इजरायल-ईरान टेंशन से भारत ने सीखा ये जरूरी सबक, अब ऊर्जा सुरक्षा को लेकर हो रही है ये बड़ी तैयारी!
क्या हुआ था असल में?
दोस्तों, हाल में इजरायल और ईरान के बीच जो तनाव बढ़ा, उसने पूरी दुनिया के Oil Markets को हिला कर रख दिया। Crude Oil के दाम आसमान छूने लगे, और हमारे जैसे देशों के लिए ये बड़ी मुसीबत बन गया। देखा जाए तो भारत ने इससे एक बड़ा सबक लिया है।
तेल के दामों ने मचाई खलबली
क्या था असर?
जब ये टेंशन बढ़ी, तो Oil Prices ने पिछले 5 महीने का रिकॉर्ड तोड़ दिया। Middle East में आग लगी तो पूरी Supply Chain हिल गई।
भारत को कैसे लगी चोट?
हमारा देश 85% से ज्यादा Oil Import पर निर्भर है। जब दाम बढ़े, तो पेट्रोल-डीजल महंगा हुआ और Inflation का खतरा भी बढ़ गया।
तो भारत ने क्या सीखा?
ऊर्जा सुरक्षा है सबसे जरूरी
हमें Foreign Oil पर कम निर्भर रहना होगा। Crisis के समय के लिए Alternative Energy Sources बनाने होंगे।
Strategic Petroleum Reserves (SPR) को बनाना होगा मजबूत
अभी हमारे पास 5.33 मिलियन टन Oil Reserve है, जो सिर्फ 9.5 दिन चलता है। अब सरकार इसे डबल करने की प्लानिंग कर रही है।
क्या कर रही है सरकार?
Oil Storage बढ़ाने की तैयारी
नए Storage Facilities बनाए जाएंगे। टारगेट है 10-15 दिन का Oil Reserve जमा करना।
देश में ही बने Energy Sources
Solar, Wind, Hydro Power को बढ़ावा दिया जा रहा है। Coal और Gas जैसे देशी Resources का भी पूरा उपयोग होगा।
लॉन्ग टर्म प्लानिंग
Electric Vehicles और Hydrogen Energy को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। International Partnerships के जरिए Energy Supply सुरक्षित करने की कोशिश भी चल रही है।
तो क्या है बात की बात?
इजरायल-ईरान टकराव ने हमें Energy Security का महत्व समझा दिया है। सरकार की नई योजनाएं भविष्य के लिए हमें तैयार करेंगी। अगर हम Renewable Energy और देशी Resources पर फोकस करें, तो आने वाले दिनों में मुश्किलें कम होंगी।
FAQs: आपके सवाल, हमारे जवाब
Q1. भारत के पास कितना Oil Reserve है?
अभी 5.33 मिलियन टन है, जो करीब 9.5 दिन के लिए काफी है।
Q2. सरकार क्या कर रही है Energy Security के लिए?
नए Storage बना रही है, Renewable Energy को बढ़ावा दे रही है, और Electric Vehicles जैसे नए विकल्पों पर काम कर रही है।
Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com
One thought on “इजरायल-ईरान युद्ध से भारत ने लिया यह बड़ा सबक, अब सरकार कर रही है इस क्षमता को दोगुना करने की तैयारी!”