मोदी अब दूसरे नंबर पर: क्या आप जानते हैं कौन था सिर्फ 13 दिन का PM?
25 जुलाई 2025… यह तारीख भारतीय राजनीति में एक नया इतिहास लिख गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदिरा गांधी के 4,078 दिनों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। अब वो सिर्फ नेहरू जी (5,783 दिन) से पीछे हैं। सोचिए, आजाद भारत के पहले PM ने लगभग 17 साल तक देश चलाया था – ये कोई मामूली बात नहीं! मोदी का यह सफर सिर्फ एक नेता की सफलता नहीं, बल्कि हमारे लोकतंत्र की मजबूती की कहानी भी कहता है।
PM बनने का सफर: कुछ लंबा, कुछ बहुत छोटा!
असल में देखा जाए तो 75 साल में सिर्फ 15 लोग ही PM बने हैं। नेहरू जी तो जैसे इस पद के पर्याय बन गए थे – 1947 से 1964 तक! इंदिरा जी ने भी दो बार में मिलाकर 4,078 दिन शासन किया। लेकिन यहाँ मजेदार बात ये है कि गुलजारीलाल नंदा सिर्फ 13 दिन के PM रहे। है न मजेदार? वो भी दो बार! 1964 में नेहरू जी के निधन के बाद और फिर 1966 में शास्त्री जी के निधन के बाद। राजनीति में ऐसी विडंबनाएं कम देखने को मिलती हैं।
एक तरफ नेहरू-इंदिरा जैसे दीर्घकालिक नेता, दूसरी तरफ नंदा जी का 13 दिन का कार्यकाल। क्या आपको नहीं लगता कि ये हमारे लोकतंत्र की खूबसूरती है?
मोदी का सफर: 2014 से आज तक
याद है 2014 का वो चुनाव? जब मोदी जी ने पहली बार PM पद संभाला था। फिर 2019 में दोबारा जीत… और अब 25 जुलाई 2025 को उन्होंने इंदिरा जी के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। 4,079 दिन! अब अगर 2024 में फिर जीत गए तो? तब तो नेहरू जी का रिकॉर्ड भी टूट सकता है। गणित सीधा है – 2029 तक PM रहे तो सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले PM बन जाएंगे।
लोग क्या कह रहे हैं?
भाजपा तो खुशी से झूम रही है – “मोदी जी के अथक परिश्रम का नतीजा” बता रहे हैं। लेकिन विपक्ष? वो कह रहा है कि “समय से ज्यादा काम मायने रखता है”। सोशल मीडिया पर #ModiRecord ट्रेंड कर रहा है। कुछ लोग गर्व से भरे हैं, तो कुछ का कहना है कि “असली मुद्दों पर ध्यान दो”। ईमानदारी से कहूं तो, दोनों तरफ के तर्क समझ आते हैं।
आगे क्या?
अब सवाल ये है कि क्या मोदी नेहरू जी को भी पीछे छोड़ देंगे? राजनीतिक पंडितों का कहना है कि ये रिकॉर्ड 2024 में भाजपा को फायदा पहुंचा सकता है। पर एक बात याद रखिए – लंबा कार्यकाल अपने आप में सफलता की गारंटी नहीं होता। इतिहास तो बन चुका है, लेकिन अभी और लिखा जाना बाकी है। आपको क्या लगता है – क्या मोदी नेहरू जी का रिकॉर्ड तोड़ पाएंगे? या देश कोई नया चेहरा चाहेगा?
एक बात तो तय है – भारतीय राजनीति का यह सफर कभी उबाऊ नहीं होता!
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Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com