“5 साल के नन्हें शिवभक्त की अनोखी कांवड़ यात्रा: एक कांवड़ में गंगाजल, दूसरी में भक्ति!”

5 साल के इस नन्हें शिवभक्त ने क्या कर दिखाया? एक कांवड़ में गंगाजल, दूसरी में बहन को बिठाकर भक्ति का अनोखा नज़ारा!

सावन का मौसम है और कांवड़ियों की चहल-पहल… लेकिन इस बार एक ऐसी घटना ने सबका ध्यान खींचा है जिसे देखकर आपका दिल भी पिघल जाएगा। सुल्तानगंज से बाबा वैधनाथ धाम जा रहे 5 साल के आकाश राऊत और उनकी माँ ज्योति की यह कहानी सिर्फ भक्ति नहीं, प्यार की मिसाल है। सोचिए, एक हाथ में गंगाजल से भरी कांवड़ और दूसरे में अपनी छोटी बहन को बिठाकर चलना – क्या यह भक्ति और स्नेह का सबसे खूबसूरत मेल नहीं?

असल में कांवड़ यात्रा तो हर साल होती है। सावन आते ही लाखों श्रद्धालु सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर निकल पड़ते हैं। इस बार तो रोज 80-90 हजार कांवड़ियों का हुजूम देखने को मिल रहा है। मगर आकाश की बात ही कुछ और है! ये कोई पहली बार नहीं जा रहे, पर इस बार इन्होंने अपनी छोटी बहन को भी साथ ले लिया। और यही तो खास बात हो गई न?

कहानी की डिटेल्स जानें तो… आकाश ने दो कांवड़ें उठाई थीं। एक में गंगाजल – जो तो ठीक है। लेकिन दूसरी में? वहाँ बैठी थी उनकी छोटी बहन! बिहार के सुल्तानगंज से झारखंड के बाबा वैधनाथ धाम तक का ये सफर कोई मजाक तो है नहीं। रास्ते में लोग इस नन्हें भक्त को देखकर हैरान रह गए। किसी ने पानी पिलाया, किसी ने प्रशंसा की – सच में, ये नज़ारा देखने लायक था।

social media पर तो जैसे तूफान आ गया। आकाश की तस्वीरें viral हो रही हैं और लोग इस बच्चे की हिम्मत की तारीफ करते नहीं थक रहे। उनकी माँ ज्योति का कहना है, “मेरा बेटा तो बचपन से ही भोले बाबा का दीवाना है। खुद ही यात्रा पर जाने की जिद की।” एक श्रद्धालु ने तो आँसू भरी आवाज़ में कहा, “ऐसी भक्ति देखकर आस्था और मजबूत हो जाती है।”

अब सब सोच रहे हैं – आगे क्या होगा? आकाश और उनका परिवार जल्द ही बाबा वैधनाथ धाम पहुँच जाएगा। वहाँ गंगाजल चढ़ाकर वे अपनी यात्रा पूरी करेंगे। और सच कहूँ तो, इस घटना ने तो जैसे एक नई प्रेरणा दे दी है। अगले साल शायद और भी छोटे बच्चे कांवड़ यात्रा में शामिल हों। प्रशासन भी अब ऐसे युवा भक्तों की सुरक्षा को लेकर गंभीर दिख रहा है।

देखा जाए तो आकाश की यह यात्रा सिर्फ धार्मिक नहीं, एक जीवन सबक है। इतनी छोटी उम्र में इतना बड़ा साहस! यह कहानी सिखाती है कि भक्ति की कोई उम्र नहीं होती, और प्यार हर मुश्किल को आसान बना देता है। सच में, कभी-कभी बच्चे बड़ों को भी जीवन का असली मतलब समझा जाते हैं। है न?

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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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