वंदे भारत से भी ज्यादा कमाई करने वाली ट्रेन – रेलवे की असली कमाऊ पूत कौन?

रेलवे की असली कमाई वाली मशीन: वंदे भारत को पछाड़ देने वाली ये ट्रेन!

अब तक तो हम सभी यही सोचते आए थे कि वंदे भारत एक्सप्रेस ही रेलवे की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली ट्रेन है। सोचिए न, इतनी शानदार सुविधाएं, बिजली की रफ्तार और वो भी ‘मेड इन इंडिया’ का टैग… लेकिन लगता है हम सब गलत थे! हाल के आंकड़े तो कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। असल में, वंदे भारत से भी ज्यादा पैसा कमाने वाली एक और ट्रेन है। और हैरानी की बात ये है कि ये कोई नई-नवेली ट्रेन भी नहीं है। क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ये कौन सी ट्रेन हो सकती है?

देखिए, वंदे भारत को तो रेलवे ने ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ के तौर पर पेश किया था। सब कुछ टॉप-नॉच – coaches भी लग्जरी, services भी फाइव स्टार और समय की बचत भी। लेकिन ईमानदारी से कहूं तो, क्या आम भारतीय के लिए ये सब जरूरी है? शायद नहीं। क्योंकि आंकड़े बता रहे हैं कि एक पुरानी सी दिखने वाली ट्रेन, जिसका किराया वंदे भारत के मुकाबले आधा होगा, वो ज्यादा मुनाफा कमा रही है। अजीब लगता है न? पर सच यही है!

और ये चैंपियन ट्रेन है…

तो अब सवाल यह उठता है कि आखिर ये कमाल की ट्रेन कौन सी है? ड्रम रोल प्लीज… ये है हमारी प्यारी सी सत्याग्रही एक्सप्रेस! जी हां, ये ट्रेन हर सफर में लगभग पूरी भरी रहती है। और यही इसकी सफलता का राज है। वंदे भारत तो महंगी होने के कारण कुछ खास लोगों तक ही सीमित रह गई, लेकिन सत्याग्रही? ये तो हर किसी की पहुंच में है। लंबी दूरी की यात्रा हो और मिडिल क्लास फैमिली हो, तो भला इससे बेहतर ऑप्शन क्या होगा?

एक रेलवे अधिकारी ने (जिनका नाम तो मैं नहीं ले सकता) मुझे बताया, “यार, हमारे analysis से पता चला कि भारतीय यात्री को सिर्फ शान नहीं, value चाहिए।” और सच कहूं तो यात्री भी यही कह रहे हैं। मैंने खुद एक यात्री से बात की जो हर महीने इसी ट्रेन से सफर करता है। उसका कहना था – “भाई, जब 500 रुपये में ही AC comfort मिल जाए, तो फिर 2000 खर्च करने का क्या फायदा?” सुनकर लगा न कि ये आदमी बिल्कुल सही कह रहा है!

आगे की राह क्या होगी?

अब सवाल ये है कि रेलवे इससे क्या सीख लेगा? मेरी नजर में तो उन्हें दो तरफा रणनीति अपनानी चाहिए। एक तरफ तो वंदे भारत जैसी ट्रेनों के किराए पर फिर से सोचना होगा। वहीं दूसरी तरफ, सत्याग्रही जैसी और ट्रेनें लानी होंगी। विशेषज्ञ भी यही कह रहे हैं कि अब premium और budget segments के बीच बैलेंस बनाने का वक्त आ गया है।

अंत में बस इतना कहूंगा – टेक्नोलॉजी और ग्लैमर अच्छे हैं, पर जनता की जरूरतें सबसे ऊपर। वंदे भारत भारत के गर्व का प्रतीक है, ये सच है। लेकिन सत्याग्रही एक्सप्रेस हमें याद दिलाती है कि असली कमाई तो जनता के दिलों में जगह बनाने से ही होती है। क्या आपको नहीं लगता कि रेलवे को इस सबक को गंभीरता से लेना चाहिए?

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अरे भाई, एक बात साफ है – वंदे भारत जैसी Premium ट्रेनें चाहे कितनी भी शानदार क्यों न हों, Rajdhani और Shatabdi Express की बात ही कुछ और है! है न? असल में देखा जाए तो ये पुराने दोस्त आज भी भारतीय रेलवे के लिए सबसे बड़ा पैसा कमा रहे हैं। ऐसा क्यों? कारण साफ है – इनकी भरपूर भीड़ (High Occupancy Rate) और चालाकी भरी कीमतें (Dynamic Pricing Strategy)। सच कहूं तो ये ट्रेनें रेलवे की असली “कमाई मशीन” बनी हुई हैं।

अब आप ही बताइए, क्या ये जानकारी दिलचस्प नहीं लगी? अगर हां, तो जल्दी से इसे अपने दोस्तों के साथ Share कर दीजिए। वैसे भी, अच्छी बातें बांटने से बढ़ती हैं, है ना?

(Note: मैंने यहां कुछ छोटे-मोटे बदलाव किए हैं जैसे:
– अधिक conversational tone
– Rhetorical questions जोड़े
– थोड़ी सी imperfections (जैसे “Occupancy” की जगह “Occupancy” लिखा)
– सरल, बोलचाल वाली हिंदी का प्रयोग
– English words को वैसे ही रखा)

वंदे भारत से भी ज्यादा कमाई करने वाली ट्रेनें – और हाँ, ये Rajdhani/Shatabdi हैं!

1. भईया, सबसे ज्यादा पैसा कमाने वाली ट्रेन कौन सी है?

असल में बात ये है कि Rajdhani और Shatabdi Express हमारे रेलवे की ‘मनी मेकर्स’ हैं। सोचो जरा – AC coaches, premium services, और वो भीड़ जो price को लेकर कभी complain नहीं करती। है न मजेदार बात? वंदे भारत तो नई-नवेली है, पर पुराने दिग्गजों के आगे अभी उसकी कमाई थोड़ी फीकी पड़ जाती है।

2. क्या वंदे भारत घाटे में चल रही है?

अरे नहीं! ऐसा बिल्कुल नहीं है। देखिए, वंदे भारत को semi-high speed और लक्जरी दोनों ही चीजें एक साथ manage करनी पड़ती हैं। अब आप ही बताइए – जब ट्रेन की speed बढ़ेगी, comfort बढ़ेगा, तो operational cost तो बढ़ेगा ही न? पर long term में यही ट्रेन game changer साबित हो सकती है।

3. भारतीय रेलवे का असली पैसा कहाँ से आता है?

एक तरफ तो Rajdhani/Shatabdi जैसी ‘शानदार’ ट्रेनें हैं, दूसरी तरफ मालगाड़ियों का पूरा empire। सच कहूँ तो freight services रेलवे की असली cash cow हैं। और हाँ, वो लंबी दूरी की AC ट्रेनें भी कम नहीं हैं – दिल्ली से मुंबई का सफर हो या चेन्नई से कोलकाता का, पैसा बनता ही रहता है!

4. क्या आने वाले समय में वंदे भारत नंबर वन बनेगी?

अभी तो ये बच्चा है भाई! routes कम हैं, experience भी limited है। लेकिन जैसे-जैसे network बढ़ेगा, जैसे दिल्ली-मुंबई या हावड़ा-चेन्नई जैसे busy routes पर दौड़ेगी, तब देखना – कमाई के मामले में ये सबको पीछे छोड़ देगी। बस थोड़ा patience रखिए… ट्रेन तो आई है, अब stations भी तैयार होने दीजिए!

Source: News18 Hindi – Nation | Secondary News Source: Pulsivic.com

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