“मालदीव में ‘मोदी जिंदाबाद’ के नारों से गूंज उठा माले! जनसैलाब के शानदार वीडियो देखें”

माले की सड़कों पर गूंजा “मोदी जिंदाबाद” – क्या ये सिर्फ एक स्वागत था या कुछ और?

आज मालदीव की राजधानी माले में कुछ ऐसा हुआ जिसने सबका ध्यान खींचा। वो भी कैसा नज़ारा! प्रधानमंत्री मोदी के आते ही जैसे पूरा शहर उमड़ पड़ा। सड़कें भारतीय तिरंगे और “मोदी जिंदाबाद” के नारों से गूंज उठीं। असल में, ये सिर्फ एक औपचारिक स्वागत नहीं था – ये तो वो पल था जब दो देशों की दोस्ती साफ दिखाई दे रही थी। और हां, मोदी जी की लोकप्रियता का एक और प्रमाण भी।

पुरानी दोस्ती, नए अध्याय

देखिए, भारत और मालदीव का रिश्ता कोई नया तो है नहीं। सदियों से चला आ रहा है ये साथ – संस्कृति हो या व्यापार। लेकिन पिछले कुछ सालों में ये रिश्ता और भी गहरा हुआ है। Defense से लेकर tourism तक – हर क्षेत्र में सहयोग बढ़ा है। मोदी जी की ये यात्रा तो जैसे चेरी ऑन द केक वाली बात हो गई। खासकर तब, जब China का प्रभाव बढ़ने की बातें चल रही थीं। Strategic तौर पर ये visit कितना अहम है, समझा जा सकता है।

क्या देखा माले में?

अरे भई! जिस तरह से लोग सड़कों पर उमड़े, वो किसी को भी हैरान कर दे। मोदी जी का काफिला आते ही जैसे पूरा शहर जीवंत हो उठा। “भारत-मालदीव दोस्ती जिंदाबाद” के नारे… तिरंगे लहराते हाथ… social media पर तो ये वीडियोस आग की तरह फैल गए। और सच कहूं तो मालदीव सरकार ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। Special arrangements थे, security थी – मानो कोई बड़ा उत्सव हो।

लोग क्या कह रहे हैं?

एक स्थानीय निवासी का कहना था – “भारत हमारा असली दोस्त है।” वहीं भारतीय प्रवासियों के लिए ये एक भावुक पल था। सरकारी प्रवक्ता तो बिल्कुल उत्साहित थे – “ये यात्रा नई ऊर्जा देगी।” हालांकि opposition के कुछ लोगों ने सावधानी की बात जरूर की, लेकिन ये भी माना कि “भारत के साथ रिश्ते जरूरी हैं।” सच्चाई ये है कि जब जनता का उत्साह हो, तो राजनीति भी पीछे रह जाती है।

आगे क्या होगा?

अब तो बस इंतज़ार है नए agreements का। Defense deals हो या economic partnerships – कुछ बड़ी घोषणाएं आने वाली हैं। Experts की मानें तो China के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने में ये visit game-changer साबित हो सकती है। और हां, tourism को लेकर भी कुछ नए प्रोजेक्ट्स शुरू हो सकते हैं। दोनों देशों के लिए ये एक win-win स्थिति है।

अंत में…

माले में जो हुआ, वो सिर्फ एक PM का स्वागत नहीं था। ये तो दोस्ती का जश्न था। Mutual trust का, साझा इतिहास का। जब आम लोग इतने उत्साहित हों, तो समझ लीजिए – ये रिश्ते सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं हैं। और हां, ये visit निश्चित तौर पर एक नए अध्याय की शुरुआत है। देखते हैं आगे क्या होता है!

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मालदीव में ‘मोदी जिंदाबाद’ के नारे: असली कहानी क्या है?

आखिर मालदीव में ‘मोदी जिंदाबाद’ क्यों गूंज रहा था?

देखिए, बात सीधी है। जब PM मोदी मालदीव पहुंचे, तो वहां के भारतीयों का उत्साह देखने लायक था। असल में, ये सिर्फ नारे नहीं थे, बल्कि दोनों देशों की दोस्ती की गूंज थी। मानो कोई पुराने दोस्त को देखकर बच्चों की खुशी!

मालदीव में भारतीयों की कितनी तादाद है?

अरे, काफी बड़ी संख्या है भाई! Tourism से लेकर hospitals तक – हर जगह आपको हमारे भारतीय भाई-बहन मिल जाएंगे। शायद यही वजह है कि मोदी जी को वहां इतना प्यार मिला। क्या आप जानते हैं? मालदीव के कई बड़े business में भारतीयों की बड़ी भागीदारी है।

वो viral वीडियो कहां मिलेगा?

यार, social media तो अभी इससे भरा पड़ा है! Twitter पर #ModiInMaldives सर्च करो, या फिर YouTube पर थोड़ा खोजो – मिल ही जाएगा। Pro tip: कुछ official handles जैसे @PMOIndia ने भी इसे शेयर किया है। एक बार देख लो, मजा आ जाएगा!

क्या यह सरकारी इंतजाम था?

सच कहूं? बिल्कुल नहीं! ये तो वहां के लोगों का दिल से निकला प्यार था। जब आप किसी को सच में सम्मान देते हैं, तो वो ऐसे ही spontaneous reactions आते हैं। है न? मालदीव सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं था – बस जनता का जोश!

वैसे… आपको क्या लगता है? क्या ये नारे सच में दोनों देशों के रिश्तों की मजबूती दिखाते हैं? कमेंट में बताइए!

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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