Site icon surkhiya.com

“कास्ट सेंसस और OBC महासम्मेलन: क्या कांग्रेस तोड़ पाएगी मोदी का जातीय तिलिस्म?”

कास्ट सेंसस और OBC महासम्मेलन: क्या कांग्रेस मोदी के जादू को तोड़ पाएगी?

दिल्ली में कांग्रेस का ये “भागीदारी न्याय महासम्मेलन” वाकई में चर्चा का विषय बन गया है। और हो भी क्यों न? खड़गे और राहुल गांधी की मौजूदगी में हुए इस आयोजन ने साफ-साफ OBC समुदाय को टारगेट किया है। असल में, 2024 की रेस शुरू हो चुकी है, और हर पार्टी अपने-अपने vote bank को मजबूत करने में जुटी हुई है। पर सवाल यह है कि क्या ये सिर्फ एक शो है या फिर कोई गेम-चेंजर स्ट्रेटजी?

देखिए, एक तरफ तो भाजपा ने पिछले कुछ सालों में OBC वोटर्स पर जो पकड़ बनाई है, वो किसी से छुपी नहीं है। और जब PM खुद OBC बैकग्राउंड से हैं, तो बात और भी ज़ोरदार हो जाती है। वहीं कांग्रेस? उसका ग्राफ लगातार नीचे जा रहा है। ईमानदारी से कहूं तो, ये महासम्मेलन उसी डैमेज कंट्रोल का हिस्सा लगता है। कास्ट सेंसस की मांग तो बस शुरुआत भर है।

राहुल गांधी ने तो खुलकर भाजपा पर निशाना साधा – “ये सिर्फ नाम लेते हैं, काम हम करेंगे!” वाली बात। सुनने में अच्छा लगता है, है न? पर सच्चाई ये है कि OBC नेताओं को पार्टी में जगह देने के वादे अब तक केवल वादे ही रहे हैं। और अब तो जाति जनगणना की मांग इतनी तेज हो गई है कि इसे नज़रअंदाज़ करना मुश्किल होगा।

अब प्रतिक्रियाओं की बात करें तो… भाजपा वाले तो मानो तैयार बैठे थे! “छिछला जातिवाद” का लेबल चस्पां कर दिया। वहीं कुछ OBC नेताओं ने भी साफ कहा – “हमें चॉकलेट वादों से काम नहीं चलेगा, एक्शन चाहिए!” राजनीतिक एक्सपर्ट्स की राय? अगर कांग्रेस को सच में कुछ हासिल करना है, तो ये महासम्मेलन सिर्फ पहला कदम हो सकता है। असली मैच तो अभी बाकी है।

तो अब क्या? मेरा अनुमान है कि कांग्रेस जल्द ही दूसरे राज्यों में भी ऐसे आयोजन करेगी। संसद में कास्ट सेंसस पर बहस होगी ही। और 2024 तक तो ये मुद्दा गरमा ही जाएगा। पर सवाल वही है – क्या कांग्रेस मोदी के उस जादू को तोड़ पाएगी जिसने OBC वोटर्स को बांध रखा है? जवाब तो समय ही देगा, लेकिन एक बात तय है – अगले कुछ महीने देखने लायक होंगे!

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

Exit mobile version