मथुरा शाही ईदगाह विवाद: हाईकोर्ट का फैसला और हिंदू पक्ष का झटका
तो अब मथुरा में शाही ईदगाह का मामला फिर चर्चा में है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है – हिंदू पक्ष की अर्जी खारिज! अब सवाल यह है कि आगे क्या? कोर्ट ने साफ कहा कि यह मामला पहले ही निपट चुका है, और ईदगाह को “विवादित ढांचा” मानने से साफ इनकार कर दिया। VHP और दूसरे हिंदू संगठनों के लिए यह बड़ा झटका है, क्योंकि श्रीकृष्ण जन्मभूमि के आसपास की जमीन पर उनका दावा अब कमजोर पड़ गया है।
पूरा मामला क्या है? समझते हैं…
देखिए, यह ईदगाह श्रीकृष्ण जन्मभूमि के बिल्कुल पास है। हिंदू पक्ष का कहना है कि यहाँ पहले मंदिर था। मामला पुराना है – 1968 में ही दोनों पक्षों में समझौता हो चुका था। लेकिन 2020 में हिंदू पक्ष ने नई याचिका डाली, कहा कि समझौता साफ नहीं था और archaeological survey होना चाहिए। मतलब साफ है – वे मौके को फिर से खोलना चाहते थे।
कोर्ट ने क्या कहा?
हाईकोर्ट ने बिल्कुल साफ शब्दों में कह दिया – “1968 का समझौता पूरी तरह वैध है।” जज साहब ने याचिका में दिए तर्कों को खारिज करते हुए कहा कि ईदगाह को विवादित नहीं ठहराया जा सकता। अब हिंदू पक्ष के पास सिर्फ एक ही रास्ता बचा – सुप्रीम कोर्ट में अपील। और अगर वे ऐसा करते हैं, तो यह मामला और लंबा खिंचेगा। सच कहूँ तो, यह तो शुरुआत है!
किसने क्या कहा? प्रतिक्रियाओं का दंगल
VHP वालों का कहना है – “हम निराश हैं, लेकिन लड़ाई जारी रखेंगे।” वहीं ईदगाह कमेटी ने राहत की सांस ली है। राजनीति वालों ने भी अपनी-अपनी रोटियाँ सेकनी शुरू कर दी हैं। कुछ कह रहे हैं कि कोर्ट ने सही फैसला दिया, तो कुछ का कहना है कि हिंदू भावनाओं को ठेस पहुँची है। असल में, यह मामला अब कानून से ज्यादा राजनीति और समाज में बहस का विषय बन चुका है।
आगे क्या होगा? भविष्य की गुत्थी
अब सबकी नजर सुप्रीम कोर्ट पर है। पर मुझे लगता है, यह मामला जल्द खत्म होने वाला नहीं। दो संभावनाएँ हैं – या तो लंबी कानूनी लड़ाई होगी, या फिर सड़कों पर प्रदर्शन शुरू हो जाएंगे। प्रशासन ने तो पहले ही मथुरा में सुरक्षा बढ़ा दी है। शायद उन्हें पता है कि आगे क्या होने वाला है!
एक बात तो तय है – हाईकोर्ट के इस फैसले ने मामले को नया मोड़ दे दिया है। लेकिन यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई। धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक – तीनों मोर्चों पर यह विवाद जारी रहेगा। और हम सबको बस इतना करना है कि शांति बनाए रखें। बाकी, समय बताएगा कि आखिरकार क्या होता है।
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मथुरा शाही ईदगाह विवाद – वो सारे सवाल जो आप पूछना चाहते हैं
1. ये पूरा विवाद क्या है?
देखिए, बात ये है कि मथुरा की शाही ईदगाह को लेकर एक legal और historical झगड़ा चल रहा है। हिंदू पक्ष का कहना है कि ये जगह असल में कृष्ण जन्मभूमि complex का हिस्सा थी। पर हाल में हाईकोर्ट ने इसे “विवादित ढांचा” मानने से इनकार कर दिया। थोड़ा confusing है न? चलिए आगे समझते हैं।
2. कोर्ट ने आखिर क्या कहा?
हाईकोर्ट ने साफ़-साफ़ कह दिया – “नहीं, ये विवादित नहीं है।” उन्होंने हिंदू पक्ष की याचिका को ठुकरा दिया। और ये फैसला कोई हवा में नहीं दिया गया – Places of Worship Act, 1991 के तहत दिया गया है। लेकिन सवाल ये उठता है कि ये एक्ट आखिर है क्या?
3. ये Places of Worship Act क्या चीज़ है?
असल में ये 1991 का एक कानून है जो एक simple सा नियम बनाता है – 15 अगस्त 1947 को जिस तरह से कोई धार्मिक स्थल था, उसे वैसे ही रहने दो। कोई उसकी पहचान बदलने की कोशिश न करे। थोड़ा वो “फ्रीज फ्रेम” वाला concept समझ लीजिए।
4. अब क्या सुप्रीम कोर्ट जाएंगे?
देखिए, हिंदू पक्ष के वकील तो कह रहे हैं कि Supreme Court में appeal करेंगे। पर अभी तक कुछ पक्का नहीं है। मेरा personal अनुमान? ये case तो शायद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचेगा ही। क्योंकि ऐसे मामले… आप समझ ही रहे होंगे।
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