“पापा अफसर, दादा वॉरियर: मालेगांव केस में RSS चीफ भागवत पर खुलासा करने वाले मुजाहर की पूरी कहानी!”

पापा अफसर, दादा वॉरियर: मालेगांव केस में RSS चीफ भागवत पर जो खुलासा हुआ, उसकी कहानी कुछ और ही है!

31 जुलाई 2025… ये तारीख भारतीय न्यायिक इतिहास में कैसे याद रखी जाएगी? जब मालेगांव ब्लास्ट केस में साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित समेत सभी आरोपी बरी हो गए। लेकिन सच कहूं तो, कोर्ट का फैसला आने के बाद जो हुआ, वो किसी सिनेमाई प्लॉट ट्विस्ट से कम नहीं था। मेहबूब मुजाहर नाम के एक शख्स ने RSS चीफ मोहन भागवत पर ऐसे आरोप लगाए कि पूरा मीडिया सन्न रह गया। और सबसे दिलचस्प बात? उन्होंने खुद को ‘पुलिस अफसर का बेटा और फौजी का पोता’ बताया। अब ये कहानी कहां जाएगी, कोई नहीं जानता!

2008 का वो दिन: जब मालेगांव में हिल गई थी धरती

याद कीजिए 29 सितंबर 2008 का वो काला दिन। मालेगांव में धमाका हुआ, 6 मासूमों की जान चली गई। शुरुआती जांच में ATS ने हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों को पकड़ा। पर यहां मजा ये कि बाद में मामला एनआईए के पास गया और उन्होंने कहा – “सबूत कम हैं”। सच कहूं तो, ये पूरा केस एक पहेली बनकर रह गया है। एक तरफ आतंकवाद, दूसरी तरफ राजनीति… और बीच में फंसे आम लोग।

कोर्ट का फैसला: जीत या एक नई शुरुआत?

31 जुलाई को जब कोर्ट ने सबको बरी किया, तो कुछ लोग खुश हुए, तो कुछ हैरान। लेकिन असली धमाल तो तब हुआ जब मेहबूब मुजाहर सामने आए। उनका दावा? उनके पिता पुलिस में थे, दादा फौज में। और RSS चीफ पर केस दबाने के आरोप! अब सवाल ये उठता है – क्या ये सच्चाई है या कोई राजनीतिक चाल? क्योंकि देखा जाए तो, इसने तो पूरे राजनीतिक गलियारे को हिलाकर रख दिया है।

रिएक्शन्स का दंगल: कौन क्या बोला?

RSS ने तो मुजाहर के दावों को ‘झूठा’ बताया। पर राजनीतिक पार्टियों की प्रतिक्रियाएं देखने लायक थीं। कांग्रेस बोली – “सच सामने आना चाहिए”, BJP ने कोर्ट के फैसले को ‘न्याय’ बताया। और सबसे दुखद? उन परिवारों की बात, जिनके अपने इस धमाके में मारे गए थे। उनके लिए तो ये फैसला एक नई पीड़ा लेकर आया है।

अब आगे क्या? 2024 के चुनावों पर असर?

अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि क्या मुजाहर के दावों की जांच होगी? कुछ एक्सपर्ट्स तो यहां तक कह रहे हैं कि ये मामला 2024 के लोकसभा चुनावों को प्रभावित कर सकता है। और RSS की छवि? उस पर भी सवाल उठने लगे हैं। पर सच तो ये है कि अभी इस केस के कई पहलू अंधेरे में हैं। हो सकता है आने वाले दिनों में और भी झटके लगें।

एक तरफ कोर्ट का फैसला, दूसरी तरफ नए खुलासे… ये मामला अब किस दिशा में जाएगा, कोई नहीं जानता। पर एक बात तो तय है – मालेगांव केस अब सिर्फ एक आतंकी मामला नहीं रहा, बल्कि ये राजनीति, समाज और न्याय व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल बन चुका है। और हां, अगर आपको लगता है कि ये कहानी यहीं खत्म हो गई, तो शायद आप गलत हैं!

पापा अफसर, दादा वॉरियर: मालेगांव केस और RSS चीफ भागवत से जुड़े सवाल-जवाब

मालेगांव केस में मुजाहर कौन है और उसका क्या रोल था?

देखिए, ये मुजाहर नाम का whistleblower कहीं से अचानक सामने आया है। कहता है उसके पापा तो अफसर थे, दादा वॉरियर… और इसी वजह से उसे मालेगांव ब्लास्ट केस की ‘अंदरूनी’ जानकारी मिली। सच कहूं तो, ऐसे दावे सुनकर पहले तो मुझे भी थोड़ा अजीब लगा। मतलब, RSS चीफ मोहन भागवत का नाम इस केस में लपेटने की कोशिश? हम्म… बात गंभीर है, लेकिन सवाल यह है कि क्या सच में इसके पीछे कोई सबूत भी है?

मुजाहर के allegations के बाद RSS ने क्या reaction दिया?

अरे भई, RSS तो ऐसे ही गरमा गई जैसे कोई गर्म तवे पर पानी डाल दे! एकदम साफ-साफ इनकार कर दिया। उनका कहना है कि ये पूरा मामला ही एक तरह की साजिश है जो संगठन की छवि खराब करने के लिए रची गई है। और सुनिए, उनकी बात में दम भी तो है। अब तक तो मुजाहर के पास कोई ठोस सबूत नहीं है ना?

मालेगांव केस की current status क्या है?

ये केस तो अभी भी कोर्ट के चक्कर काट रहा है, जैसे हमारे दफ्तर में फाइलें काटती हैं! कुछ आरोपियों को तो bail मिल गई, लेकिन कुछ अभी भी इस जुडिशियल प्रोसेस में फंसे हुए हैं। असल में, मुजाहर के दावों को लेकर अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। तो सवाल यह है कि क्या ये सिर्फ एक हवाई दावा है या फिर इसमें कुछ सच्चाई भी है?

क्या मुजाहर के पास अपने claims को साबित करने के लिए कोई proof है?

ईमानदारी से कहूं तो… नहीं। अब तक तो इस whistleblower ने कोई solid proof पेश नहीं किया है। investigation agencies भी इन दावों को लेकर संशय में हैं, media वाले तो बस चर्चा कर रहे हैं। कुछ experts की राय है कि ये सिर्फ allegations हैं जिनकी अभी कोई legal वैल्यू नहीं बनती। पर सोचने वाली बात ये है कि अगर ये सच में झूठ है, तो फिर कोई इतना बड़ा दावा क्यों करेगा? खैर, वक्त ही बताएगा।

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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