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“ममता के 10 विधायकों को मिली बड़ी राहत! दिल्ली कोर्ट ने किस मामले में दिया यह ऐतिहासिक फैसला?”

ममता के 10 विधायकों को मिली बड़ी राहत! पर सवाल ये है – क्या ये फैसला सच में ‘ऐतिहासिक’ है?

दिल्ली की राउज एवन्यू कोर्ट ने आखिरकार फैसला सुना दिया – TMC के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन और उनके 9 साथी नेता बरी हो गए। ये मामला तो आपको याद ही होगा, वही 2024 के चुनावों के दौरान चुनाव आयोग के बाहर हुए धमाल वाला केस। अदालत ने कहा कि आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। सच कहूं तो, ये फैसला सिर्फ कानूनी नहीं, राजनीतिक रूप से भी बहुत मायने रखता है। TMC वालों के चेहरे पर मुस्कान तो समझ आती है, लेकिन क्या BJP इस पर चुप बैठेगी? शायद नहीं।

पूरा माजरा क्या था? एक नज़र पीछे

असल में बात ये थी कि TMC वालों को लगा चुनाव आयोग पक्षपात कर रहा है। तो क्या किया? धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। लेकिन ये प्रदर्शन इतना शांतिपूर्ण नहीं रहा। पुलिस ने धारा 144 तोड़ने, हंगामा करने और सरकारी समान तोड़ने के आरोप लगा दिए। TMC की तरफ से दलील थी – “ये तो राजनीतिक प्रताड़ना है!” जबकि पुलिस कहती रही – “भई, कानून तो कानून होता है।” अब कोर्ट ने जो फैसला दिया है, उससे तो लगता है पुलिस केस में दाल नहीं गल रही थी।

कोर्ट ने क्या कहा? और क्यों ये फैसला इतना अहम है?

अदालत ने साफ कहा – सबूत कमज़ोर हैं, केस में कई गड़बड़झाला है। यानी सीधी सी बात – आरोप साबित नहीं हुए। डेरेक ओ’ब्रायन ने तो जैसे खुशी में छलांग ही लगा दी – “सत्यमेव जयते!” वहीं BJP वाले मुंह बनाकर बोले – “हम कोर्ट का सम्मान करते हैं… लेकिन TMC के leaders का बर्ताव तो देखो!” एक तरफ जहां TMC इसे अपनी ‘मोरल विक्टरी’ बता रही है, वहीं कानून जानकार कह रहे हैं कि ये फैसला भविष्य के लिए एक मिसाल कायम करता है।

राजनीति में गर्माहट: कौन क्या बोला?

TMC वाले तो जैसे झूम ही पड़े! सोशल media पर #JusticeForDemocracy ट्रेंड करवा दिया। एक TMC नेता ने तो यहां तक ट्वीट किया – “मोदी सरकार की हार हुई है!” वहीं BJP वाले चुपचाप गुस्सा पी रहे हैं। उनका कहना है – “कोर्ट का फैसला मानेंगे, लेकिन TMC वालों को सबक सिखाना बाकी है।” मजे की बात ये कि कांग्रेस ने भी इस मौके पर अपनी राय रखी – “हमेशा की तरह, सरकार ने संस्थाओं को दबाने की कोशिश की।”

अब आगे क्या? राजनीति का नया समीकरण

तो अब सवाल ये है कि ये फैसला TMC को कितना फायदा पहुंचाएगा? राजनीति के जानकार कह रहे हैं कि बंगाल में तो ममता को बूस्ट मिल ही गया। राष्ट्रीय स्तर पर? देखना होगा। कानूनी रूप से अभी ये मामला पूरी तरह खत्म नहीं हुआ – हाईकोर्ट में अपील हो सकती है। लेकिन फिलहाल तो TMC के लिए ये बड़ी राहत की बात है। और हां, ये फैसला सिर्फ एक केस नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र में विरोध के अधिकार पर एक बड़ी बहस छेड़ सकता है।

अंत में बस इतना – ये मामला साबित करता है कि भारत की अदालतें अभी भी स्वतंत्र हैं। चाहे सत्ता में कोई भी हो। और ये बात ही हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। TMC के लिए जीत तो है ही, पर देश के लिए ये एक अहम सबक भी है। क्या आपको नहीं लगता?

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ममता के 10 विधायकों को मिली बड़ी राहत – जानिए सारे सवालों के जवाब

अरे भाई, पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बड़ा मोड़ आया है! दिल्ली कोर्ट ने ममता बनर्जी के 10 विधायकों को बड़ी राहत दे दी है। पर सवाल यह है कि यह फैसला आगे क्या असर दिखाएगा? चलिए, बात करते हैं…

1. कोर्ट ने आखिर किस मामले में दी राहत?

देखिए, यह कोई छोटा-मोटा केस नहीं था। CBI के खिलाफ चल रहे इस case में कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। असल में, यह सारा मामला ‘office of profit’ से जुड़ा था – वही पुराना मसला जिसमें विधायकों पर आरोप लगे थे। अब इन्हें राहत मिल गई है। बड़ी बात है, है न?

2. ममता सरकार के लिए यह क्यों है जीत?

असल में देखा जाए तो… यह सिर्फ कानूनी जीत नहीं, राजनीतिक जीत भी है। इन विधायकों को legal troubles से छुटकारा मिल गया। और जब आपके 10 विधायक एक साथ केस से बाहर निकलें, तो TMC की ताकत तो बढ़ेगी ही न? मानो किसी क्रिकेट मैच में 10 विकेट बच गए हों!

3. क्या यह फैसला फाइनल है? CBI क्या करेगी?

ईमानदारी से कहूं तो… अभी तक यह lower court का फैसला है। और हम सब जानते हैं कि CBI अक्सर ऐसे मामलों में higher court का दरवाजा खटखटाती है। लेकिन हैरानी की बात यह कि अभी तक उनकी तरफ से कोई official statement नहीं आया। शायद वे अपनी रणनीति पर काम कर रहे हैं।

4. Office of profit – यह चीज है क्या बला?

अच्छा सवाल पूछा! इसे ऐसे समझिए – मान लीजिए आपको बिना परीक्षा दिए ही नौकरी मिल जाए और सैलरी भी। तो यही होता है office of profit। विधायकों के लिए यह बेहद अहम है, क्योंकि अगर वे ऐसे पद पर पाए जाते हैं तो… बाम! उनकी सीट जा सकती है। बस यही पूरा मामला था।

तो कैसा लगा आपको यह विश्लेषण? कोई और सवाल हो तो पूछिएगा जरूर। क्योंकि राजनीति तो हमेशा से दिलचस्प रही है, है न?

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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