ट्रंप के टैरिफ पर मोदी सरकार का जवाब! ‘Rare Earth‘ प्लान से अमेरिका को चौंका देगा भारत?
देखिए न, मोदी सरकार ने आखिरकार अमेरिकी टैरिफ का जवाब देने का रास्ता ढूंढ ही लिया। और वो भी ऐसे सेक्टर में जहां से किसी ने उम्मीद नहीं की थी – rare earth minerals! सच कहूं तो ये मूव सिर्फ जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि एक बड़ा स्ट्रैटेजिक गेम-चेंजर है। अब भारत में ही processing units और magnet factories लगाने की तैयारी चल रही है। मतलब साफ है – अमेरिका को जवाब तो देना ही है, साथ ही वैश्विक सप्लाई चेन में अपनी जगह भी बनानी है।
पूरा माजरा क्या है? ट्रंप की टैरिफ से लेकर भारत की चाल तक
याद है न वो ट्रंप का दौर? जब अमेरिका ने भारत समेत कई देशों पर टैरिफ की बौछार कर दी थी। स्टील, एल्युमिनियम से लेकर हस्तशिल्प तक – सब प्रभावित हुए। लेकिन अब भारत ने जो कदम उठाया है, वो तो एकदम मास्टरस्ट्रोक है! Rare earth minerals… यानी आधुनिक इकॉनमी की असली बैकबोन। सोचिए – इलेक्ट्रिक वाहन, स्मार्टफोन, डिफेंस equipment से लेकर renewable energy तक, सबमें इनकी जरूरत। अब तक तो चीन का इस मार्केट पर कब्जा था, पर लगता है अब गेम बदलने वाला है!
क्या है भारत की प्लानिंग? तीन बड़े मूव
सरकार ने इसके लिए एक खास task force बनाई है। और उनकी रणनीति में तीन मुख्य बातें:
1. देश में ही rare earth processing units लगाना
2. Permanent magnet manufacturing को बूस्ट देना
3. R&D पर जोर बढ़ाना
असल में बात ये है कि अभी तक हम कच्चा माल निर्यात करते थे और फिर महंगे दामों पर प्रोसेस्ड प्रोडक्ट खरीदते थे। बिल्कुल वैसे ही जैसे सब्जी बेचकर फिर उसी की सब्जी खरीदना! इस नई योजना से न सिर्फ हमारा आयात बिल कम होगा, बल्कि अमेरिका-यूरोप जैसे मार्केट में नए अवसर भी मिलेंगे।
क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स? मिल रही है तारीफ
इंडस्ट्री के लोगों का कहना है कि ये प्लान वाकई में गेम-चेंजर साबित हो सकता है। खासकर electronics और डिफेंस सेक्टर के लिए तो ये किसी वरदान से कम नहीं। एक इंडस्ट्री लीडर ने तो यहां तक कहा – “अगर ये प्लान सफल रहा, तो भारत सप्लाई चेन का नया किंग बन जाएगा!” राजनीतिक विश्लेषक भी इसे सिर्फ इकॉनमिक नहीं, बल्कि स्ट्रैटेजिक मूव मान रहे हैं। सोचिए, जियो-पॉलिटिक्स में हमारी पोजीशन कितनी मजबूत होगी!
आगे क्या? 2-3 साल में बदल सकती है तस्वीर
एक्सपर्ट्स की मानें तो अगले 2-3 साल में भारत rare earth में आत्मनिर्भर हो सकता है। मतलब? अमेरिका और यूरोप के साथ हमारे रिश्ते और मजबूत होंगे। साथ ही, भारत एक नई टेक हब के तौर पर उभरेगा। सबसे बड़ी बात – चीन का जो 80% मार्केट कंट्रोल है, उसे चुनौती मिलेगी। सच कहूं तो ये ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ को असली मायने देने वाला कदम है।
तो कुल मिलाकर? मोदी सरकार ने ट्रंप के टैरिफ का न सिर्फ जवाब दिया है, बल्कि भारत को टेक और डिफेंस में सुपरपावर बनाने का रास्ता भी खोल दिया है। अब देखना ये है कि ये प्लान कितना कामयाब होता है। पर एक बात तो तय है – अंतरराष्ट्रीय पटल पर भारत की छवि अब और भी मजबूत होगी!
ट्रंप के टैरिफ और मोदी के ‘रेयर अर्थ’ प्लान: असली मामला क्या है?
PM मोदी का ‘रेयर अर्थ’ प्लान – सिर्फ एक कदम या चेकमेट?
देखिए, ये ‘रेयर अर्थ’ वाला प्लान कोई रैंडम आइडिया नहीं है। असल में, ये एक सोचा-समझा strategic move है जिसमें भारत rare earth minerals के मामले में अपना दबदबा बढ़ाने वाला है। पर सवाल ये है कि क्या ये सच में ट्रंप की टैरिफ policy के जवाब में है? मेरे ख्याल से हां, और काफी स्मार्ट तरीके से!
रेयर अर्थ मिनरल्स – ये चीज़ है क्या बला?
अरे भई, ये कोई मामूली चीज़ नहीं! सोचो तो सही – आपके smartphone से लेकर electric vehicles तक, यहां तक कि हमारी defense technology तक में इनकी भूमिका है। जिसके पास इनका control, उसकी global politics में क्या हैसियत… समझ रहे हैं न? एक तरह से ये 21वीं सदी का ‘तिलिस्मी खजाना’ है।
क्या अमेरिका वाकई हैरान रह जाएगा?
सुनिए, अमेरिका फिलहाल rare earth minerals के लिए China का मोहताज है। अब अगर भारत एक विकल्प बनकर उभरता है… तो? बिल्कुल! ये game-changer हो सकता है। मजे की बात ये कि ट्रंप की टैरिफ policy को ये सीधे-सीधे चुनौती देगा। पर क्या China बिना लड़े मान जाएगा? ये देखना दिलचस्प होगा!
हमारी economy पर असर – सिर्फ फायदे या कुछ और?
ईमानदारी से कहूं तो exports बढ़ेंगे, jobs मिलेंगे – ये तो clear है। लेकिन मेरा मानना है कि असली फायदा होगा global market में हमारी हैसियत बढ़ने का। Make in India को तो ये रॉकेट की स्पीड देगा! पर साथ ही, क्या हम इतने तैयार हैं? Infrastructure, technology – ये सब भी तो देखना होगा। एक तरफ opportunity, दूसरी तरफ challenge… कुल मिलाकर exciting तो है ही!
Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com