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“इजरायल का तेजस जेट के लिए नया रडार! क्या DRDO के रडार को HAL ने ठुकराया? जानें पूरा विवाद”

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इजरायल का तेजस जेट के लिए नया रडार! क्या DRDO का सपना टूटा?

अब ये क्या हुआ भाई? HAL ने तेजस मार्क-1A के लिए इजरायली कंपनी एल्टा का AESA रडार चुन लिया है। और DRDO वालों का दिल टूट गया है। असल में, DRDO ने जो स्वदेशी रडार बनाया था, उसे टेस्टिंग में तो सफल माना गया था… लेकिन फिर भी HAL ने विदेशी तकनीक को ही चुन लिया। अब सवाल ये है कि क्या ‘मेक इन इंडिया’ सिर्फ नारा बनकर रह गया है?

पूरा माजरा समझिए

देखिए, DRDO ने इस प्रोजेक्ट पर सालों मेहनत की है। करोड़ों रुपये खर्च किए। और जब उनका रडार पूरी तरह टेस्टेड और सफल पाया गया, तब भी HAL ने इजरायली कंपनी को तरजीह दी। है न मजेदार बात? मतलब साफ है – हमारी खुद की तकनीक पर हमें ही भरोसा नहीं।

और ये पहली बार तो है नहीं। पहले भी कितनी बार ऐसा हुआ है जब स्वदेशी उत्पादों को साइडलाइन कर दिया गया। अब आप ही बताइए, ऐसे में ‘आत्मनिर्भर भारत’ कैसे बनेगा?

किसने क्या कहा?

HAL का कहना है कि उन्होंने “ऑपरेशनल रिक्वायरमेंट्स” के हिसाब से सबसे अच्छा ऑप्शन चुना है। वो ये भी कह रहे हैं कि DRDO के साथ भविष्य में काम करने के लिए तैयार हैं। लेकिन सच पूछो तो ये बातें सुनने में अच्छी लगती हैं, असलियत कुछ और ही कहती है।

वहीं DRDO के एक बड़े अधिकारी ने गुस्से में कहा – “हमारा रडार दुनिया के किसी भी रडार से कम नहीं है। फिर भी हमें ही दरकिनार कर दिया गया।” सच कहूं तो, उनका गुस्सा जायज है।

अब आगे क्या?

अब देखना ये है कि DRDO इस मामले को कितना आगे ले जाता है। क्या वो रक्षा मंत्रालय से शिकायत करेंगे? और अगर HAL का फैसला बना रहा, तो क्या भविष्य में और भी प्रोजेक्ट्स पर ऐसा ही होगा?

आखिरी बात: ये सिर्फ एक रडार का मामला नहीं है दोस्तों। ये हमारे आत्मविश्वास का सवाल है। अगर हम अपनी ही चीजों पर भरोसा नहीं करेंगे, तो फिर कौन करेगा? सोचने वाली बात है… है न?

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Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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