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ISRO का ऐतिहासिक लॉन्च! जंगल से लेकर जमीन के अंदर तक नजर रखेगा दुनिया का पहला सैटेलाइट

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इसरो का ये ऐतिहासिक लॉन्च क्यों है खास? जंगल से लेकर ज़मीन के नीचे तक देगा नज़र!

अरे भाई, क्या बताऊं… ISRO और NASA मिलकर कुछ ऐसा करने जा रहे हैं जो सचमुच गज़ब का है! 16 जुलाई 2024 को श्रीहरिकोटा से ‘निसार’ (NISAR) सैटेलाइट का लॉन्च होना है – और ये कोई आम सैटेलाइट नहीं है। असल में, ये दुनिया का पहला ड्यूअल रडार अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है। मतलब? हमारी धरती को समझने का तरीका ही बदल जाएगा!

एक सैटेलाइट जो करेगा सबकुछ – जंगल, ग्लेशियर, यहाँ तक कि ज़मीन के अंदर तक!

सोचिए न, 2014 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट में ISRO ने Satellite Bus दिया और NASA ने रडार सिस्टम। कुल मिलाकर 13,000 करोड़ रुपये का ये प्रोजेक्ट… पर सच कहूँ तो पैसे से ज़्यादा अहम है इसकी टेक्नोलॉजी। ये सैटेलाइट हर मौसम में, दिन-रात काम करेगा – बिल्कुल वैसे जैसे आपका वो पुराना Nokia फोन जो कभी बंद नहीं होता था!

तो क्या है इसकी खास बात?

लिस्ट बनाने बैठो तो लम्बी हो जाएगी… पर मुख्य बात ये कि इसकी ड्यूअल फ्रीक्वेंसी रडार तकनीक (L-बैंड और S-बैंड) इसे दूसरे सैटेलाइट्स से कहीं आगे ले जाती है। मान लो कोई तूफ़ान आ रहा हो या जंगल में आग लगी हो – ये सैटेलाइट सबकी सटीक जानकारी देगा। और तो और, हिमालय के ग्लेशियर पिघलने से लेकर भूमिगत पानी तक – सब पर नज़र!

वैज्ञानिक तो इसे ‘गेम चेंजर’ कह रहे हैं। समझ आता है क्यों, है न? अब तक हम जो डेटा किताबों में पढ़ते थे, वो अब रियल-टाइम मिलेगा। एकदम ज़बरदस्त।

क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स?

इसरो चीफ़ डॉ. सोमनाथ तो बिल्कुल उत्साहित हैं – उनके शब्दों में, “ये सिर्फ़ सैटेलाइट नहीं, भारत-अमेरिका दोस्ती का प्रतीक है।” वहीं NASA के बिल नेल्सन का कहना है कि ये मिशन “पृथ्वी को समझने का नया नज़रिया देगा।” सच कहूँ तो, जब दोनों देशों के वैज्ञानिक इतने उत्साहित हैं, तो समझ लो कुछ तो खास होने वाला है!

आगे क्या?

लॉन्च के बाद इसका डेटा पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों को मिलेगा – यानी कोई भी रिसर्चर, कहीं से भी, इसका फायदा उठा सकेगा। और ये तो सिर्फ़ शुरुआत है! इस सफलता के बाद भारत और अमेरिका के और भी ज़्यादा एडवांस्ड प्रोजेक्ट्स आने वाले हैं।

अंत में बस इतना – 16 जुलाई को सुबह 9:30 बजे (लगभग) जब ये सैटेलाइट लॉन्च होगा, तो पूरी दुनिया की नज़रें श्रीहरिकोटा पर होंगी। और हम भारतीय? हम तो वैसे ही गर्व से भरे हुए हैं। ISRO ने फिर से साबित किया है कि हम किसी से कम नहीं!

क्या सोचते हैं आप इस मिशन के बारे में? कमेंट में ज़रूर बताएं!

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1. ये सैटेलाइट इतना खास क्यों है? सच में दुनिया का पहला?

देखिए, ISRO ने तो कमाल कर दिया है! ये सैटेलाइट सच में unique है – जंगल (forest) से लेकर ज़मीन के नीचे (underground) तक की पूरी जासूसी करेगा। मतलब? अब तक कोई भी देश ऐसी advanced technology नहीं लाया था जो environment और underground resources दोनों को एक साथ monitor कर सके। कुछ-कुछ वैसा ही जैसे आपके smartphone में camera और X-ray vision दोनों आ जाएं!

2. नाम क्या है भाई? और कब उड़ान भरी ये चीज़?

अभी तक तो ISRO ने official नाम नहीं बताया। शायद कोई बढ़िया नाम सोच रहे होंगे! लेकिन launch हो चुका है 2023 के आखिरी कुछ महीनों में। और हां, ये ISRO के लिए बिल्कुल game-changer साबित होगा। भारत अब space technology में और भी आगे निकल रहा है – सच में गर्व की बात है न?

3. हम जैसे आम लोगों को इससे क्या फायदा?

अरे भई, फायदे तो ढेर सारे हैं! सोचिए – agriculture वालों को पता चलेगा कि कहां पानी कम है, mining sector को underground resources का सही डेटा मिलेगा, और disaster management तो पहले से ही बेहतर हो जाएगा। सबसे मजेदार? जंगलों की सुरक्षा से लेकर भूजल स्तर तक – real-time अपडेट! ये ऐसा ही है जैसे पूरी धरती पर हमारी नजर हो गई हो।

4. क्या विदेश भी इसका फायदा उठा पाएंगे?

बिल्कुल! ISRO ने इसे global level पर ही design किया है। खासकर वो देश जहां jungle और underground resources manage करना मुश्किल होता है – उनके लिए तो ये वरदान साबित होगा। और सच कहूं? इससे भारत की international reputation भी कई गुना बढ़ जाएगी। क्या पता, अगले कुछ सालों में ISRO दूसरे देशों के लिए भी ऐसे सैटेलाइट बनाने लगे!

एकदम ज़बरदस्त न? सच में गर्व होता है ऐसी achievements पर। आपको क्या लगता है इसके बारे में?

Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com

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