इजरायल ने भारत से ‘मिनी ब्रह्मास्त्र’ मांगा – क्या यह हमारे रक्षा उद्योग का गेम-चेंजर है?
अरे भाई, भारत का रक्षा क्षेत्र इन दिनों जमकर सुर्खियां बटोर रहा है! और इस बार खबर है इजरायल से – जी हां, वही इजरायल जो खुद दुनिया के टॉप डिफेंस एक्सपोर्टर्स में शुमार है। उन्होंने हमारे यहाँ बने GATR (Guaranteed Accuracy Tactical Rocket) नाम के एक खास रॉकेट सिस्टम में दिलचस्पी दिखाई है। सोचिए, 10 KM की मारक क्षमता और 100 KM/H की रफ्तार वाला यह हथियार दुश्मन को झटकेदार जवाब देने में कितना कारगर होगा? मजे की बात यह कि इजरायल की Elbit Systems ने पुणे की NIBE Limited के साथ हाथ मिलाया है। सच कहूँ तो, यह साझेदारी भारत-इजरायल डिफेंस टाई-अप को नए आयाम देने वाली लगती है।
GATR: छोटा पैकेज, बड़ा धमाका!
देखिए न, आजकल के युद्धों का नेचर ही बदल गया है। बड़े-बड़े हथियारों के जमाने में अब compact और स्मार्ट टेक्नोलॉजी की डिमांड बढ़ रही है। और यहीं पर GATR रॉकेट अपना जादू दिखाता है। हल्का होने के बावजूद इसकी मारक क्षमता किसी भारी हथियार से कम नहीं। असल में, इसकी खासियत है इसकी लेजर-गाइडेड तकनीक – मानो कोई सुपर एक्यूरेट स्नाइपर राइफल, लेकिन रॉकेट वर्जन में!
यूँ तो भारत और इजरायल का डिफेंस कोलैबोरेशन नया नहीं है। पहले भी मिसाइल टेक्नोलॉजी से लेकर drone तकनीक के मामले में साथ काम कर चुके हैं। लेकिन इस बार का डील थोड़ा स्पेशल है। क्यों? क्योंकि यह पहली बार है जब इजरायल हमारे यहाँ बने एक एडवांस्ड वेपन सिस्टम में इतनी गंभीर दिलचस्पी दिखा रहा है। और हाँ, यह ‘Make in India‘ के लिए भी बड़ी बात है।
डील की फाइन प्रिंट: क्या है खास?
तो चलिए डिटेल में जाते हैं। यह डील क्या है? सीधे शब्दों में, NIBE और Elbit मिलकर ये रॉकेट बनाएंगे जो इजरायली आर्मी को सप्लाई किए जाएंगे। अब इसकी स्पेसिफिकेशन्स की बात करें तो:
– 10 KM तक मार करने की क्षमता
– 100 KM प्रति घंटे की स्पीड
– लेजर से गाइडेड पिनपॉइंट एक्यूरेसी
यह वेपन छोटे स्केल के मिलिट्री ऑपरेशन्स के लिए परफेक्ट है। सोचिए, जब आपको किसी स्पेसिफिक टारगेट पर तुरंत और सटीक हमला करना हो, तो यह कितना कारगर साबित होगा!
एक्सपर्ट्स क्या कह रहे हैं?
डिफेंस एक्सपर्ट्स की मानें तो यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। एक वरिष्ठ विश्लेषक ने मुझे बताया, “यह सिर्फ एक डील नहीं, बल्कि ग्लोबल डिफेंस मार्केट में भारत की क्रेडिबिलिटी को स्थापित करने वाला मील का पत्थर है।” इजरायल की तरफ से भी इस डील को ‘स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप’ बताया जा रहा है। NIBE के CEO ने तो खुशी में ट्वीट कर दिया – “हमारे इंजीनियर्स की मेहनत रंग ला रही है!”
आगे की राह: क्या उम्मीद करें?
अब सवाल यह है कि यह डील भविष्य के लिए क्या संभावनाएं खोलती है? मेरी निजी राय में:
1. अगर यह प्रोजेक्ट सफल रहा, तो और भी देश हमारे डिफेंस प्रोडक्ट्स की तरफ देखेंगे
2. ‘Make in India‘ को बड़ा बूस्ट मिलेगा
3. भारत-इजरायल टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और गहरा होगा
एक बात और – यह सिर्फ एक बिजनेस डील नहीं है। यह हमारे डिफेंस R&D क्षमताओं को दुनिया के सामने प्रूव करने का मौका है। और मुझे लगता है, यह तो सिर्फ शुरुआत है। आने वाले समय में हम और भी बड़े-बड़े डिफेंस एक्सपोर्ट्स देखने को मिलेंगे। क्या आपको भी ऐसा लगता है?
यह भी पढ़ें:
अब इजरायल भारत से ‘मिनी ब्रह्मास्त्र’ मांग रहा है – और सच कहूं तो, यह कोई मामूली खिलौना नहीं है। 10 KM की मारक रेंज? 100 KM/H की स्पीड? भाई, यह तो एक छोटा-सा खतरनाक जिन्न है! लेकिन असल बात यह है कि यह सिर्फ एक हथियार नहीं, बल्कि भारत की बढ़ती ताकत का सबूत है। जैसे हमारे मोबाइल में Jio ने revolution ला दिया, वैसे ही हमारी defence टेक्नोलॉजी भी अब दुनिया को हैरान कर रही है।
और देखा जाए तो इस डील का मतलब सिर्फ हथियारों का लेन-देन नहीं है। इजरायल और भारत? ये दोस्ती तो अब strategic partnership बन चुकी है। Game-changer कहें या कुछ और – modern warfare में यह ‘मिनी ब्रह्मास्त्र’ दुश्मनों के लिए सिरदर्द बन सकता है। सच कहूं तो, हमारे scientists ने जो कर दिखाया, वह कमाल का है।
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com