“केजरीवाल की बड़ी चूक! बीजेपी से पटेल वोट छीनने की कोशिश में दलित नेता नाराज, क्या होगा असर?”

केजरीवाल की बड़ी भूल? पटेल वोट बैंक की होड़ में दलित नेता नाराज, AAP के लिए मुसीबत!

अरे भाई, गुजरात की राजनीति में तो मजा आ गया! अभी कल ही तो AAP विसावदर की जीत पर झूम रही थी, और आज ही उसके बोटाद विधायक उमेश मकवाना ने बगावत का झंडा खड़ा कर दिया। सच कहूं तो ये इस्तीफा कोई मामूली बात नहीं – खासकर तब, जब पार्टी गुजरात में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है। असल में मकवाना को लगा कि पार्टी पटेल वोटरों को खुश करने में इतनी मशगूल हो गई कि दलित नेताओं को पीछे धकेल दिया। और सच्चाई यही है न?

अब थोड़ा पीछे चलते हैं। AAP ने हार्दिक पटेल को लाकर बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश की थी। समझदारी की बात थी, है न? लेकिन…हमेशा एक लेकिन होता है ना! दलित नेताओं को लगा कि उन्हें दरकिनार किया जा रहा है। और सोचिए, मकवाना तो 2022 में AAP के चुनिंदा दलित विधायकों में से एक थे। आज उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है जैसे पार्टी ने उन्हें इस्तेमाल करके फेंक दिया। कड़वा सच, लेकिन सच तो सच है।

अब जरा ताजा अपडेट पर आते हैं। मकवाना ने तो सीधे-सीधे AAP पर जातिवादी राजनीति का आरोप लगा दिया! उनका कहना है कि “दलित सिर्फ वोट बैंक हैं, जबकि पटेल नेताओं को असली तवज्जो मिल रही है।” भईया, ये बयान तो AAP की ‘समाजवादी’ छवि पर सीधा वार है। फिलहाल तो केजरीवाल और सिसोदिया damage control में लगे हुए हैं। पर क्या ये नुकसान पहले ही हो चुका है?

राजनीतिक माहौल की बात करें तो…अरे वाह! बीजेपी तो मौके की निगाह से ही बैठी थी। उन्होंने तुरंत AAP को ‘झूठा समाजवादी’ बताना शुरू कर दिया। कांग्रेस भी पीछे कहां रहने वाली थी। और दिलचस्प बात ये कि कई दलित संगठन मकवाना के साथ खड़े हो गए हैं। अब AAP के लिए ये सिरदर्द बनता जा रहा है।

तो सवाल ये है कि अब आगे क्या? अगर मकवाना AAP छोड़कर किसी और पार्टी में चले गए तो…समझदार लोग समझ गए होंगे। गुजरात में AAP की साख को तगड़ा झटका लग सकता है। और 2024 के चुनाव तो कोने में खड़े मुस्कुरा रहे हैं। पार्टी के सामने अब पटेल और दलित वोटों के बीच तालमेल बिठाने की बड़ी चुनौती है। मुश्किल खेल है ये!

आखिर में क्या कहें…ये घटना AAP के लिए एक तरह का अलार्म है। गुजरात की जटिल जातीय राजनीति में संतुलन बनाना कोई आसान बात नहीं। मकवाना का ये कदम न सिर्फ पार्टी में असंतोष की गूंज है, बल्कि एक चेतावनी भी – अगर समय रहते स्थिति संभाली नहीं गई तो AAP का गुजरात सपना धरा का धरा रह जाएगा। और फिर…पछताने के सिवा कुछ नहीं बचेगा!

यह भी पढ़ें:

केजरीवाल की वो गलती जिसने पटेल वोटर्स के चक्कर में दलितों को नाराज़ कर दिया – जानिए पूरा माजरा

1. आखिर क्या हुआ कि दलित नेता केजरीवाल से भड़क गए?

देखिए, मामला साफ है। केजरीवाल और AAP ने गुजरात में पटेल वोटर्स को पटाने के चक्कर में कुछ ऐसे ऐलान किए, जिससे दलित नेताओं को लगा – “अरे भई, हमारी बारी कब आएगी?” असल में, राजनीति में यही तो चलता है न – एक को खुश करो तो दूसरा नाराज़। लेकिन इस बार AAP ने जो किया, वो थोड़ा ज्यादा ही हो गया। सीधे-सीधे कहें तो दलितों को लगा कि उन्हें deliberately ignore किया जा रहा है। और फिर क्या? आग में घी डालने जैसा हो गया।

2. BJP इस पूरे ड्रामे से कैसे फायदा उठा सकती है?

अरे भाई, BJP तो मौके की ताकत है! उन्हें ऐसे मौके ही तो चाहिए। सोचिए न – AAP से नाराज़ दलित वोटर्स… BJP के लिए तो ये गिफ्ट wrapped in golden paper जैसा है। वो तो बस यही कहेंगी – “देख लिया न AAP का असली चेहरा?” और फिर अपने पुराने तरीके से दलितों को attract करने की कोशिश करेंगी। मजेदार बात ये है कि BJP को इसके लिए ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ेगी। AAP ने तो उनका काम आसान कर दिया है!

3. क्या ये AAP के लिए लॉन्ग टर्म में मुसीबत बन सकता है?

ईमानदारी से कहूं तो… हां, बिल्कुल! अगर AAP ने अभी damage control नहीं किया तो? फिर तो बवाल हो जाएगा। गुजरात में दलित वोटर्स का एक बड़ा chunk है। और अगर वो BJP या किसी third front के पास चले गए तो? AAP के लिए बुरा खेल हो जाएगा। एक तरफ तो वो पटेल वोटर्स को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं, दूसरी तरफ दलित हाथ से निकल रहे हैं। बिल्कुल ऐसे जैसे एक हाथ से पानी भरो, दूसरे से रेत।

4. तो फिर AAP के पास इस स्थिति से निपटने का क्या रास्ता है?

सुनिए, अभी भी वक्त है। AAP को चाहिए कि तुरंत damage control mode में आए। पहला कदम? दलित नेताओं से direct dialogue। बिना मीडिया के, बिना दिखावे के। दूसरा? कुछ ठोस announcements जो दिखाएं कि दलितों को भी उतनी ही importance मिल रही है। थोड़ा सा PR भी चल जाएगा – “हम सबके साथ हैं” वाला। लेकिन सच्चाई ये है कि अब तुरंत action ही एकमात्र रास्ता है। वरना… खैर, आप समझ ही गए होंगे।

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

More From Author

“उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का बयान: ‘ये उसकी आत्मा है… बीज है’ – संविधान की प्रस्तावना पर क्या कहा? वीडियो देखें”

**

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Comments

Archives