जगदीप धनखड़ का परिवार: जानिए उनकी पत्नी डॉ. सुदेश और बच्चों की दिल छू लेने वाली कहानी
अभी कुछ दिन पहले ही तो जगदीप धनखड़ ने उप-राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था, और देखते ही देखते यह खबर पूरे देश में छा गई। राजनीतिक गलियारों में तो इस पर चर्चा होनी ही थी, लेकिन असल में लोगों की दिलचस्पी अब उनके निजी जीवन में ज्यादा है। खासकर उनकी पत्नी डॉ. सुदेश और बच्चों के बारे में। और सच कहूं तो यह परिवार सादगी और संघर्ष की मिसाल है – ऐसा परिवार जो हर मुश्किल में एक साथ खड़ा रहा।
गाँव के मिट्टी से दिल्ली तक का सफर
कहानी शुरू होती है राजस्थान के झुंझुनू जिले के एक छोटे से गाँव से। जगदीप धनखड़ का बचपन बिल्कुल आम किसान परिवार में बीता। लेकिन यहां से आगे की कहानी बताती है कि मेहनत और हौसला क्या कर सकता है। पढ़ाई में तेज, राजनीति में सक्रिय – और इस पूरे सफर में उनकी पत्नी डॉ. सुदेश हमेशा साथ रहीं। वैसे डॉ. सुदेश खुद किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान किसी से छुपा नहीं है।
परिवार में दो बच्चे थे – बेटी कामना और बेटा दीपक। लेकिन 1994 में एक सड़क हादसे ने उनके बेटे को छीन लिया। यह वह दर्द है जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। परिवार के लिए यह सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि जीवन का एक पूरा अध्याय बदल देने वाली घटना थी।
टूटकर भी जुड़े रहने की मिसाल
राजनीति के इस उतार-चढ़ाव भरे सफर में धनखड़ परिवार हमेशा एकजुट रहा। डॉ. सुदेश ने कभी भी अपने पति के काम को पीछे नहीं रखा। और बेटी कामना? वह तो अपने पिता के सपनों को पूरा करने में लगी रही। आज भी परिवार दीपक की यादों को संजोए हुए है – उसकी याद में सामाजिक कार्यक्रम चलाते हैं, लोगों की मदद करते हैं।
अब इस्तीफे के बाद क्या? लगता है परिवार थोड़ा सांस लेना चाहता है। जगदीप जी और डॉ. सुदेश दोनों अब सामाजिक कामों पर ज्यादा ध्यान देना चाहते हैं। और कामना? सच पूछो तो सबकी नजरें अब उस पर टिकी हैं। क्या वह राजनीति में आएगी या कोई और रास्ता चुनेगी? वक्त ही बताएगा।
लोगों का प्यार और समर्थन
देखा जाए तो जगदीप धनखड़ के इस फैसले को सभी ने सराहा है। राजनीतिक दलों से लेकर आम जनता तक – सभी की प्रतिक्रिया सकारात्मक रही। कई नेताओं ने तो परिवार की एकजुटता की मिसाल दी है। और डॉ. सुदेश के शिक्षा के क्षेत्र में काम की तारीफ? वह तो होनी ही थी। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इस परिवार के लिए खूब प्यार बांटा है।
आगे का रास्ता
अब धनखड़ परिवार एक नई शुरुआत करने जा रहा है। जगदीप जी और डॉ. सुदेश दोनों शायद अब सामाजिक कामों में ज्यादा वक्त दें। कुछ लोग तो कह रहे हैं कि वे दीपक की याद में कोई नया प्रोजेक्ट शुरू कर सकते हैं। और कामना? उसके बारे में तो अभी सब कयास ही लगा रहे हैं।
अंत में बस इतना कहूंगा – यह परिवार सच में प्रेरणा देने वाला है। एक छोटे से गाँव से शुरू हुआ सफर उप-राष्ट्रपति भवन तक पहुंचा। संघर्ष, दर्द और सफलता की यह कहानी सच में दिल छू लेती है। और अब? अब तो पूरा देश देख रहा है कि यह परिवार आगे क्या करता है। एक बात तो तय है – राजनीति हो या समाज सेवा, यह परिवार हमेशा देश के लिए कुछ न कुछ खास करता रहेगा।
यह भी पढ़ें:
जगदीप धनखड़ की पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ और उनके बच्चों के बारे में – वो सब जो आप जानना चाहते हैं!
डॉ. सुदेश धनखड़ कौन हैं? और असल में उनकी पहचान क्या है?
देखिए, डॉ. सुदेश धनखड़ सिर्फ जगदीप धनखड़ की पत्नी नहीं हैं – वह खुद में एक पूरी इंस्पिरेशन हैं। मेडिकल की फील्ड में उनका करियर तो कमाल का रहा है, लेकिन साथ ही वह समाज सेवा में भी बहुत एक्टिव रही हैं। एक तरह से कहें तो, वह उन महिलाओं के लिए रोल मॉडल हैं जो प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ को बैलेंस करना चाहती हैं।
धनखड़ फैमिली के बच्चों के बारे में कितना जानते हैं आप?
सच बताऊँ? हम सबको बस इतना पता है कि उनके दो बच्चे हैं – एक बेटा और एक बेटी। लेकिन नाम? वह तो शायद ही कोई जानता हो। और है ना यह अच्छी बात कि आज के इस सोशल मीडिया के दौर में भी वे अपने बच्चों की प्राइवेसी को मेंटेन कर पा रहे हैं। कमाल की बात है!
क्या डॉ. सुदेश ने कभी पॉलिटिक्स में कदम रखने की कोशिश की?
अरे नहीं! वह तो अपने मेडिकल प्रैक्टिस और फैमिली को ही पूरा टाइम देती हैं। हाँ, कभी-कभार कोई बड़ा पब्लिक इवेंट हो तो वह जगदीप जी के साथ नज़र आ जाती हैं। पर उनका फोकस तो अपने काम पर ही है। और सच कहूँ तो, यही उनकी खासियत भी है।
धनखड़ परिवार का असली घर कहाँ है?
असल में उनकी रूट्स तो राजस्थान में हैं, यह सब जानते हैं। लेकिन एक पॉलिटिशियन फैमिली होने के नाते उनके दिल्ली और दूसरे शहरों में भी घर हैं। काम के सिलसिले में तो उन्हें इधर-उधर घूमना ही पड़ता है ना! पर राजस्थान… वह तो उनके दिल में बसता है।
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com