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इजरायल का Arrow 4 एयर डिफेंस सिस्टम: क्या ईरान की सभी बैलिस्टिक मिसाइलों को रोक सकता है? जानिए पूरी क्षमता

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इजरायल का Arrow 4 एयर डिफेंस सिस्टम: क्या यह ईरान की मिसाइलों को रोक पाएगा?

अभी कुछ दिन पहले की ही बात है – इजरायल और ईरान के बीच तनाव चरम पर था। और इसी बीच, इजरायल ने ईरान की तरफ से छोड़ी गई बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए अपने Arrow 4 एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया। अब यहाँ दिलचस्प बात ये है कि रिपोर्ट्स कहती हैं कि उन्होंने 85% मिसाइलों को तो रोक दिया, लेकिन 50 मिसाइलें अंदर तक पहुँच गईं। और भाई, नुकसान भी खासा हुआ। तो सवाल यही है – क्या Arrow 4 वाकई ईरान की सारी मिसाइलों को रोकने में सक्षम है? या फिर कहीं कुछ कमी है?

Arrow 4 और ईरान-इजरायल की टेंशन: पूरी कहानी

देखिए, Arrow 4 सिस्टम कोई आम चीज़ नहीं है। ये इजरायल और अमेरिका की मिली-जुली मेहनत का नतीजा है, खास तौर पर एक्सो-एटमॉस्फेरिक मिसाइलों (यानी वायुमंडल के बाहर वाली मिसाइलें) को रोकने के लिए बनाया गया। अब ये Arrow 3 से कितना बेहतर है? सुनिए, ये उसका अपग्रेडेड वर्जन है, लेकिन दिक्कत ये है कि ईरान भी तो बैठा नहीं है! पिछले कुछ सालों में उन्होंने अपनी बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक में काफी सुधार किया है। और हाल ही में तो उन्होंने सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया। साफ है, Arrow 4 के लिए ये एक बड़ी टेस्टिंग थी।

Arrow 4 ने कैसा परफॉर्म किया? और कहाँ चूक हुई?

इजरायली रक्षा मंत्रालय का कहना है कि Arrow 4 ने ज्यादातर मिसाइलों को तो खत्म कर दिया। लेकिन यहाँ मुश्किल ये आई कि कुछ लो-फ्लाइंग या हाइपरसोनिक मिसाइलें बच निकलीं। एक्सपर्ट्स की मानें तो ईरान ने मल्टीपल वॉरहेड्स और डिकॉय सिस्टम जैसी चीज़ों का इस्तेमाल किया, जिससे Arrow 4 को दिक्कत हुई। और हाँ, जो 50 मिसाइलें अंदर आईं, उन्होंने सैन्य और आम इलाकों को काफी नुकसान पहुँचाया। इतना कि इजरायली सरकार ने तुरंत डिफेंस सिस्टम को और बेहतर बनाने की बात कह दी।

क्या कह रहे हैं दोनों देश? और आगे क्या होगा?

इजरायल की तरफ से तो ये कहा जा रहा है कि Arrow 4 ने अपना काम अच्छा किया, लेकिन हाँ, और सुधार की ज़रूरत है। एक इजरायली अधिकारी ने साफ कहा – “ईरान की मिसाइल तकनीक दिन-ब-दिन बेहतर हो रही है, हमें भी अपने सिस्टम को उसी हिसाब से अपडेट करना होगा।” वहीं ईरान की तरफ से दावा आया कि उनकी मिसाइलें किसी भी डिफेंस को पार कर सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं? उनका मानना है कि Arrow 4 तो अच्छा है, लेकिन हाइपरसोनिक मिसाइलों के सामने इसकी कुछ सीमाएँ हैं। मतलब साफ है – इजरायल को अभी और काम करना होगा।

तो कुल मिलाकर क्या कहें? Arrow 4 ने अपनी ताकत तो दिखाई, लेकिन ईरान की बढ़ती तकनीक के सामने ये लड़ाई और मुश्किल होती जा रही है। और लगता तो यही है कि आने वाले वक्त में ये टेक्नोलॉजी वॉर और भी तेज़ होगी। देखते हैं, आगे क्या होता है!

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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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