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जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: कांग्रेस का बड़ा बयान – “जो दिख रहा, असलियत उससे कहीं ज्यादा!”

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जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: कांग्रेस का वो बयान जिसने सबको हैरान कर दिया!

अरे भई, क्या बताऊं… भारतीय राजनीति में तो जैसे बम फट गया! उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक ही इस्तीफा दे दिया – वो भी तब जब उनका कार्यकाल अभी 2027 तक चलना था। 10 जनवरी की सुबह-सुबह उन्होंने राष्ट्रपति मुर्मू को इस्तीफा सौंपा। सरकारी बयान में ‘स्वास्थ्य कारण’ बताए गए, लेकिन असलियत? देखा जाए तो दिल्ली की सियासी गलियों में तो कुछ और ही चर्चा है। और फिर कांग्रेस ने तो बिल्कुल सीधे शब्दों में कह दिया – “जो दिख रहा है, असल कहानी उससे कहीं गहरी है!”

पीछे की कहानी: धनखड़ साहब का सफर

सच कहूं तो धनखड़ जी का राजनीतिक करियर किसी रोलरकोस्टर से कम नहीं रहा। 2022 में उपराष्ट्रपति बने, उससे पहले बंगाल के राज्यपाल रहे। भाजपा के पुराने सिपाही। पर ये इस्तीफा? अचानक ऐसा क्या हुआ कि डेढ़ साल में ही पद छोड़ना पड़ा? हालांकि पिछले कुछ महीनों से उनके स्वास्थ्य को लेकर अफवाहें तो चल रही थीं… लेकिन ये कदम? एकदम बॉम्ब!

क्या हुआ था उस दिन?

10 जनवरी की सुबह की बात है। राष्ट्रपति भवन में इस्तीफा जमा हुआ और फिर… धमाल! मीडिया में तूफान आ गया। आधिकारिक तौर पर ‘स्वास्थ्य’ की बात कही गई, लेकिन कांग्रेस ने तो मानो मोर्चा खोल दिया। उनके प्रवक्ता ने सीधे पूछा – “भई, संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति अचानक इस्तीफा देता है तो क्या सिर्फ ‘स्वास्थ्य’ ही कारण हो सकता है?” सच कहूं तो ये सवाल वाजिब भी लगता है।

और सबसे मजेदार बात? भाजपा की प्रतिक्रिया! बिल्कुल साधे हुए शब्द – “धनखड़ जी महान जनसेवक हैं, हम उनके फैसले का सम्मान करते हैं।” बस इतना ही। राजनीति के जानकारों की मानें तो ये इस्तीफा सियासी तूफान ला सकता है।

राजनीतिक हलकों में क्या चल रहा है?

देखिए ना, कांग्रेस तो पहले ही मैदान में आ चुकी है। पर टीएमसी ने भी ट्वीट कर दिया – “स्वास्थ्य का बहाना है, असल वजह कुछ और है!” AAP ने संसद में मुद्दा उठाने की बात कही। वहीं NDA के सहयोगी दलों ने संयम बरतने को कहा। जदयू वाले तो सीधे बोले – “स्वास्थ्य निजी मामला है, इसे राजनीति मत बनाओ।”

अब आगे क्या?

तो अब सवाल यह है कि अब क्या होगा? संविधान के मुताबिक, नए उपराष्ट्रपति का चुनाव होना है। संसद के दोनों सदन मिलकर ये फैसला करेंगे। विशेषज्ञों की मानें तो अगले कुछ महीनों में ये प्रक्रिया पूरी हो सकती है।

विपक्ष तो मानो तैयार बैठा है! कांग्रेस ने साफ कह दिया है कि संसद में सरकार से जवाब मांगेंगे। सवाल वही – “आखिर असली वजह क्या है?”

और धनखड़ जी का भविष्य? कोई नहीं जानता। क्या स्वास्थ्य सुधरने के बाद वापसी होगी? या यही समाप्ति है? समय ही बताएगा। पर एक बात तय है – आने वाले दिनों में यह मुद्दा गरमा जाएगा!

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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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