बच्चों को मिल गई 2 दिन की मस्ती! पर वजह जानकर आपका माथा ठनक जाएगा!
अरे भई, महाराष्ट्र के सारे स्कूलों ने अचानक 8 और 9 जुलाई को छुट्टी घोषित कर दी है! सच कहूं तो मुझे भी पहले लगा कि शायद कोई त्योहार होगा, लेकिन असल कारण तो बिल्कुल अलग है। दरअसल, शिक्षक और स्कूल स्टाफ अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। सरकार ने बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए यह फैसला लिया है। अब parents के मोबाइल पर SMS की बौछार हो रही है – कुछ लोग खुश, तो कुछ परेशान। सच में, यह पूरा मामला काफी दिलचस्प है!
आखिर क्यों पड़ी यह छुट्टी?
इसे ऐसे समझिए जैसे आपका AC लंबे समय से खराब है और मैकेनिक बार-बार मांग कर रहा है पर आप अनसुना कर देते हैं। ठीक वैसे ही शिक्षक महीनों से salary increment, बेहतर working conditions और pension की मांग कर रहे थे। हालांकि, सरकार की तरफ से कोई ठोस जवाब नहीं आया। अब तो teachers ने बिल्कुल गुस्से में आकर strike का ऐलान कर दिया है। सच कहूं तो यह स्थिति काफी गंभीर हो चुकी है।
सरकार ने क्या कहा?
महाराष्ट्र शिक्षा विभाग ने तो जैसे हाथ खड़े कर दिए! उनका कहना है कि law and order की स्थिति को देखते हुए स्कूल बंद करना ही सही फैसला था। पर सच्चाई यह है कि यह एक तरह का समझौता है। एक तरफ तो students की सुरक्षा, दूसरी तरफ teachers के दबाव में सरकार फंसी हुई है। Official notification में साफ लिखा है – सभी government और private schools बंद रहेंगे। लेकिन असल सवाल यह है कि क्या यह समस्या सिर्फ दो दिन में हल हो पाएगी?
वैसे parents के लिए एक सुझाव जरूर दिया गया है – बच्चों को घर पर ही किसी creative activity में व्यस्त रखें। कुछ schools ने तो online classes का ऑप्शन भी दिया है, पर यह पूरी तरह voluntary है। मतलब अगर आपका बच्चा पढ़ना चाहे तो ठीक, नहीं तो कोई बात नहीं!
कौन क्या बोला?
इस मामले में हर कोई अपनी-अपनी रोटी सेक रहा है। शिक्षक संघ वालों का कहना है – “हमारी मांगें तो बिल्कुल जायज हैं!” वहीं कुछ parents की चिंता अलग है – “भई, बच्चों की पढ़ाई का क्या होगा?” पर ईमानदारी से कहूं तो ज्यादातर माता-पिता teachers की समस्याओं को समझ भी रहे हैं।
सरकार वालों ने तो अपनी पुरानी रट लगा दी – “हम positive dialogue कर रहे हैं…” वैसे हम सभी जानते हैं कि यह कितना सच है!
अब आगे क्या?
अब सबकी नजर 10 जुलाई पर है। अगर सरकार और teachers में बातचीत हो गई तो ठीक, नहीं तो यह मामला और लंबा खिंच सकता है। Education department ने तो बस इतना कहा है – official channels पर नजर रखिए। पर हमारे जैसे आम लोगों के लिए यह सवाल बना हुआ है – क्या सच में education system और teachers के rights के बीच संतुलन बन पाएगा? देखते हैं आने वाले दिन क्या लाते हैं!
एक बात तो तय है – यह छुट्टी बच्चों के लिए मस्ती भरी हो सकती है, पर system के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा कर गई है। क्या आपको नहीं लगता?
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तो अब आप समझ ही गए होंगे कि स्कूल बंद होने के पीछे यह बिल्कुल अजीबोगरीब वजह क्या है! सच कहूं तो मुझे भी पहले यकीन नहीं हुआ था। लेकिन देखिए न, बच्चे तो इन दो दिनों का पूरा लुत्फ़ उठा रहे हैं – क्या पढ़ाई, क्या होमवर्क, बस खेलो और मस्ती करो!
असल में यह खबर सुनकर मेरा पहला रिएक्शन था – “अरे वाह! ऐसा भी होता है क्या?” लेकिन फिर सोचा, जिंदगी तो ऐसे ही छोटे-छोटे सरप्राइज से भरी पड़ी है न। कभी बारिश का दिन, कभी अचानक छुट्टी… यही तो वो पल होते हैं जो यादें बन जाते हैं।
मजे की बात ये है कि हम बड़े तो ऐसे मौकों पर भी चिंता करने लगते हैं – “अरे यार, सिलेबस कैसे पूरा होगा?” जबकि बच्चे बस जी रहे होते हैं present moment में। सीखने को मिला तो यही कि कभी-कभी थोड़ा relax करना भी ज़रूरी है।
अगर आपको यह बातचीत अच्छी लगी हो, तो ज़रूर बताइएगा comments में। और हां, अपने उन दोस्तों के साथ share करना न भूलें जिनके बच्चे स्कूल जाते हैं – उनकी reaction जानने में तो मजा आएगा ही! वैसे… आपका इस बारे में क्या ख्याल है?
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com