क्या आप जानते हैं? बच्चे को दूध न पिलाने पर भी जेल जा सकते हैं!
सुनने में अजीब लगता है न? पर यही सच है। विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी की एक ताज़ा रिपोर्ट ने तो यहाँ तक बताया है कि भारत में ऐसे 7,305 से ज़्यादा कानून हैं जिनके तहत आप पर केस हो सकता है। और हैरानी की बात ये कि इनमें से 5,333 मामलों में तो जेल तक की सजा का प्रावधान है! अब सोचिए, भीख देना हो या कुत्ता न घुमाना – ऐसी छोटी-छोटी बातों पर भी आपको सज़ा मिल सकती है। बिल्कुल अविश्वसनीय, पर सच।
ये कानून कहाँ से आए? समझिए पूरी कहानी
देखिए, हमारे देश में तो कुछ कानून ऐसे हैं जिनकी उम्र आपके दादा-परदादा से भी ज़्यादा है। सच कहूँ तो, इनमें से कई तो अंग्रेज़ों के ज़माने के हैं! विधि सेंटर ने इन पर गहरी रिसर्च की है, और पाया कि ये कानून आज के समय के साथ अपडेट ही नहीं हुए। नतीजा? आज ये कानून ऐसी-ऐसी अजीबोगरीब स्थितियाँ पैदा कर रहे हैं जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।
कुछ ऐसे अजीब कानून जो आपको हैरान कर देंगे
रिपोर्ट में जो बातें सामने आई हैं, उन पर यकीन करना मुश्किल है। जैसे:
– कुछ राज्यों में बच्चे को दूध न पिलाना अपराध है (हाँ, आपने सही सुना!)
– भीख देना या लेना? कई शहरों में यह गैरकानूनी है
– कुत्ता न घुमाओ तो जुर्माना! (कुछ नगर निगमों के नियम)
– और सबसे मजेदार – बिना परमिशन के पतंग उड़ाना भी गुनाह!
असल में समस्या ये है कि 99% लोगों को इन कानूनों के बारे में पता ही नहीं। और यही खतरनाक है, क्योंकि पुलिस या अधिकारी इनका गलत फायदा उठा सकते हैं।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं? और आम लोगों की क्या राय?
कानून के जानकारों का तो साफ कहना है – “ये कानून अब पुराने पड़ चुके हैं। इनकी तुरंत समीक्षा होनी चाहिए।” वहीं सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि “कुछ नियम ज़रूरी हैं, लेकिन बाकियों को हटाने की ज़रूरत है।”
पर आम आदमी की प्रतिक्रिया सबसे दिलचस्प है: “अरे भई, हमें तो मालूम ही नहीं था कि ऐसे कानून भी होते हैं! अब कैसे बचें?” सचमुच, यह सवाल लाखों लोगों के मन में है।
आगे क्या होगा? क्या बदलाव आएँगे?
इस रिपोर्ट के बाद तो सरकार पर दबाव बढ़ गया है। सूत्रों के मुताबिक, कानून मंत्रालय इन नियमों को सरल बनाने पर विचार कर रहा है। वहीं कई एनजीओ अब जागरूकता अभियान चलाने की तैयारी में हैं।
पर सवाल यह है कि क्या वाकई में बदलाव आएगा? क्योंकि अगर ये कानून ऐसे ही रहे, तो आम आदमी के लिए मुसीबतों का पहाड़ टूट सकता है। देखते हैं, आगे क्या होता है!
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1. सच में? बच्चे को दूध न पिलाने पर भी जेल हो सकती है?
अजीब लगता है न? लेकिन हां भई हां! भारत में अगर कोई माँ या गार्जियन बिना किसी वाजिब वजह के बच्चे को दूध नहीं पिलाता, तो यह नेग्लेक्ट माना जाता है। IPC की धारा 317 के तहत यह एक दंडनीय अपराध है। सोचिए, कितने लोगों को पता होगा कि ऐसा भी कोई कानून है?
2. भीख मांगना भी है गुनाह? सच्चाई जानकर चौंक जाएंगे
देखा जाए तो यह कानून 1959 से चला आ रहा है – बॉम्बे प्रिवेंशन ऑफ बेगिंग एक्ट। पहली बार पकड़े जाने पर तो 1-3 साल की सजा… और अगर कोई हारा न माने तो? फिर तो और भी सख्त सजा! पर सवाल यह है कि क्या यह कानून वाकई में सही तरीके से लागू हो पा रहा है?
3. क्या आपका डॉग आपको जेल भिजवा सकता है?
अरे हां भई! अगर आप अपने प्यारे से पेट डॉग को न घुमाएं, उसकी ठीक से केयर न करें या भूखा रखें… तो जानिए क्या होगा? प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स एक्ट, 1960 के तहत आप पर केस हो सकता है। जुर्माना तो ठीक है – 10,000 रुपये तक, लेकिन 3 महीने की जेल? ये सुनकर तो मैं भी अभी अपने डॉगी को वॉक पर ले जाने को तैयार हो गया!
4. ऐसे ही और अजीबोगरीब कानूनों की जानकारी कैसे लें?
असल में बात यह है कि हममें से ज्यादातर लोगों को तो अपने बेसिक कानूनों की भी पूरी जानकारी नहीं होती। तो फिर ऐसे unusual laws के बारे में कैसे पता चले? आप चाहें तो लोकल पुलिस स्टेशन से पूछ सकते हैं, या फिर india.gov.in जैसी सरकारी वेबसाइट्स पर लीगल सेक्शन चेक कर सकते हैं। लेकिन मेरी निजी राय? किसी भी कानूनी शंका के लिए किसी अच्छे वकील से सलाह लेना ही सबसे बेहतर विकल्प है। क्योंकि कानून की बारीकियां… समझने में आसान नहीं होतीं।
Source: Navbharat Times – Default | Secondary News Source: Pulsivic.com