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“जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: असली वजह सेहत या सियासत? संसद सत्र की टाइमिंग पर सवाल!”

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: असली वजह सेहत या सियासत? संसद सत्र की टाइमिंग पर सवाल!

20 जुलाई 2024 की सुबह ही राजनीति के चाय-पानी की दुकानों पर एक ही सवाल गूंज रहा था – “अरे भई, धनखड़ साहब ने इस्तीफा क्यों दे दिया?” सच कहूं तो उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ का अचानक इस्तीफा ऐसा ही था जैसे किसी फिल्म के बीच में ही इंटरवल लग जाए। उन्होंने तो “स्वास्थ्य कारण” बताए, लेकिन ये कारण कितने सच्चे हैं? देखा जाए तो इस्तीफे की टाइमिंग भी कम रोचक नहीं – ठीक मॉनसून सत्र के बीच में, जब कई बिल पेंडिंग हैं। क्या सच में सेहत खराब थी, या फिर…? आप समझ रहे हैं न मेरा इशारा?

मामले की पृष्ठभूमि: धनखड़ का राजनीतिक सफर

धनखड़ जी का करियर तो एक रोलरकोस्टर रहा है। कांग्रेस से शुरुआत, फिर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और 2022 में NDA के सपोर्ट से उपराष्ट्रपति बनना। सच बताऊं तो राज्यसभा में उन्होंने काफी बैलेंस्ड रोल निभाया था। लेकिन पिछले कुछ महीनों से… हम सबने अखबारों में वो खबरें पढ़ीं न, सरकार से उनके मतभेदों के बारे में? खासकर कुछ बिल्स को लेकर। तो क्या ये इस्तीफा वाकई स्वास्थ्य की वजह से है, या फिर दिल्ली की गर्म हवाओं का असर है? आप खुद फैसला कीजिए।

मुख्य अपडेट: इस्तीफे के बाद की स्थिति

कहानी का सबसे मजेदार हिस्सा ये रहा – इस्तीफा दिया और झट से स्वीकार कर लिया गया! जैसे कोई Online फॉर्म सबमिट किया हो। अब राज्यसभा की कमान हरिवंश नारायण सिंह के हाथ में है। विपक्ष तो मानो बस इसी मौके की तलाश में था – “राजनीतिक दबाव” का राग अलापने लगा। सच्चाई ये है कि अगर सच में सेहत खराब थी, तो सत्र खत्म होने का इंतज़ार क्यों नहीं किया? थोड़ा सा तो सस्पीशस लगता है न?

प्रतिक्रियाएं: सरकार और विपक्ष के अलग-अलग रुख

दिलचस्प बात ये है कि दोनों पक्ष एक ही घटना को अलग-अलग नजरिए से देख रहे हैं। सरकार वालों का कहना है – “भई, सेहत सबसे जरूरी है”। विपक्ष चिल्ला रहा है – “लोकतंत्र खतरे में!” और राहुल गांधी जी ने तो अपना क्लासिक ट्वीट कर दिया – “सच सामने आएगा”। पर सच क्या है? शायद वक्त ही बताएगा। फिलहाल तो मीडिया वाले और विश्लेषक अपनी-अपनी थ्योरीज लगा रहे हैं।

आगे क्या होगा? राजनीतिक और संसदीय प्रभाव

अब क्या? नए उपराष्ट्रपति का चुनाव होगा, और हम सब जानते हैं कि NDA और विपक्ष के बीच ये मैच कितना जोशीला होने वाला है। राज्यसभा में पेंडिंग बिल्स का क्या होगा? विपक्ष तो मानो मछली को पानी मिल गया हो – हर मंच पर इसी मुद्दे को उछालेंगे। असल में, ये सिर्फ एक इस्तीफा नहीं, बल्कि एक नई राजनीतिक कहानी की शुरुआत हो सकती है।

निष्कर्ष: सवाल बना हुआ है

फिलहाल तो ये पूरा मामला एक रहस्य ही बना हुआ है। सरकार अपनी लाइन पर अड़ी है, विपक्ष अपनी लाइन पर। पर जैसा कि हमारी राजनीति में अक्सर होता है – कुछ दिनों में कोई नया ट्विस्ट आएगा। शायद कोई ऑडियो लीक होगा, कोई नया बयान आएगा… कुछ तो होगा! तब तक के लिए – इंतज़ार कीजिए, और चाय पीते रहिए। राजनीति तो अपना खेल दिखाती रहेगी।

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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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