जम्मू-कश्मीर: पीर पंजाल में सुरक्षा हालात पर बड़ी बैठक – क्या बदलेगा अब?
अभी कुछ दिन पहले ही उत्तरी कमांड के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने पीर पंजाल इलाके का दौरा किया। और सच कहूं तो, यह कोई रूटीन विजिट नहीं थी। पुंछ और राजौरी में तैनात बिम्बर गली ब्रिगेड के जवानों से मिलकर उन्होंने सीमा सुरक्षा से लेकर anti-terror ऑपरेशन्स तक हर चीज की पड़ताल की। अब सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ एक फॉर्मेलिटी थी? बिल्कुल नहीं। इस इलाके में बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए यह कदम काफी अहम माना जा रहा है।
पीर पंजाल… नाम तो सुना ही होगा आपने? खासकर पुंछ और राजौरी सेक्टर तो पिछले कुछ सालों से हमेशा चर्चा में रहता है। आतंकियों की घुसपैठ से लेकर मुठभेड़ों तक – यहां का हाल बड़ा नाजुक है। सेना ने हाल में कुछ नई टेक्निक्स और स्ट्रैटेजी अपनाई हैं, लेकिन क्या यह काफी है? जनरल शर्मा का यह दौरा दरअसल दो मकसद से था – मौजूदा सिस्टम को और मजबूत करना, और नए खतरों के लिए तैयार रहना। और भई, यह इलाका स्ट्रैटेजिकली कितना अहम है, यह तो आप समझ ही गए होंगे!
बातचीत हुई, मीटिंग्स हुईं… पूरा मामला गंभीरता से लिया गया। जनरल शर्मा ने जवानों को दो बड़े निर्देश दिए – पहला, “active posture” मेंटेन करो, और दूसरा, surveillance सिस्टम को watertight बनाओ। साथ ही local intelligence को भी मजबूत करने पर जोर दिया गया। सेना का कहना है कि वो लोगों के सहयोग से हर चुनौती का मुकाबला करने को तैयार हैं। पर सच पूछो तो, यहां सिर्फ बंदूकें ही काम नहीं आएंगी, है न?
इस पूरे मामले पर लोकल लोगों की क्या राय है? देखिए, कुछ निवासियों ने बढ़ी हुई पेट्रोलिंग को सुरक्षा में सुधार का कारण बताया है। वहीं नेताओं ने सेना की तारीफ करते हुए शांति बनाए रखने की अपील की। मगर असल सवाल तो यह है कि क्या security forces और local community के बीच बेहतर तालमेल से ही long-term peace मुमकिन है? शायद हां।
अब आगे की प्लानिंग क्या है? सेना ड्रोन्स और टेक्नोलॉजी अपग्रेड पर फोकस कर रही है। साथ ही युवाओं को jobs से जोड़कर radicalization रोकने की कोशिश भी चल रही है। और हां, intelligence agencies के साथ coordination भी बढ़ाया जा रहा है। थोड़ा सा wait and watch वाला गेम है, लेकिन उम्मीद तो अच्छी ही है। आखिरकार, शांति और स्टेबिलिटी के लिए यही सब तो जरूरी है!
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1. Northern Commander का बयान – क्या वाकई पीर पंजाल में सुरक्षा मजबूत हुई है?
देखिए, Northern Commander ने तो यही कहा कि सेना ने पीर पंजाल में सुरक्षा को और पुख्ता बना दिया है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह सच में इतना आसान है? असल में, उन्होंने बताया कि हमारे जवान किसी भी security threat का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। और यकीन मानिए, यह सुनकर थोड़ी राहत तो मिलती है।
2. पीर पंजाल – जहां सुरक्षा चुनौतियां हैं कम नहीं
अब बात करें इस इलाके की तो… सच कहूं तो यहां हालात बिल्कुल आसान नहीं। एक तरफ तो यह sensitive border area है जहां infiltration और militant activities का खतरा हमेशा मंडराता रहता है। दूसरी तरफ, यहां का tough terrain और खराब weather conditions भी security operations को और मुश्किल बना देते हैं। कुल मिलाकर, हमारे सैनिकों का काम यहां बिल्कुल आसान नहीं।
3. सेना के नए कदम – क्या ये पर्याप्त हैं?
तो सेना ने क्या किया इस स्थिति से निपटने के लिए? देखा जाए तो कुछ अच्छे steps लिए गए हैं – advanced surveillance technology का ज्यादा इस्तेमाल, regular patrols को बढ़ाना, और local intelligence network को मजबूत करना। सबसे अच्छी बात? Local लोगों के साथ coordination बेहतर हुआ है। पर सवाल यही है कि क्या ये सब पर्याप्त है? शायद वक्त ही बताएगा।
4. हाल के incidents – क्या हम सच में safe हैं?
अब अगर recent reports की मानें तो… हालांकि सेना का कहना है कि वो हर situation को handle करने के लिए तैयार है, लेकिन कुछ infiltration attempts तो हुए हैं। अच्छी खबर? हमारे security forces ने इन्हें नाकाम कर दिया। बुरी खबर? खतरा अभी भी मौजूद है। तो क्या हमें चिंता करनी चाहिए? मेरा मानना है कि सतर्क रहने में ही भलाई है।
Source: Times of India – Main | Secondary News Source: Pulsivic.com