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40,000 सैनिकों का विशाल युद्धाभ्यास! भारत समेत 19 देशों की चीन को सख्त चेतावनी

40,000 सैनिकों की तैयारी! चीन को जवाब देने के लिए भारत और दोस्तों की जबरदस्त एकजुटता

अब सवाल यह है कि चीन की बढ़ती धौंसपट्टी का जवाब कैसे दिया जाए? हिंद-प्रशांत में चीन के हरकतों के बीच, भारत समेत 19 देशों ने एक साथ आकर “Talisman Sabre” नाम के इस बड़े युद्धाभ्यास में हिस्सा लिया। सोचिए – 40,000 से ज्यादा सैनिक एक साथ ट्रेनिंग कर रहे हैं! समुद्री सुरक्षा से लेकर साइबर वॉरफेयर तक, हर पहलू पर काम हुआ। असल में यह सिर्फ एक अभ्यास नहीं, बल्कि चीन को एक साफ़ संदेश था – “अब हम तैयार हैं।”

Talisman Sabre: सिर्फ अभ्यास नहीं, एक जरूरी संदेश

देखिए न, Talisman Sabre तो ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका का रेगुलर प्रोग्राम है। लेकिन इस बार भारत का शामिल होना… ये बात चीन को दिक्कत दे रही है। हमारे लिए यह जरूरी था। साउथ चाइना सी से लेकर लद्दाख तक, चीन की हरकतें बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में यह अभ्यास एक तरह से कह रहा है – “अब और नहीं!”

कौन-कौन शामिल था? और भारत ने क्या दिखाया?

लिस्ट लंबी है – भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान समेत कुल 19 देश! हमारी सेना ने जो हुनर दिखाया, वो कमाल का था। नए हथियार, बेहतरीन रणनीति… पर असल मकसद था टीमवर्क। समुद्र से लेकर साइबर स्पेस तक, सबको एक साथ काम करना आना चाहिए। चीन इसे ‘अस्थिरता’ कह रहा है? है न मजेदार? जो खुद पूरे क्षेत्र में तनाव फैला रहा है!

क्या कह रहे हैं देश?

भारत का रक्षा मंत्रालय साफ कहता है – यह शांति के लिए है। अमेरिका कहता है – हमें खुला हिंद-प्रशांत चाहिए। और चीन? वो तो हमेशा की तरह नाराज है। पर सच तो यह है कि यह अभ्यास चीन को याद दिला रहा है – “अकेले हमलों का जमाना लद गया।”

आगे क्या?

अब भारत और उसके सहयोगी देश और करीब आएंगे। हालांकि चीन जरूर जवाबी कार्रवाई करेगा। पर यह तो तय है – हिंद-प्रशांत का खेल बदल रहा है। और इस बार, भारत सिर्फ देखने वाला नहीं, खिलाड़ी है।

सीधे शब्दों में, Talisman Sabre ने चीन को बता दिया – “अगर तुमने गड़बड़ की, तो 19 देश तैयार हैं।” यह सिर्फ सैन्य दिखावा नहीं, बल्कि एक नए युग की शुरुआत है। और हाँ, इस बार नियम हम तय करेंगे!

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देखिए, भारत और 19 देशों का ये जोरदार युद्धाभ्यास… साफ-साफ एक मैसेज दे रहा है न? वो ये कि अगर चीन कुछ गलत हरकत करेगा, तो जवाब बहुत मुंहतोड़ मिलेगा। अब सवाल यह है कि क्या ये सिर्फ एक सैन्य दिखावा है? नहीं, बिल्कुल नहीं!

इस पूरे अभ्यास को अगर गहराई से समझें, तो दो बड़ी बातें सामने आती हैं। पहली – ये दिखाता है कि ये देश सच में एकजुट हैं। दूसरी – और ये ज़्यादा अहम है – कि ये सब मिलकर शांति के लिए खड़े हैं।

असल में बात ये है कि international level पर चीन का जो दबदबा चल रहा है, उसे ये एक साफ चुनौती है। थोड़ा सा ऐसा है जैसे क्लास का सबसे बुली लड़का अचानक पूरी क्लास को एक साथ खड़ा देख ले!

एकदम सटीक। सच कहूं तो, ये सिर्फ ट्रेनिंग नहीं, एक पावर प्ले है। और हमारे लिए? अच्छी खबर ही है!

40,000 सैनिकों का ये बड़ा युद्धाभ्यास – जानिए सबकुछ (और वो सवाल जो आप पूछना चाहते हैं!)

1. ये पूरा युद्धाभ्यास कहाँ हो रहा है? और भला इतने देश एक साथ क्यों शामिल हो रहे हैं?

देखिए, ये कोई छोटी-मोटी बात तो है नहीं। भारत के अलावा 18 और देश इसमें हिस्सा ले रहे हैं – USA, UK, Australia, Japan जैसे बड़े नाम शामिल हैं। अब location की बात करें तो… सरकार पूरी details नहीं बता रही, समझ सकते हैं न? पर इतना ज़रूर पता चला है कि भारत के कुछ strategic इलाकों में ये होगा। थोड़ा suspense तो रहने दीजिए!

2. ये युद्धाभ्यास चीन को इतना परेशान क्यों कर रहा है? सच-सच बताइए!

असल में बात ये है कि ये सिर्फ एक military exercise नहीं है, ये एक message है। चीन पिछले कुछ सालों से जिस तरह से अपनी muscles दिखा रहा है, उसे देखते हुए ये ज़रूरी हो गया था। एक तरह से कहें तो ये साफ़ इशारा है कि “भाई, अगर कुछ गलत हुआ तो हम सब मिलकर जवाब देंगे।” Simple!

3. इतने बड़े पैमाने का ये अभ्यास कब तक चलेगा? क्या हफ़्तों लगेंगे?

अभी जो information मिली है, उसके मुताबिक़ 10-15 दिनों का plan है। पर आप तो जानते ही हैं न? Army के मामले में हमेशा एक flexibility रहती है। Operational ज़रूरतों के हिसाब से इसमें थोड़ा बहुत adjustment हो सकता है। कोई बड़ी बात नहीं।

4. सबसे बड़ा सवाल – क्या ये चीन के साथ तनाव को और बढ़ाएगा?

ईमानदारी से कहूँ तो… चीन को ये पसंद नहीं आएगा, ये तो तय है। पर सच ये है कि ये हमारी तरफ से कोई aggressive कदम नहीं है। एक तरह से समझिए तो ये neighborhood watch program जैसा है – सब मिलकर सुरक्षित रहेंगे तो शांति बनी रहेगी। पर हाँ, अगर चीन इसे गलत समझे तो… वो उसकी मानसिकता है। हम तो बस तैयार रह रहे हैं!

Source: Aaj Tak – Home | Secondary News Source: Pulsivic.com

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