“ड्रूज विवाद या बहाना? सीरिया में इजरायल का नया मोर्चा और असली मंसूबे!”

ड्रूज विवाद या बहाना? सीरिया में इजरायल का नया मोर्चा और असली मंसूबे!

अरे भाई, क्या हाल है? आजकल सीरिया में जो कुछ चल रहा है, वो सच में गौर करने लायक है। इजरायली सेना ने दमिश्क और स्वैदा पर जो हमले किए, उसने पूरे मिडिल ईस्ट को हिला दिया। सच कहूं तो, इजरायल का कहना है कि ये सिर्फ ईरानी आतंकियों के खिलाफ था… पर क्या सच में? क्योंकि देखा जाए तो स्वैदा में इजरायली फौज की बढ़ती मौजूदगी से एक बड़ा सवाल पैदा होता है – क्या ये सच में ड्रूज लोगों की हिफाजत है या फिर सीरिया में पैर जमाने की सियासी चाल?

मामले की पृष्ठभूमि: सीरिया में ड्रूज और इजरायल का इतिहास

असल में बात ये है कि ड्रूज समुदाय सीरिया में सदियों से रह रहा है। ये लोग अपने तरीके से जीते आए हैं – पहाड़ों में, अपनी मर्जी से। अब एक तरफ तो ये है, और दूसरी तरफ है गोलान हाइट्स का पुराना झगड़ा। 1967 से चला आ रहा वो मसला जिसमें इजरायल ने कब्जा कर लिया था। और हां, ईरान और हिज़बुल्लाह का सीरिया में बढ़ता दखल तो इजरायल को रातों की नींद हराम किए देता है। पिछले कुछ सालों में कितनी बार हवाई हमले हो चुके हैं – सब ‘ईरानी मिलिशिया के खिलाफ’। पर इस बार मामला कुछ अलग है…

नया मोड़: इजरायल की स्वैदा में दखलंदाजी

अब ये नई बात है! इजरायल ने स्वैदा के ड्रूज इलाकों में अपनी मौजूदगी बढ़ा दी। और हैरानी की बात ये कि ड्रूज नेताओं ने इसका स्वागत किया है। एकदम ज़बरदस्त। सच में। क्योंकि अब तक तो इजरायल सीरियाई सरकार या ईरानी गुटों को ही निशाना बनाता था। लेकिन अब सीधे ड्रूजों से जुड़ाव? ये सीरिया और रूस के लिए बड़ा झटका है। सीरिया तो बौखला गया है – ‘संप्रभुता का उल्लंघन’ बता रहा है। रूस भी नाराज़ – ‘तनाव बढ़ाने वाला कदम’ कह रहा है।

प्रतिक्रियाएं: किसने क्या कहा?

अब सुनिए ज़रा… इजरायल का कहना है कि वो तो बस ड्रूजों की सुरक्षा और आतंकियों से निपटने के लिए कर रहा है। उनके प्रवक्ता का बयान तो ऐसा है जैसे कोई स्कूल टीचर बच्चों को समझा रहा हो – “हम तो सिर्फ अपनी सुरक्षा की बात कर रहे हैं।” वहीं सीरिया चिल्ला रहा है – “ये तो सीधा हमला है!” और UN से मदद मांग रहा है। पर मजा तो तब आया जब ड्रूज नेताओं ने खुलकर इजरायल का साथ दिया। एक नेता तो साफ कह दिया – “सीरियाई सरकार हमें बचा नहीं सकती, पर इजरायल बचा रहा है।” बस फिर क्या था…

भविष्य की संभावनाएं: क्या होगा आगे?

तो अब सवाल ये है कि आगे क्या? इजरायल और ज्यादा फौज भेजेगा क्या स्वैदा में? ड्रूज लोग खुलकर इजरायल का साथ देंगे? और सबसे बड़ा सवाल – ईरान और हिज़बुल्लाह चुप बैठेंगे? बिल्कुल नहीं! अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सबकी नजरें इस पर टिकी हैं। अमेरिका क्या करेगा? UN क्या कहेगा? ये सब आने वाले दिनों में पता चलेगा।

एक बात तो तय है – इजरायल ने अपना गेम बदल दिया है। चाहे ये ड्रूजों की सुरक्षा का बहाना हो या सीरिया में अपनी पकड़ मजबूत करने की चाल, आने वाले दिनों में इसके बड़े नतीजे देखने को मिलेंगे। राजनीतिक भी, सैन्य भी। और हम सब यहीं बैठे-बैठे चाय पीते हुए देखते रहेंगे। है न?

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Source: Aaj Tak – Home | Secondary News Source: Pulsivic.com

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