति में अमेरिका का रुतबा बढ़ा है।

क्या कहते हैं जानकार?

कुछ analysts मानते हैं कि ये permanent solution नहीं है। Delhi के एक think tank का कहना है, “ईरान अपने nuclear program से पीछे नहीं हटेगा। ये सिर्फ time buying strategy है।”

तो क्या समझें?

ये युद्धविराम temporary relief जरूर देगा, लेकिन असली मसले तो वही के वही हैं। अगर international community सच में शांति चाहती है तो उसे active role लेना होगा।

पाठकों के सवाल (FAQ)

  1. ये डील कब हुई?
    15 अक्टूबर को, लेकिन secret talks तो पहले से चल रही थीं
  2. अमेरिका ने क्या किया?
    दोनों देशों को deal करने पर मजबूर किया
  3. क्या ये शांति टिकेगी?
    Experts कहते हैं – “देखना पड़ेगा, अभी तो सिर्फ pause button दबा है”
  4. हम पर क्या असर होगा?
    Petrol prices कंट्रोल में रहेंगे, बाकी तो time ही बताएगा

दोस्तों, ये थी मध्य पूर्व की latest political drama की पूरी कहानी। अगर कुछ नया होता है तो हम आपको update करेंगे। तब तक के लिए – शांति बनी रहे!

Source: Financial Times – Global Economy | Secondary News Source: Pulsivic.com

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