“ललन सिंह का बड़ा बयान: ‘असली नस पकड़ा गया, ट्रीटमेंट भी पक्का होगा’ – जानें किस मामले में दी चेतावनी”

ललन सिंह का वो बयान जिसने बढ़ा दी राजनीति की गर्मी: ‘असली मर्ज पकड़ में आया, अब दवा भी काम करेगी’

आज संसद में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह यानी ललन सिंह ने जो कहा, उसने सियासी गलियारों में तूफान ला दिया। सच कहूं तो ऐसा लगा जैसे किसी भड़कते मुद्दे पर पेट्रोल छिड़क दिया हो! ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष के तीखे सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने दावा किया कि सरकार ने “असली नस पकड़ ली है”। मतलब साफ है – अब फर्जी वोटरों के खिलाफ एक्शन और तेज होगा। लेकिन यहां सबसे मजेदार मोड़ तब आया जब विपक्ष ने SIR (Standing Instructions and Regulations) का मुद्दा उठाकर सदन को हंगामे में डुबो दिया। नतीजा? कार्यवाही ठप्प। कुछ देर के लिए तो लगा जैसे संसद किसी बाजार में तब्दील हो गई हो!

पूरा माजरा क्या है?

ऑपरेशन सिंदूर… नाम तो सुना होगा ना? वो जो फर्जी वोटरों को voters list से बाहर करने का अभियान है। सरकार कहती है यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, लेकिन विपक्ष का आरोप है कि यह कुछ खास समुदायों को टारगेट कर रहा है। अब सवाल यह है कि कौन सही है? पिछले कई दिनों से यह मुद्दा संसद में गर्मा रहा था, और आज ललन सिंह ने जो कहा, उसने तो बहस को और हवा दे दी।

ललन सिंह ने क्या ऐसा कह दिया?

उनके शब्दों पर गौर करें: “असली समस्या की जड़ पकड़ी जा चुकी है और अब इसका इलाज भी पक्का होगा।” यानी सरकार को लगता है कि उन्होंने फर्जी वोटिंग की समस्या को समझ लिया है। उनका दावा है कि लाखों फर्जी voters को पहचानकर लिस्ट से हटाया जा चुका है। लेकिन यहां मजा तब आया जब विपक्ष SIR नियमों की दुहाई देते हुए बवाल करने लगा। स्पीकर को तो कार्यवाही रोकनी पड़ी। क्या आपको नहीं लगता कि यह सब कुछ बहुत स्क्रिप्टेड लग रहा है?

किसने क्या कहा? राजनीति का गणित

इस मामले में तो हर पार्टी का अपना-अपना राग अलापना तय था। कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी तो बिल्कुल आगबबूला हो गए – “लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश!” वहीं भाजपा प्रवक्ता का जवाब – “फर्जी वोटिंग रोकना हमारा कर्तव्य है।” दिलचस्प बात यह कि नागरिक समाज के कुछ ग्रुप्स ने इस कदम का समर्थन तो किया, लेकिन साथ ही process में पारदर्शिता की मांग भी रखी। सच कहूं तो यही तो लोकतंत्र की खूबसूरती है न?

अब आगे क्या? राजनीति का क्रिस्टल बॉल

सूत्रों की मानें तो ऑपरेशन सिंदूर को और तेज किया जाएगा। मतलब अगले कुछ महीनों में और ज्यादा फर्जी वोटरों की पहचान होगी। लेकिन विपक्ष तो सुप्रीम कोर्ट जाने की धमकी दे रहा है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो 2024 के चुनावों से पहले यह एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। तनाव बढ़ेगा? बिल्कुल। लेकिन क्या यह देश के लिए अच्छा है? यह तो वक्त ही बताएगा।

अंत में बस इतना कि ललन सिंह के इस बयान ने फर्जी वोटिंग पर बहस को नया जीवन दे दिया है। असली सवाल यह है कि क्या सरकार और विपक्ष कभी एक पेज पर आ पाएंगे? या फिर यह तूफान और तेज होता जाएगा? आपकी राय क्या है?

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ललन सिंह का वो विवादास्पद बयान – जानिए सच्चाई और सवालों के जवाब

1. ललन सिंह ने किस बारे में दी ये धमकी भरी चेतावनी?

देखिए, ललन सिंह ने तो हाल ही में एक ऐसा बयान दिया है जिसने सबका ध्यान खींचा है। ‘असली नस पकड़ा गया है’ और ‘ट्रीटमेंट पक्का होगा’ जैसे शब्दों ने तो राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। सच कहूं तो exact मामला अभी पूरी तरह clear नहीं है, लेकिन इतना तो तय है कि ये कोई मामूली बात नहीं। कोई बड़ा political या social issue जरूर है जिस पर वो बोल रहे हैं।

2. ‘असली नस पकड़ा गया’ – ये क्या बला है?

अरे भई, ये तो एक तरह का मुहावरा है! ललन सिंह ये कहना चाह रहे हैं कि उन्होंने किसी समस्या की जड़ तक पहुंच बना ली है। जैसे डॉक्टर बीमारी की सही वजह पकड़ लेता है, वैसे ही। अब सवाल ये है कि ये ‘नस’ आखिर है क्या? किसी scam का mastermind? कोई systemic problem? ईमानदारी से कहूं तो अभी तो सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है।

3. क्या ये बयान किसी खास मामले से जुड़ा है?

तो दोस्तों, यहां तो थोड़ा guesswork करना पड़ेगा। हो सकता है ये कोई current political drama हो, कोई बड़ा scam हो, या फिर कोई social issue जो अभी headlines में है। मेरा personal अनुमान? ललन सिंह के past statements और recent activities को देखते हुए लगता है कि ये कोई governance से related मुद्दा होगा। पर यकीनन कहने के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा।

4. ‘ट्रीटमेंट पक्का होगा’ – ये कैसा इलाज?

हाहा! ये तो सबसे मजेदार हिस्सा है। ललन सिंह जैसे नेता जब ऐसी बातें करते हैं तो समझ जाइए कि कुछ तो बड़ा होने वाला है। हो सकता है legal action हो, कोई बड़ा campaign हो, या फिर सीधे सरकार पर हमला। पर एक बात तय है – ये कोई सामान्य ‘इलाज’ नहीं होगा। जैसे बुखार में पैरासिटामोल नहीं, बल्कि सीधे ऑपरेशन वाली बात है! क्या आपको नहीं लगता?

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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