मोदी सरकार के 10 साल: 17 करोड़ युवाओं को रोजगार मिला? मांडविया का दावा और असली सच्चाई
आज केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने एक बड़ा दावा किया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि पिछले 10 साल में 17 करोड़ युवाओं को रोजगार मिला है। सुनने में तो ये आंकड़ा किसी सपने जैसा लगता है, है न? लेकिन सवाल यह है कि क्या ये पूरी तस्वीर बताता है? खैर, मांडविया जी ने ये भी कहा कि अगले 5 साल के लिए एक नई योजना आने वाली है जो और जॉब्स पैदा करेगी।
असल में देखा जाए तो बेरोजगारी की समस्या भारत में वैसे भी बहुत पुरानी है। मोदी सरकार ने इससे निपटने के लिए ‘Make in India’, ‘Skill India’ जैसे कार्यक्रम चलाए। अच्छी बात ये रही कि सिर्फ नौकरियां ही नहीं, skills पर भी ध्यान दिया गया। पर सच कहूं तो विपक्ष हमेशा से इन आंकड़ों पर उंगली उठाता रहा है। और कुछ हद तक उनकी बात भी समझ आती है।
एक दिलचस्प बात – मांडविया जी के मुताबिक ये 17 करोड़ जॉब्स सिर्फ organized sector में नहीं हैं। छोटे-मोटे काम, दुकानदारी, गिग इकॉनमी वगैरह भी इसमें शामिल हैं। अब आगे की योजना manufacturing और green energy जैसे सेक्टर्स पर फोकस करेगी। सरकार का दावा है कि हर साल 50 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी। अच्छी बात है, लेकिन क्या ये संभव है? वक्त ही बताएगा।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं? जैसी उम्मीद थी वैसी ही आईं। भाजपा वालों ने इसे ऐतिहासिक उपलब्धि बताया। वहीं राहुल गांधी जी ने तो सीधे इन आंकड़ों को ‘झूठ’ कह दिया। FICCI जैसे उद्योग संगठनों ने नई योजना का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे इकॉनमी को फायदा होगा।
अब सबसे बड़ा सवाल – आगे क्या? सरकार ने योजना तो बना दी है, पर विशेषज्ञों का मानना है कि रिजल्ट दिखने में 2-3 साल लग सकते हैं। और हां, विपक्ष की मांग है कि इन रोजगार आंकड़ों की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। देखते हैं सरकार इस पर क्या रिएक्ट करती है।
एक बात तो तय है – अगले चुनावों में रोजगार बड़ा मुद्दा बनेगा। क्योंकि युवाओं के लिए ये सवाल हमेशा अहम रहा है। सरकार के दावे और विपक्ष के सवालों के बीच, असली टेस्ट तो तब होगा जब ये नई योजना जमीन पर उतरेगी। तब तक? इंतज़ार कीजिए और देखिए!
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मोदी सरकार के 10 साल: युवाओं को रोजगार – कुछ सवाल जो आपके दिमाग में भी आते होंगे
1. मोदी सरकार ने 10 साल में कितने युवाओं को रोजगार दिया है?
असल में, मनसुख मांडविया जी का दावा है कि पिछले एक दशक में 17 करोड़ युवाओं को नौकरी मिली है। ये आंकड़ा तो बड़ा लगता है न? लेकिन यहां एक बात समझनी ज़रूरी है – इसमें सरकारी नौकरियों से लेकर प्राइवेट सेक्टर तक, सब कुछ शामिल है। EPFO जैसे स्रोतों से मिले डेटा के आधार पर ये दावा किया गया है।
2. युवाओं के लिए मोदी सरकार की कौन-कौन सी योजनाएं चल रही हैं?
देखिए, सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं जिनके नाम तो आपने भी सुने होंगे – Skill India, Startup India, PMKVY वगैरह। मगर सवाल ये है कि क्या ये सिर्फ़ नाम की योजनाएं हैं या असल में काम कर रही हैं? मेरे कुछ दोस्तों ने PMKVY के तहत ट्रेनिंग ली थी – कुछ को फायदा हुआ, कुछ को नहीं। ये तो आपको ग्राउंड लेवल पर देखना होगा।
3. क्या ये रोजगार आंकड़े सही हैं? इन्हें कैसे verify किया जा सकता है?
सच कहूं तो ये बहस का मुद्दा है। सरकार कहती है EPFO, NPS जैसे official डेटा के आधार पर ये आंकड़े दिए गए हैं। लेकिन कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इनमें पार्ट-टाइम और अस्थायी नौकरियों को भी गिन लिया गया है। आप खुद जाकर NCS पोर्टल या EPFO की वेबसाइट पर डेटा चेक कर सकते हैं।
4. नौकरी पाने के लिए युवाओं को क्या करना चाहिए?
मेरा मानना है कि सिर्फ़ सरकारी योजनाओं का इंतज़ार करने से काम नहीं चलेगा। पहली बात तो – NCS जैसे पोर्टल्स पर प्रोफाइल बनाइए। दूसरा, skills सीखने के लिए कोई अच्छा सा online course join कीजिए – Coursera, Udemy पर बहुत कुछ मिल जाता है। और सबसे ज़रूरी – नेटवर्किंग! LinkedIn पर एक्टिव रहिए, लोगों से जुड़िए। ये तीन चीज़ें अगर आप कर लें, तो 50% काम तो हो ही जाएगा।
Source: NDTV Khabar – Latest | Secondary News Source: Pulsivic.com