मोदी-मुइज्जू मिलन: क्या यह मालदीव और भारत के रिश्तों का ‘आइस-ब्रेकर’ साबित होगा?
अरे भाई, कभी-कभी राजनीति में भी ऐसे पल आते हैं जब एक हाथ मिलाना सिर्फ फॉर्मलिटी नहीं, बल्कि पूरे रिश्ते का टर्निंग पॉइंट बन जाता है। वही हुआ जब PM मोदी ब्रिटेन से सीधे माले पहुंचे और मुइज्जू साहब ने उन्हें एयरपोर्ट पर ऐसे गले लगाया जैसे कोई पुराना दोस्त मिल रहा हो। सच कहूं तो ये सीन देखकर यकीन नहीं होता कि कुछ महीने पहले तक दोनों देशों के बीच इतनी सर्दी थी!
असल में बात ये है कि मालदीव में मुइज्जू सरकार के चीन-समर्थक रुख ने भारत के साथ रिश्तों में खटास ला दी थी। याद है न वो मामला जब उन्होंने भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने की मांग की थी? उस वक्त तो लगा था कि रिश्ते बिल्कुल ही खत्म हो जाएंगे। लेकिन राजनीति में कुछ भी अंतिम नहीं होता, है न? मोदी जी की ये यात्रा ठीक वैसी ही है जैसे कोई बिछड़े हुए दोस्तों के बीच पहला कदम।
देखा जाए तो इस मुलाकात में सिर्फ गले मिलने से ज्यादा हुआ। दोनों नेताओं ने व्यापार से लेकर सुरक्षा तक कई मुद्दों पर गंभीर चर्चा की। और सबसे बड़ी बात – मालदीव ने भारत के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई! ये उतना ही बड़ा डील है जितना कि कोई क्रिकेट मैच में लास्ट ओवर में छक्के मारकर मैच जीत लेना।
अब सवाल ये उठता है कि आगे क्या? विदेश मंत्रालय वालों ने तो अपनी फॉर्मल भाषा में कह दिया कि “यह यात्रा विश्वास बढ़ाएगी”। लेकिन असल मायने में, इससे हिंद महासागर में चीन के बढ़ते दखल को संतुलित करने में मदद मिल सकती है। और हां, मालदीव में भारतीय पर्यटकों के लिए भी शायद अच्छी खबर आए। वैसे भी, कौन नहीं चाहेगा कि उसकी छुट्टियां सस्ती और बेहतर हों?
एक तरफ तो ये यात्रा वाकई ऐतिहासिक है। लेकिन दूसरी तरफ, अभी बहुत कुछ देखना बाकी है। क्या ये नया रिश्ता वाकई टिकाऊ होगा? या फिर ये सिर्फ राजनीति का एक चालबाज़ चाल है? वक्त ही बताएगा। फिलहाल तो यही कहा जा सकता है – अच्छी शुरुआत, आधी जीत। बाकी… देखते हैं!
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मोदी-मुइज्जू मिलन: जानिए सारे जरूरी सवालों के जवाब
अरे भाई, इन दिनों तो हर कोई इस मुलाकात के बारे में बात कर रहा है न? तो चलिए, आपके मन में उठ रहे सवालों को हम भी दूर कर देते हैं।
1. यार, ये मुलाकात हुई कहाँ थी?
देखो न, बात ऐसी है – मालदीव के एयरपोर्ट पर ये ऐतिहासिक मुलाकात हुई। सच कहूँ तो वो दृश्य काफी दिलचस्प रहा जब दोनों नेताओं ने गले मिलकर एक साथ फोटो खिंचवाई। क्या बताऊँ, ऐसा लग रहा था जैसे सच में दूरियाँ कम हो गई हों!
2. असल में इस मिलन का मकसद क्या था?
असल बात तो ये है कि दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत बनाना था। मतलब साफ है न – trade से लेकर security तक, tourism से लेकर दूसरे मुद्दों तक… बहुत कुछ discuss हुआ। एक तरफ तो मालदीव को हमारी जरूरत है, दूसरी तरफ हमें भी उनकी। Win-win situation, है न?
3. सुनने में आ रहा है कि ये मुलाकात काफी खास थी?
अरे बिल्कुल! सोचो न, मालदीव के नए राष्ट्रपति के साथ पीएम मोदी की पहली official meeting थी ये। ईमानदारी से कहूँ तो, इससे पहले जो थोड़ी सी खटास आई थी, वो भी दूर हो गई लगती है। क्या आपको नहीं लगता कि ये एक नई शुरुआत हो सकती है?
4. कोई deals भी हुईं क्या इस मुलाकात में?
हाँ जी! कई agreements पर दस्तखत हुए। असल में देखा जाए तो infrastructure development से लेकर healthcare तक, climate change से जुड़े मुद्दों तक – बहुत कुछ cover किया गया। एकदम ज़बरदस्त। सच में।
तो यार, अब तो आपको पूरी जानकारी मिल गई होगी। कोई और सवाल हो तो पूछ लीजिएगा। वैसे मेरी निजी राय? ये मुलाकात वाकई में काफी अहम साबित हो सकती है आने वाले दिनों में।
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com