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“Metro In Dino Review: रिश्तों की कड़वाहट में अनुराग की मधुर छुअन, क्या यह फिल्म है देखने लायक?”

Metro In Dino Review: अनुराग बसु का वो जादू जो रिश्तों की दरारों में से भी खुशबू निकाल लेता है!

भई, बात करते हैं अनुराग बसु की नई फिल्म “Metro In Dino” की। सच कहूँ तो मैं थिएटर में इसलिए गया था क्योंकि “Life In A Metro” का दीवाना हूँ। और हाँ, ये फिल्म उसकी सीक्वल तो नहीं है, मगर वही एहसास… वही शहरी अकेलापन… वही रिश्तों की टूटती-बनती डोर। 17 नवंबर को रिलीज़ हुई ये फिल्म सारा अली खान और अदिति राव हैदरी जैसी एक्ट्रेसेस के साथ आई है – पर सवाल ये है कि क्या ये सब मिलकर कुछ खास बना पाए? चलो, डिस्कस करते हैं!

कहानी: जब मिल जाती है Love, Betrayal और Self-Discovery की मिक्सर ग्राइंडर

देखिए न, मुंबई-दिल्ली के ये शहरी युवा… बाहर से तो इनकी ज़िंदगी Instagram फ़ोटोज जैसी परफेक्ट लगती है। नैना (सारा) और कबीर (विक्रांत) का रिश्ता शुरू में तो वाकई #CoupleGoals लगता है। पर अरे भाई, रिश्ते तो वहीँ दिलचस्प होते हैं जहाँ दरारें दिखने लगें! फिल्म में ट्विस्ट्स हैं, कुछ तो सच में अच्छे हैं… हालाँकि मैं मानूँ तो दो-एक जगह मुझे पहले ही अंदाज़ा हो गया था कि अब क्या होने वाला है। लेकिन ईमानदारी से कहूँ तो भावनाओं की जो लय है, वो आपको बाँधे रखती है।

अभिनय: सारा ने मारा छक्का या फिर…?

अब बात करें एक्टिंग की तो… वाह! सारा अली खान ने सच में इस बार खुद को साबित कर दिया। उनका वो इमोशनल सीन जहाँ वो रोती हैं… भई, मैं तो साथ-साथ रोने लगा! विक्रांत मैसी भी अच्छे हैं, पर कभी-कभी लगा जैसे वो अपने comfort zone से बाहर नहीं निकल पा रहे। अदिति राव हैदरी? छोटी सी भूमिका में भी जान डाल दी। बस कुछ साइड किरदारों को थोड़ा और explore किया जा सकता था… शायद part 2 में?

अनुराग बसु का निर्देशन: क्या यही है वो ‘X Factor’?

अनुराग बसु की फिल्मों में एक खास बात होती है – वो शहरों को सिर्फ़ लोकेशन नहीं, बल्कि एक किरदार की तरह इस्तेमाल करते हैं। यहाँ मुंबई की रातें… उसकी चमकती इमारतें… सब कुछ जैसे कहानी का हिस्सा बन जाता है। संगीत? एकदम ज़बरदस्त! “Zindagi Yeh Zindagi” तो मेरे फोन पर लगातार लूप में चल रहा है। सिनेमैटोग्राफी की बात करूँ तो नाइट शॉट्स देखकर मन करता है कि तुरंत मुंबई घूमने चला जाऊँ!

कमियाँ? हाँ, कुछ तो हैं…

दूसरी एक्ट में थोड़ा सा लैग महसूस हुआ। कुछ सीन्स ऐसे थे जिन्हें शायद एडिटिंग रूम में हटा देना चाहिए था। और क्लाइमैक्स… हम्म… थोड़ा और तगड़ा हो सकता था। लेकिन ये छोटी-मोटी कमियाँ फिल्म के मैसेज को डिलीवर करने से नहीं रोक पातीं।

तो क्या आपको देखनी चाहिए?

अगर आपको slow-burning, character-driven ड्रामा पसंद है तो ये फिल्म आपके लिए ही बनी है। परिवार के साथ जाने से पहले थोड़ा सोच लें – कुछ सीन्स थोड़े heavy हैं। मेरा रेटिंग? 5 में से 3.75 स्टार्स! बॉक्स ऑफिस पर तो पता नहीं, पर OTT पर ये ज़रूर धूम मचाएगी।

फाइनल वर्ड्स

मेट्रो इन डिनो वो फिल्म है जो आपको थिएटर से निकलकर भी सोचने पर मजबूर कर देती है। रिश्ते, प्यार, धोखा… ये सब कितना कॉम्प्लेक्स है न? अनुराग बसु ने एक बार फिर अपनी कहानी कहने के अंदाज़ से मोह लिया। मेरी सलाह? अगर आपको गहरी, इमोशनल स्टोरीज पसंद हैं तो इसे मिस मत कीजिएगा। चाहे थिएटर में, चाहे OTT पर – एक बार तो देखिए!

और हाँ… आपने फिल्म देखी? कमेंट्स में बताइएगा कि आपको कैसी लगी। मैं तो अभी भी उस इमोशनल सीन से उबर नहीं पाया हूँ!

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Metro In Dino Review – वो सवाल जो हर किसी के दिमाग में है!

1. भईया, ये Metro In Dino आखिर है क्या?

देखिए न, Metro In Dino कोई साधारण romantic drama नहीं है। असल में, ये उन relationships की कहानी कहती है जहां प्यार के साथ-साथ ज़िंदगी के उलझे हुए emotions भी हैं। अब सवाल यह है कि क्या ये फिल्म सच में दिल छू लेती है? मेरी राय में, Anurag Kashyap ने इसमें second chances के concept को बड़े ही खूबसूरत तरीके से पेश किया है। थोड़ा अलग है, पर कमाल का!

2. पैसे खर्च करके देखने लायक है या नहीं?

अगर आपको वो typical ‘हैप्पी-हैप्पी’ love stories पसंद हैं, तो शायद नहीं। लेकिन… और यह बड़ा लेकिन है… अगर आप relationships की असली complexities समझना चाहते हैं, तो ये फिल्म आपके लिए ही बनी है। हां, थोड़ी slow है, पर क्या करें – अच्छी चीज़ें जल्दी तो होती नहीं न? Music तो एकदम ज़बरदस्त है, सच कहूं तो!

3. कौन-कौन है इसमें? कोई बड़े सितारे तो नहीं?

अरे भई, Aditya Roy Kapur और Sara Ali Khan तो हैं ही – जिनकी chemistry स्क्रीन पर चिंगारी की तरह दिखती है। पर असली मज़ा तो उन supporting actors में है जो story को और भी realistic बना देते हैं। ऐसा लगता है जैसे ये characters हमारे आस-पास ही कहीं मौजूद हैं।

4. क्या ये Anurag Kashyap की पुरानी फिल्मों जैसी है?

ईमानदारी से कहूं तो… बिल्कुल नहीं! उनकी वो dark और gritty style यहां नहीं मिलेगी। पर हैरानी की बात ये है कि उनकी storytelling का जादू अभी भी कायम है। एक तरफ तो ये mainstream romantic drama है, पर दूसरी तरफ इसमें वो depth भी है जो Anurag की पहचान है। थोड़ा अजीब combo है, पर काम कर गया!

Source: NDTV Khabar – Latest | Secondary News Source: Pulsivic.com

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